दिल्ली में मंगलवार रात से शुरू हुई भारी बारिश ने राजधानी की रफ्तार पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया। सुबह होते-होते नजारा ऐसा था मानो शहर पानी में डूब गया हो। बारिश का कहर केवल आम इलाकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि लुटियंस ज़ोन, इंडिया गेट मार्ग, संसद भवन के आसपास और मुख्यमंत्री आवास जैसे वीआईपी क्षेत्रों में भी भारी जलभराव देखने को मिला। इससे एक बार फिर नगर प्रशासन और जल निकासी व्यवस्था की खामियां उजागर हो गई हैं।
जनपथ, मथुरा रोड, आईटीओ, मंडी हाउस और सरोजिनी नगर जैसे प्रमुख मार्गों पर घंटों लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। ऑफिस जाने वाले लोग घंटों बारिश में फंसे रहे। कई स्कूली बच्चों को घुटनों तक भरे पानी में पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पड़ा। दिल्ली-NCR के विभिन्न हिस्सों में बारिश का स्तर 120 मिमी से अधिक रिकॉर्ड किया गया।
वीआईपी इलाकों की हालत भी बेहाल
सबसे चौंकाने वाली तस्वीरें उन इलाकों से आईं जिन्हें अब तक 'अछूता' माना जाता था — जैसे मुख्यमंत्री आवास, उपराज्यपाल निवास और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के आसपास के क्षेत्र। पानी भरने से वाहन बंद हो गए और सुरक्षा कर्मियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह स्पष्ट संकेत है कि सिस्टम सिर्फ आम नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि सत्ता के गलियारों के लिए भी नाकाफी साबित हो रहा है।
जनता का फूटा गुस्सा
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने MCD, दिल्ली सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की लापरवाही को जमकर कोसा। कई जगहों पर लोगों ने स्थानीय निकायों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए। दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम के बीच समन्वय की कमी एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
बारिश से जुड़े अन्य प्रभाव
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मेट्रो सेवाओं में देरी: कुछ रूटों पर मेट्रो ट्रेनों की गति धीमी रही।
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हादसे: उत्तम नगर में एक दीवार गिरने से दो लोग घायल हुए।
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बिजली आपूर्ति बाधित: कई कॉलोनियों में बिजली घंटों गुल रही।
बारिश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दिल्ली जैसे वैश्विक महानगर को मानसून के हर साल आने वाले इस 'परीक्षा' के लिए अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।