चीन ने पहली बार अपनी DF-100 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आधिकारिक वीडियो जारी किया है, जिसने वैश्विक रक्षा हलकों में हलचल मचा दी है। यह मिसाइल अपनी बेहद तेज रफ्तार और लंबी मारक क्षमता के कारण आधुनिक युद्ध रणनीतियों में बड़ा बदलाव ला सकती है।
चीनी सरकारी मीडिया द्वारा साझा किए गए वीडियो में DF-100 को मोबाइल लॉन्चर से दागते हुए दिखाया गया है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मिसाइल मैक 5 से अधिक की गति (ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना) से उड़ान भर सकती है और 2,000-3,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। इसकी इतनी अधिक स्पीड और रेंज इसे पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए लगभग अजेय बना देती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, DF-100 का उपयोग मुख्य रूप से एंटी-शिप और स्ट्रेटेजिक स्ट्राइक मिशन के लिए किया जा सकता है। इसका डिजाइन विशेष रूप से बड़े युद्धपोतों, विमानवाहक पोतों और महत्वपूर्ण स्थायी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया है। माना जा रहा है कि यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए रडार से बच सकती है और अचानक वार कर सकती है।
अमेरिकी रक्षा विश्लेषकों ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन का यह कदम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य संतुलन बदलने की दिशा में है। वॉशिंगटन पहले ही दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट में चीन की बढ़ती सैन्य सक्रियता को लेकर चिंतित है। DF-100 की तैनाती से अमेरिकी नौसेना के जहाजों और बेस की सुरक्षा चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा यह वीडियो जारी करना केवल तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी है। यह अमेरिका और उसके सहयोगियों को यह बताने का तरीका हो सकता है कि चीन हाई-स्पीड और लंबी दूरी के हथियारों के मामले में अग्रणी है।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि DF-100 जैसे हथियार एशिया-प्रशांत में हथियारों की होड़ को और तेज कर सकते हैं। इससे न केवल अमेरिका, बल्कि जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों की रक्षा नीतियों पर भी असर पड़ेगा।