संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत सुरक्षाबलों ने अब तक 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया है, जो जम्मू-कश्मीर और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इन आतंकियों को पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन प्राप्त था।
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को एक सुनियोजित और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ अंजाम दिया गया, जिसका लक्ष्य सीमापार आतंकवाद को निर्णायक रूप से कुचलना था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के चलते बड़ी सफलता मिली।
सीमा पार से मिली ट्रेनिंग और हथियार
रक्षा मंत्री ने संसद में बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से जो हथियार और दस्तावेज़ बरामद हुए हैं, वे इस बात के सबूत हैं कि उन्हें सीमा पार पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी और ISI द्वारा सीधे निर्देश मिल रहे थे। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई आतंकवादी ठिकानों को भी नेस्तनाबूद किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा में भारत पूरी तरह सक्षम
रक्षा मंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है और सरकार किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने दोहराया कि “सीमा पार से चल रहे आतंकवाद को खत्म करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऑपरेशन सिंदूर इसका स्पष्ट उदाहरण है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज़
जहां सत्तारूढ़ दल ने ऑपरेशन सिंदूर को एक “सर्जिकल जवाब” बताया, वहीं विपक्ष ने इससे जुड़े नुकसान और लागत पर भी सवाल उठाए। हालांकि रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि “इस तरह के अभियानों की कीमत सुरक्षा से कम नहीं आंकी जा सकती।”