दक्षिणी यूरोप 14 अगस्त 2025 तक चरम मानसून से पहले की आग की विकराल लपटों की चपेट में है, जहां स्पेन, ग्रीस और अल्बेनिया में जंगल तबाही मचा रही हैं। तीन मौतें हो चुकी हैं, और हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। संकट का मुख्य कारण है अत्यधिक गर्मी और तेज़ हवाएं, जो आग को काबू से बाहर ले जा रही हैं।
ग्रीस में आग का महासंग्राम:
ग्रीस के पश्चिमी तटीय क्षेत्र—विशेषकर पात्रास शहर और इसके आसपास के पाइन जंगलों व जैतून बागानों में आग भयावह रूप ले चुकी है। नमीयुक्त जलवायु सूख चुकी, तेज़ हवा और उच्च तापमान ने आग को भयावह बनाते हुए पास के आवासीय इलाकों तक पहुँचा दिया है। स्थानीय लोग और दमकल अभियान मिलकर संघर्ष कर रहे हैं—लोग बाल्टी, शाखाओं से आग बुझाने का प्रयास करते देखे गए।
देश भर में लगभग 5,000 दमकलकर्मी तैनात हैं और 33 विमान अग्निशामक कार्य में लगे हैं; हालात अभी भी अत्यंत गंभीर बने हुए हैं।
स्पेन में स्थिति:
स्पेन में एक स्वयंसेवक दमकलकर्मी ने अग्निशामक अभियान के दौरान गंभीर जलने के कारण अपनी जान गंवाई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। स्पेन की मौसम एजेंसी AEMET ने लगभग पूरे देश में आग का बहुत उच्च जोखिम घोषित कर रखा है।
इसके अलावा, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के गोला-बारूद की जगहों पर आग की चपेट में आने से विस्फोट की घटनाएं भी हुईं—जिनमें कुछ गाँवों को खाली भी कराना पड़ा।
अल्बेनिया का संघर्ष और सहायता:
अल्बेनिया में भी आग ने भारी तबाही मचाई—देश के दक्षिणी और मध्य भागों में आग फैलने से लोगों को घर छोड़ने पड़े। अल्बेनिया ने UAE से अंतर्राष्ट्रीय सहायता भी प्राप्त की, जिसमें हेलिकॉप्टर सहित राहत उपकरण शामिल हैं, जो संकट को कम करने की दिशा में प्रयासरत हैं।
तलवार की धार पर यूरोप:
इस साल अब तक यूरो क्षेत्र में लगभग 440,000 हेक्टेयर भूमि जल चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुनी है। विशेषज्ञ और पर्यावरण संगठनों ने आग रोकने के उपायों—जैसे सुरक्षा पट्टियाँ बनाना और सूखे वनस्पति को साफ़ करना—में निवेश बढ़ाने की बात जोर-शोर से कही है।
जलवायु संकट की चेतावनी:
स्पेन के पर्यावरण मंत्री ने इस आपदा को “जलवायु आपातकाल की स्पष्ट चेतावनी” बताया है और आग की इस भयावहता को वैश्विक जलवायु परिवर्तन की महासंकट स्थितियों के रूप में देखा जाना चाहिए।
दक्षिणी यूरोप में आज की आग केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि गर्म वातावरण, तेज़ हवाएं और सूखा—क्लाइमेट चेंज के प्रभाव—का संगम है जो मानवीय जीवन और जंगल दोनों को प्रभावित कर रहा है। इस समय तेजी से तैयारी, प्रभावी आपदा प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही आग की विकरालता को रोका जा सकता है।