उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मनसा देवी मंदिर मार्ग पर रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में 8 लोगों की जान चली गई, जबकि 35 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राज्य सरकार ने तत्काल राहत कार्य शुरू करते हुए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
रविवार को सावन माह के आखिरी रविवार होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। सुबह करीब 11 बजे मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ी मार्ग पर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। बताया जा रहा है कि कुछ श्रद्धालुओं के फिसलने से भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई लोग नीचे गिर पड़े और कुचलने से उनकी मौत हो गई।
प्रशासन की तैयारियों पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के मुताबिक, पुलिस और प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन को लेकर पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए थे। संकरे रास्तों पर हजारों श्रद्धालुओं के एक साथ चढ़ने के कारण अव्यवस्था और घुटन की स्थिति पैदा हुई, जो इस दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहुंचकर लिया जायज़ा
हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सभी घायलों को बेहतरीन इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की।
हेल्पलाइन नंबर जारी
राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1070 और 01334-239000 जारी किया है। साथ ही पुलिस और राहत दलों को चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।
मनसा देवी हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को लेकर धार्मिक स्थलों पर पर्याप्त कदम कब उठाए जाएंगे। लोगों से भी अपील की गई है कि वे धैर्य और अनुशासन बनाए रखें।