रूस के काला सागर तट पर स्थित प्रसिद्ध शहर सोची में सोमवार को यूक्रेनी ड्रोन हमले के बाद एक प्रमुख तेल डिपो में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। स्थानीय अधिकारियों और रूसी आपातकालीन सेवाओं ने बताया कि इस आग को बुझाने के लिए 120 से अधिक फायरफाइटर्स, दर्जनों अग्निशमन वाहन और विशेष उपकरण मौके पर तैनात किए गए हैं।
ड्रोन हमला या तकनीकी दुर्घटना?
स्थानीय प्रशासन का दावा है कि यह हमला यूक्रेन द्वारा भेजे गए एक सुसज्जित ड्रोन के जरिए किया गया, जो सीधे तेल भंडारण टर्मिनल से टकराया और विस्फोट हो गया। इस हमले में किसी नागरिक के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आग से भारी मात्रा में कच्चा तेल और औद्योगिक उपकरण जलकर खाक हो गए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस विस्फोट से न केवल पर्यावरणीय नुकसान हुआ है, बल्कि रूस की ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था को भी झटका लगा है।
सोची: अब युद्ध का निशाना?
सोची, जो रूस के एक पर्यटन और खेल राजधानी के रूप में जाना जाता है, अब यूक्रेनी ड्रोन हमलों के निशाने पर आ गया है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब युद्ध सीमित इलाकों तक नहीं रहा, बल्कि रणनीतिक स्थलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। यूक्रेन की ओर से इस हमले की कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन रूस ने कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है।
दमकलकर्मियों की चुनौतीपूर्ण कोशिश
आग पर काबू पाने की कोशिशें दिनभर जारी रहीं। तेल के भंडारण टैंकों में लगी आग को बुझाना बेहद जोखिमभरा कार्य है क्योंकि जरा सी चूक विस्फोट का कारण बन सकती है। दमकल विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि आग को फैलने से रोकने में आंशिक सफलता मिली है, लेकिन अब भी लपटें उठ रही हैं। घटनास्थल से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
रूस की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को “सीधा युद्ध उकसाने” वाला कृत्य बताया है और कहा है कि इसका जवाब जल्द ही दिया जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिनों में रूस यूक्रेन के ऊर्जा या सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। वहीं, अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।