संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, और पहले ही दिन से सत्र गरमाने के पूरे संकेत मिल रहे हैं। विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। महंगाई, बेरोजगारी, पेगासस जासूसी कांड, मणिपुर और कश्मीर की स्थिति, जातीय जनगणना, और चुनावी बॉन्ड जैसे विषयों को लेकर विपक्ष हमलावर मूड में है। वहीं, सरकार अपनी उपलब्धियों को सामने रखते हुए सत्र को सफल बनाने की कोशिश में जुटी है।
सरकार की प्राथमिकताएं
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस बार मानसून सत्र में करीब 25 विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है। इनमें कुछ महत्वपूर्ण विधेयक, जैसे डिजिटल निजता संरक्षण कानून, जनसंख्या नियंत्रण विधेयक और राष्ट्रीय परीक्षा नियामक प्राधिकरण विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा, बजट की अनुपूरक मांगों पर भी चर्चा संभावित है।
विपक्ष की रणनीति और मांगें
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले कई बैठकों में साझा रणनीति तैयार की है। उनका जोर महंगाई, मंहगे पेट्रोल-डीजल, किसान समस्याएं, बढ़ती बेरोजगारी और सांप्रदायिक घटनाओं पर बहस कराने पर है। इसके साथ ही, वे मणिपुर और जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर भी विशेष चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि सरकार संवेदनशील मुद्दों से ध्यान भटका रही है और संसद में चर्चा से बच रही है।
लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे की आशंका
सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों में जोरदार हंगामे की आशंका है। कई सांसदों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। वहीं, स्पीकर और राज्यसभा के सभापति दोनों ने सभी दलों से सहयोग की अपील की है कि सत्र को सकारात्मक दिशा में चलने दिया जाए।
सत्र की अवधि और सुरक्षा प्रबंध
यह मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर लगभग चार सप्ताह तक चलेगा। संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। साथ ही, नए संसद भवन में यह तीसरा सत्र होगा, जिसको लेकर तकनीकी और प्रशासनिक तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।