यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध एक बार फिर भयंकर रूप लेता दिख रहा है। मंगलवार को रूस द्वारा यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर किए गए भीषण मिसाइल हमलों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह हमला उस समय हुआ जब अधिकांश नागरिक अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे। हमलों ने ना केवल आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि एक बार फिर वैश्विक समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के खारकीव, डोनबास और ओडेसा जैसे इलाकों को निशाना बनाया। इन हमलों में आवासीय इमारतों, अस्पतालों और एक व्यस्त बाजार को भी नुकसान पहुंचा। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को 'आतंकवाद की पराकाष्ठा' बताते हुए कहा कि रूस जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है।
जमीन पर मची अफरा-तफरी
खारकीव में एक बहुमंजिला इमारत को निशाना बनाए जाने के बाद राहत एवं बचाव दल मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकालते नजर आए। कई इलाकों में बिजली और जल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले की निंदा करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस पर एक बार फिर 'युद्ध अपराध' का आरोप लगाया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ करार देते हुए रूस पर और कठोर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग भी तेज हो गई है।
रूस की सफाई
दूसरी ओर, रूस ने यूक्रेन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसका निशाना सिर्फ सैन्य ठिकाने और हथियार डिपो थे। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हमलों के जरिए यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना लक्ष्य था, न कि आम नागरिकों को निशाना बनाना।
युद्ध कब थमेगा?
दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से संघर्षविराम की संभावनाएं क्षीण होती जा रही हैं। कूटनीतिक प्रयास बार-बार असफल हो रहे हैं और जमीनी हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। लाखों यूक्रेनी नागरिक अब भी पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में जीवन गुजार रहे हैं।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और तत्काल बातचीत शुरू करने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी निर्दोष नागरिक की मौत बेहद दुखद है और युद्ध किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता।