रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर तेज़ हो गया है। 3 अगस्त को यूक्रेन ने रूस के भीतर एक बड़े सैन्य और ऊर्जा प्रतिष्ठान को निशाना बनाते हुए जोरदार हमला किया। यह हमला रूस के एक प्रमुख तेल भंडारण केंद्र और पास स्थित मिलिट्री एयरफील्ड पर हुआ, जहां आग की लपटें दूर तक देखी गईं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह हमला यूक्रेन द्वारा भेजे गए ड्रोन के जरिए अंजाम दिया गया। रूस के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित इस तेल डिपो में धमाके के बाद आग तेजी से फैल गई। वहीं पास में मौजूद सैन्य हवाई अड्डे को भी नुकसान पहुंचा है। कई लड़ाकू विमान और सैन्य संसाधन आग की चपेट में आ गए।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ ड्रोनों को मार गिराया गया, लेकिन कुछ लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहे। घटनास्थल पर दमकल और आपातकालीन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
यूक्रेन ने आधिकारिक तौर पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन उसके रक्षा अधिकारियों ने हाल के दिनों में यह संकेत दिया था कि यदि रूस यूक्रेन की ऊर्जा और सैन्य संरचनाओं को निशाना बनाता है, तो जवाबी कार्रवाई सीमाओं से बाहर भी हो सकती है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब रूस ने बीते सप्ताह यूक्रेन के कई शहरों में मिसाइल हमले किए थे, जिनमें नागरिक और आधारभूत संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई थीं। विश्लेषकों का मानना है कि यूक्रेन अब रूस के भीतर हमले तेज कर रहा है ताकि उसकी सैन्य और ऊर्जा क्षमताओं को कमजोर किया जा सके।
रूस की ओर से अभी तक इस हमले के जवाब में कोई बड़ा सैन्य कदम सामने नहीं आया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।