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पंजाब

Punjab Latest News September 02, 2025

September 02, 2025 08:14 AM

बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने हलके का खुद संभाला मोर्चा

नहरों, दरियाओं में हुए कटान भरने की कमान हरजोत बैंस ने संभाली
प्रशासन की ओर से आप वर्करों, इलाका वासियों, कार सेवा वालों के सहयोग से किए जा रहे हैं बचाव व राहत कार्य

हरजोत बैंस ने लोगों की हर ज़रूरत पूरी करने के लिए 24&7 कंट्रोल रूम नंबर 87279-62441 शुरू किया। "लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं रहेगी।" - हरजोत बैंस

चंडीगढ़/ श्री आनंदपुर साहिब, 01 सितम्बर : अपने विधानसभा हलके में बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उनकी ओर से नहरों, दरियाओं के किनारों के बांधों में आई दरारें और कटान भरने का काम प्रशासन, आप वॉलंटियरों, स्थानीय निवासियों और कार सेवा वालों के सहयोग से ज़ोर-शोर से किया जा रहा है। स बैंस की ओर से खुद कमांड संभाली गई है और वे खुद इन राहत व बचाव कार्यों में लगे नजऱ आ रहे हैं।

आज सुबह झिंझड़ी/मीढ़वा स्थित नंगल हाइडल चैनल नहर में आई दरार की सूचना मिलते ही, स हरजोत सिंह बैंस कैबिनेट मंत्री अपने साथियों समेत मौके पर पहुंचे। प्रशासन और पुलिस अधिकारी, डिप्टी कमिश्नर श्री वरजीत वालिया, एस.एस.पी गुलनीत सिंह खुराना, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर चंद्रज्योति सिंह, एस.डी.एम जसप्रीत सिंह, डी.एस.पी अजय सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे।
सोशल मीडिया पर यह जानकारी लोगों तक तेज़ी से पहुँची और आप वॉलंटियर, इलाका वासी और किला आनंदगढ़ साहिब कार सेवा वाले बाबा सतनाम सिंह अपने सेवादारों समेत इस स्थान पर पहुँचे और जे.सी.बी मशीनों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ हुए कटाव को भरना शुरू कर दिया। इसमें स हरजोत सिंह बैंस भी ट्रैक्टर-ट्रॉली से लाई जा रही मिट्टी, तिरपाल और बोरे भरकर इस कटाव को बंद करने में लगे नजऱ आए।

स बैंस का जोश और उनकी सेवा भावना देखकर सैंकड़ों लोग इक_े हो गए, जिनसे ज़रूरी सामान भी लाया गया। तिरपाल और बोरियों से काम शुरू करवाया गया और घंटों तक खुद स हरजोत सिंह बैंस इस स्थान पर मौजूद रहे। उनकी ओर से अपने हलके के विभिन्न क्षेत्र, जिला रूपनगर और पंजाब के क्षेत्रों में आज हुई मूसलाधार बारिश से प्रभावित इलाकों की पल-पल की जानकारी ली जा रही थी।

इस मौके पर स हरजोत सिंह बैंस कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमने परमात्मा के आगे अरदास की है कि वह हम पर मेहर करे। अगले दो दिन बहुत भारी बरसात वाले हैं, भाखड़ा डैम का स्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है। डैम और पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का पानी बढऩे से हमारा इलाका खतरे के जोन में है। भले ही अभी तक कोई जानी-माली या पशुधन का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि अगर अगले दो-तीन दिन भारी बरसात पड़ती है या डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ा जाता है, तो इस इलाके को नुकसान होने का अंदेशा है। इसलिए प्रशासन की हिदायतों का पालन किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोग अफवाहों पर भरोसा न करें। किसी भी तरह की ज़रूरत - रसद, डॉक्टरी सहायता या कोई अन्य सामग्री, चाहे पशु चारा या कोई निजी ज़रूरत हो - हमने अपना हेल्पलाइन नंबर 87279-62441 जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं खुद इस इलाके में मौजूद हूँ और लगातार हर क्षेत्र की निगरानी कर रहा हूँ। प्रशासन भी पूरी तरह चौकस है। सभी अधिकारी/कर्मचारी ड्यूटी पर मौजूद हैं। हमारे पार्टी वॉलंटियर, नेता, समाज सेवा संगठन, पंच, सरपंच, स्थानीय लोग और कार सेवा वाले बाबा सतनाम सिंह जी सेवा भावना से काम कर रहे हैं। यह प्राकृतिक आपदा की स्थिति है, लोग सहयोग दें।

इस मौके पर दीपक सोनी मीडिया कोऑर्डिनेटर, कमिक्कर सिंह हलका कोऑर्डिनेटर, जसप्रीत जे.पी, बलविंदर सिंह सरपंच, जर्मन, गुरनाम, जरनैल सिंह सरपंच, दलीप हंस सदस्य दलित विकास बोर्ड, राकेश कुमार, काकू ढेर, दलजीत सिंह, अमनदीप सिंह, लवदीप सिंह, नरिंदर सिंह, रामपाल काहीवाल तथा गाँववासी मौजूद थे।

इस दौरान, स हरजोत सिंह बैंस ने भी दधी गाँव के पास भाखड़ा नहर के किनारों को मज़बूत करने के लिए रेत की बोरियाँ भरने में सहयोग किया और बाढ़ जैसी स्थिति के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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*मुख्यमंत्री की ओर से होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों का जायजा*

*संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है पंजाब सरकार*

*बाढ़ से हुए नुकसान की एक-एक पाई की भरपाई करेगी पंजाब सरकार*

*टांडा (होशियारपुर), 1 सितंबर*  : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब अब तक की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है। साथ ही, उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और इस संकट से उबारने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।  
मुख्यमंत्री ने आज होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मियाणी के राहत शिविर में रह रहे बाढ़ पीडि़त परिवारों से मुलाकात की और उनकी दुख-तकलीफों को सुना।  

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से राज्य को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के बचाव और राहत के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण समय में राहत कार्यों के लिए पहले ही व्यापक स्तर पर कदम उठाए हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों को संकट से निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने और उन्हें तत्काल राहत देने के लिए प्रशासन को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभी विभागों को आपसी तालमेल के साथ एकजुट होकर बचाव और राहत कार्य करने को कहा गया है ताकि लोगों की अधिक से अधिक मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को हुए नुकसान की एक-एक पाई की भरपाई करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति पर वह लगातार नजर रखे हुए हैं।  

मुख्यमंत्री ने रड़ा पुल और अन्य स्थानों का दौरा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भारत सरकार से राज्य के रुके हुए 60,000 करोड़ रुपए के फंड को तत्काल जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हाल में आई बाढ़ से 1000 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और लाखों लोगों का जन-जीवन पटरी से उतर गया है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से अधिक जिलों में बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि स्थिति गंभीर हो रही है और यह और भी चिंताजनक है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान के खेत, बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण फसल कटाई से कुछ हफ्ते पहले ही फसलों का भारी नुकसान हुआ है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुओं का भी काफी नुकसान हुआ है, जिससे अपनी आजीविका के लिए डेयरी फार्मिंग और पशुपालन पर निर्भर ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारी दिन-रात लोगों की मदद के लिए जुटे हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदियों के किनारे टूटे हुए तटबंधों को भरने के साथ-साथ मेडिकल टीमों को बीमारियों से बचाव के लिए प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के साथ-साथ मेडिकल टीमों को पानी के नमूने लेने, घरों और गांवों के अंदर और बाहर कीटाणुनाशक छिडक़ाव, पानी की क्लोरीनेशन, बुखार का सर्वेक्षण, मलेरिया और डेंगू का समय पर पता लगाने के लिए कार्ड टेस्ट, सैनिटरी नैपकिन और मच्छरदानी वितरण जैसे कार्यों के लिए भी आवश्यक आदेश जारी किए जा चुके हैं।  

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को गांवों में साफ और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी के टैंकरों को तब तक सेवा में लगाया जाए, जब तक जल आपूर्ति योजनाओं के माध्यम से आपूर्ति पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह वाटर टेस्टिंग टीमें सभी गांवों में पानी की गुणवत्ता की जांच करें ताकि किसी भी महामारी के फैलाव से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को पानी के साथ-साथ सूखे राशन की किट, चीनी, चावल, आटा, घी, दूध पाउडर उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित निचले गांवों से पानी निकालने के लिए पंपिंग कार्य पहले ही युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत शिविरों और मेडिकल शिविरों के माध्यम से और यहां तक कि उनके घरों पर जाकर चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात की जा रही हैं ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में डेंगू के लार्वा का पता लगाने के लिए समर्पित एंटी-लार्वा टीमें भी तैनात की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विशेष टीमें गांवों का दौरा कर लोगों को मलेरिया, डेंगू, दस्त, टाइफाइड और त्वचा संबंधी समस्याओं जैसी बीमारियों को रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करने के आदेश दिए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि प्रभावित पशुओं के इलाज और टीकाकरण, पशुओं के कीटाणुनाशन और चारे की व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पशु चिकित्सा टीमें तैनात की जाएंगी। उन्होंने कहा कि गांवों में व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने के साथ-साथ पानी से होने वाली बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए फॉगिंग टीमें तैनात की जा रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सैनिटरी और मनरेगा कर्मियों को गांवों की सफाई का काम सौंपा जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि नालों/नालियों में ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव किया जाएगा ताकि दुर्गंध को रोकने के साथ-साथ इससे होने वाली बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ऐसी स्थिति से पूरी क्षमता के साथ निपटेगी।  

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत, लोकसभा सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और अन्य भी मौजूद थे।
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1.5 लाख रुपए की रिश्वत लेता वन गार्ड विजीलैंस ब्यूरो ने रंगे हाथों किया काबू
चंडीगढ़ 1 सितम्बर, 2025: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई अपनी मुहिम के दौरान सोमवार को वन गार्ड अमनदीप सिंह, अतिरिक्त ब्लाक इंचार्ज, वन रेंज दफ़्तर, पटियाला को 150, 000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार किया है।
इस बात का खुलासा करते हुये आज यहाँ राज्य विजीलैंस ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिम ने देवीगढ़ रोड, पटियाला में एक नरसिंग होम के लिए खऱीदी गई ज़मीन से सम्बन्धित ऐतराज़हीनता सर्टिफिकेट जारी करने के एवज में शिकायतकर्ता से यह रिश्वत माँगी गई थी।
शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो को बताया कि सरवन सिंह, वन रेंज अफ़सर, पटियाला और उपरोक्त अमनदीप सिंह ने मिल कर यह रिश्वत माँगी है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस शिकायत की प्राथमिक तस्दीक के बाद विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया जिस दौरान उक्त मुलजिम अमनदीप सिंह को दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में रिश्वत लेते हुये काबू कर लिया और रिश्वत की रकम मौके पर ही बरामद कर ली।
इस सम्बन्ध में उक्त मुलजिम के विरुद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 और बीऐनऐस की धारा 61(2) के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना पटियाला रेंज में मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरे सह-मुलजिम सरवन सिंह, वन रेंज अफ़सर को जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की आगे जांच जारी है।
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पंजाब स्वास्थ्य विभाग द्वारा 7 सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जि़लों में तात्कालिक राहत को और मज़बूत करने के लिए 138 नए मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल से निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से तैनाती के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 1 सितम्बर: पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बाढ़ से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है, जिसके तहत 138 नव-नियुक्त मेडिकल अधिकारियों को सात सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जि़लों में तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया गया है। फ्रंटलाइन मेडिकल मैनपावर की यह रणनीतिक भर्ती लोगों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से की गई है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने नए अधिकारियों को उनके निर्धारित जि़लों के सिविल सर्जनों को तुरंत रिपोर्ट करने के निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हमारे नागरिकों का स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी और अहम प्राथमिकता है। इस कठिन घड़ी में हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने और चिकित्सकीय चुनौतियों से निपटने के लिए ज़मीनी स्तर पर इन 138 डॉक्टरों की मौजूदगी बेहद महत्वपूर्ण है।

स्थिति की गंभीरता पर ज़ोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि 1000 मेडिकल अधिकारियों की कुल भर्ती के पहले चरण में 322 मेडिकल अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। बाढ़ के मद्देनजऱ आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए, 138 मेडिकल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बाढ़ प्रभावित जि़लों के सिविल सर्जन को रिपोर्ट कर आवश्यक चिकित्सा सेवाएँ देने के निर्देश दिए गए हैं। इन चुनौतीपूर्ण समयों में हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने के लिए ज़मीनी स्तर पर इन डॉक्टरों की मौजूदगी का बहुत बड़ा महत्व है।

उन्होंने बताया कि राज्य द्वारा किए जा रहे राहत प्रयासों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) पंजाब, नर्सिंग कॉलेजों, निजी अस्पतालों और सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के आगे आकर सहयोग करने से इस बड़े मानव कार्यबल को और अधिक प्रोत्साहन मिला है।

डॉ. बलबीर सिंह ने खुलासा किया कि स्वास्थ्य विभाग ने 818 रैपिड रिस्पॉन्स और मोबाइल मेडिकल टीमों का विशाल बुनियादी ढांचा तैनात किया है, जो प्रभावित गाँवों और राहत शिविरों में प्रतिदिन मेडिकल कैंप लगा रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि जलजनित बीमारियों से निपटने के लिए टीमें बड़े पैमाने पर घर-घर जाकर क्लोरीन की गोलियाँ वितरित कर रही हैं। इसके अलावा, पानी भरे क्षेत्रों में वेक्टर-जनित बीमारियों को रोकने के लिए व्यापक छिडक़ाव और फॉगिंग की जा रही है।

तात्कालिक चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने संबंधी जानकारी देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि 424 एम्बुलेंसों का एक बेड़ा-जिसमें 170 विभाग द्वारा और 254 आई.एम.ए. व अन्य गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से उपलब्ध करवाई गई हैं, अब प्रभावित जि़लों में सक्रिय हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग इस संकटकालीन दौर में जन-जीवन की रक्षा और निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएँ एवं रोकथाम संबंधी सेवाएँ प्रदान करने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहा है
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युद्ध नशों विरूद्ध के छह महीने: 1129 किलोग्राम हेरोइन समेत 27,796 नशा तस्कर काबू

पुलिस टीमों द्वारा 12.44 करोड़ रुपये की ड्रग मनी, 384 किलो अफीम, 232 क्विंटल चूरा-पोस्त समेत 33 लाख नशीली गोलियाँ भी जब्त

184वें दिन 8.4 किलो हेरोइन समेत 58 नशा तस्कर गिरफ्तार

‘नशा छुड़ाने’ के हिस्से के रूप में पंजाब पुलिस ने 14 व्यक्तियों को नशा मुक्ति इलाज के लिए तैयार किया

चंडीगढ़, 1 सितंबर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर चलाई जा रही निर्णायक जंग "युद्ध नशों विरुद्ध" के छह महीने पूरे हो गए हैं। इसके तहत पंजाब पुलिस ने 1 मार्च 2025 से अब तक 27,796 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और 17,957 एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं तथा 1129 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई है।

इस नशा विरोधी मुहिम की शुरुआत से अब तक, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों के तहत, राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में रोज़ाना आधार पर एक साथ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए कहा है। राज्य सरकार ने नशों के खिलाफ युद्ध की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन भी किया है।

पुलिस के विशेष महानिदेशक (स्पेशल डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला, जो इन कार्रवाइयों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं, ने बताया कि 1129 किलो हेरोइन के अलावा पुलिस ने 384 किलो अफीम, 232 क्विंटल भुक्की, 29 किलो चरस, 430 किलो गांजा, 6.3 किलो आई.सी.ई., 33 लाख नशीली गोलियाँ और 12.44 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की है।

184वें दिन के नतीजों की जानकारी देते हुए विशेष डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने 58 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 8.4 किलो हेरोइन, 4087 नशीली गोलियाँ और 2300 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।

उन्होंने बताया कि 67 गज़टेड अधिकारियों की निगरानी में 1000 से अधिक पुलिस कर्मचारियों वाली 120 से ज्यादा पुलिस टीमों ने राज्यभर में 309 स्थानों पर छापेमारी की, जिससे राज्यभर में 43 एफआईआर दर्ज की गईं। पुलिस टीमों ने दिनभर चले इस ऑपरेशन के दौरान 337 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राज्य से नशों के खात्मे के लिए तीन-स्तरीय रणनीति - एनफोर्समेंट, डी-एडिक्शन और प्रिवेंशन (इडीपी) -लागू की है। पंजाब पुलिस ने ‘नशा छुड़ाने’ के हिस्से के रूप में 14 व्यक्तियों को नशा छुड़ाने और पुनर्वास इलाज के लिए राजी किया है।
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पंजाब का वित्तीय विकास मज़बूती की ओर, शुद्ध जीएसटी प्राप्तियों में 26.47 प्रतिशत की वृद्धि: हरपाल सिंह चीमा

कुल कर प्राप्तियों में भी 15.39 प्रतिशत का उछाल

चंडीगढ़, 1 सितम्बर: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां बताया कि राज्य की वित्तीय स्थिति लगातार मज़बूत विकास का संकेत दे रही है, जिस के तहत अगस्त 2025 में जीएसटी प्राप्तियों में पिछले वर्ष के इसी माह की तुलना में 18.66 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में अगस्त 2025 तक जीएसटी प्राप्तियों में कुल 26.47 प्रतिशत का उछाल दर्ज हुआ है, जो पंजाब के कर प्रशासन की दक्षता और लचीलापन दर्शाता है।

आज यहां जारी प्रेस बयान में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की कुल कर प्राप्तियों में भी वर्ष-दर-वर्ष काफ़ी वृद्धि दर्ज की जा रही है जिस तहत अगस्त 2025 तक की अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कुल कर प्राप्तियों में 15.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कर श्रेणियों से संबंधित यह प्रवृत्ति व्यापक आर्थिक गति और बेहतर कर अनुपालन को दर्शाती है।

विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि अगस्त 2025 में शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 2138.80 करोड़ रुपये रही, जो अगस्त 2024 में प्राप्त 1802.50 करोड़ रुपये की तुलना में 336.30 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी है। उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्तीय वर्ष दौरान अगस्त तक कुल शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 11,338.47 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में यह 8,965.32 करोड़ रुपये थी। यह 2,373.15 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है।

कुल कराधान राजस्व आंकड़े साझा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अगस्त 2025 तक वैट, सीएसटी, जीएसटी, पीएसडीटी और आबकारी से कुल शुद्ध प्राप्तियां 19,364.36 करोड़ रुपये तक पहुंच गईं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में यह 16,781.08 करोड़ रुपये रही थीं। यह एक उल्लेखनीय बढ़ोतरी है और पंजाब के सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन तथा प्रभावी कर प्रशासन का प्रमाण है।

वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आर्थिक विकास के लाभों को पूरे राज्य में लोक-कल्याण और आधारभूत ढांचे के विकास में बदला जा रहा है।
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बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए ज़मीनी स्तर पर डटी पंजाब सरकार

लोगों की परेशानियों को अपनी मानकर मंत्री, सांसद और विधायक कर रहे हैं 24&7 काम

संकट में घिरे लोगों की मदद और पुनर्वास है प्रमुख प्राथमिकता

लोगों की जान-माल और फसलों की सुरक्षा से बढक़र कुछ भी क़ीमती नहीं

हरपाल चीमा, हरजोत बैंस, लालजीत भुल्लर, हरभजन सिंह, हरदीप मुंडियां, मोहिंदर भगत, मीत हेयर और कुलदीप धालीवाल ने अलग-अलग स्थानों पर संभाला मोर्चा

चंडीगढ़, 1 सितंबर: पंजाब सरकार प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में इंसानी जिंदगियों और पशुधन की रक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। सभी कैबिनेट मंत्री लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं ताकि प्रभावित परिवारों तक ज़रूरी सहायता जल्द से जल्द पहुंच सके।

पंजाब के वित्त मंत्री स हरपाल सिंह चीमा ने आज अजनाला सब-डिवीजन के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री से भरे पाँच ट्रकों को मोहाली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राहत ट्रकों में 1,000 राशन किटें, पीने के पानी के 600 पैकेट, 400 मच्छरदानियाँ, 400 गद्दे और 200 फोल्डिंग बिस्तर शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी के वालंटियरों और पंजाब की जनता का राहत कार्यों में भारी योगदान के लिए धन्यवाद करते हुए श्री चीमा ने कहा कि पंजाब ने देश के लिए अनगिनत कुर्बानियाँ दी हैं, अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी हो। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने फाज़िल्का ज़िले के साबुआणा और माडीवाला गांवों का दौरा किया।

कैबिनेट मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने श्री आनंदपुर साहिब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों की ज़िम्मेदारी संभाली है और अपने हलके के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रभावित राज्यवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। वह स्थिति पर कड़ी नजऱ रख रहे हैं और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने श्री आनंदपुर साहिब हलके के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 91 87279-62441 जारी किया है, जो हर समय उपलब्ध रहेगा।

पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति, वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक, पठानकोट ज़िले के भोआ विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गाँवों का लगातार दौरा कर स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं और राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। उन्होंने आज गाँव ताश, मक्खनपुर, बसाऊ बरवान, कोलियाँ अड्डा और बमियाल क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने गाँव ताश के चार परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की और मवेशियों के लिए चारा भी वितरित किया। गाँव मक्खनपुर में भी चारा वितरित किया गया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है।

जेल और परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने आज तरनतारन ज़िले के खडूर साहिब, फतेहाबाद और धुंदा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने ज़रूरतमंद लोगों को राशन, भोजन किट, पीने का पानी और पशुओं के लिए चारा वितरित किया। स भुल्लर ने कहा कि हमारी सरकार इस आपदा की घड़ी में उनके साथ खड़ी है और फसलों के नुकसान का आकलन (गिरदावरी) करने के बाद उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज तरनतारन ज़िले के हरीके कस्बे के पास मरड़ गांव में ज़मीन धंसने से बने 50 फीट गहरे और 200 मीटर चौड़े गड्ढे को भरने में ग्रामीणों की मदद की। इसके अलावा उन्होंने कीरी गांव के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया और चल रहे राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव मदद के लिए वचनबद्ध है।

कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और मोहिंदर भगत ने सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायज़ा लेते हुए लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके नुकसान की पूरी भरपाई करेगी।

लोकसभा सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने अजनाला के चोगावां रोड स्थित दाना मंडी में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चल रहे राहत कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान पीडि़तों को मेडिकल किट, पशुओं के लिए चारा और अन्य ज़रूरी सामग्री वितरित की गई।
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चुनाव आयोग द्वारा डिब्रूगढ़ जेल में नजरबंद सांसद अमृतपाल सिंह को उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के संबंध में डाक मतपत्र जारी करने के निर्देश

चंडीगढ़, 1 सितम्बर: मुख्य चुनाव अधिकारी, पंजाब के कार्यालय ने बताया कि भारत के चुनाव आयोग ने खडूर साहिब-03 संसदीय क्षेत्र, पंजाब से लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह, जो उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के मतदाता (निर्वाचन मंडल के सदस्य) भी हैं, को मतदान की सुविधा देने संबंधी आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह इस समय असम की डिब्रूगढ़ स्थित केंद्रीय जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत नजरबंद हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974 के नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार आयोग ने निर्देश दिया है कि उन्हें मतदान की सुविधा देने के लिए एक डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट पेपर) जारी किया जाए।

निर्धारित प्रक्रिया के तहत नजरबंदी (प्रिवेंटिव डिटेंशन) के अंतर्गत जेल में बंद मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र केवल मतदान के दिन ही उपलब्ध कराए जाते हैं और चिन्हित (मार्क किया हुआ) डाक मतपत्र का सीलबंद लिफ़ाफ़ा मतगणना शुरू होने से पहले रिटर्निंग अफ़सर तक पहुँचना अनिवार्य होता है।

इसी अनुसार आयोग ने गृह मंत्रालय और असम सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अमृतपाल सिंह द्वारा चिन्हित डाक मतपत्र वाला सीलबंद लिफ़ाफ़ा डिब्रूगढ़ (असम) से एक विशेष दूत (स्पेशल मेसेंजर) द्वारा हवाई मार्ग से पहुँचाया जाए, ताकि यह मतगणना के लिए निर्धारित तिथि 9 सितम्बर 2025 को शाम 6 बजे से पहले रिटर्निंग अफ़सर तक पहुँचे।

संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल प्रबंध कर आयोग को सूचित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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*बाढ़ से प्रभावित 15,688 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया, 7,144 व्यक्ति राहत कैंपों में ठहराए :  हरदीप सिंह मुंडियां*

*पूरे राज्य में 2.56 लाख से अधिक लोग प्रभावित; युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य जारी*

*1,044 गाँव बाढ़ की चपेट में*

*बाढ़ से 12 जिलों में 29 व्यक्तियों की जान गयी*

*चंडीगढ़, 1 सितम्बर: पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज यहां बताया कि राज्य में लगातार बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिससे जन-धन, फसलों, पशुधन और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुँचा है। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस हालात से निपटने और प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए दिन-रात अथक मेहनत कर रही है।

राहत कार्यों का ब्यौरा देते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि पंजाब बाढ़ की स्थिति से जूझ रहा है और प्रभावित जिलों में बड़े पैमाने पर राहत कार्य जारी हैं। उन्होंने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार अब तक कुल 15,688 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। इनमें गुरदासपुर से 5,549 लोग, फिरोजपुर से 3,321, फाजिल्का से 2,049, पठानकोट से 1,139, अमृतसर से 1,700 और होशियारपुर से 1,052 लोगों को सुरक्षित पहुँचाया गया। इसके अलावा बरनाला से 25, कपूरथला से 515, तरन तारन से 60, मोगा से 115 और मानसा से 163 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।

श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि राहत और पुनर्वास कार्य पूरी गति से चल रहे हैं और बेघर परिवारों को तुरंत ठहराने के लिए पंजाब भर में 129 कैंप स्थापित किए गए हैं। इनमें अमृतसर में 16 कैंप, बरनाला में 1, फाजिल्का में 10, फिरोजपुर में 8, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, कपूरथला में 4, मानसा में 1, मोगा में 9, पठानकोट में 14, संगरूर में 1 और ज़िला पटियाला में 20 कैंप शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को इन केंद्रों में भोजन, चिकित्सा सहायता और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में राज्य भर में कुल 7,144 व्यक्तियों को राहत कैंपों में ठहराया गया है। इनमें सबसे अधिक फिरोजपुर (3,987), फाजिल्का (1,201), होशियारपुर (478), पठानकोट (411), गुरदासपुर (424), अमृतसर (170), मानसा (163), मोगा (115), कपूरथला (110), संगरूर (60) और बरनाला (25) व्यक्तियों को राहत कैंपों में ठहराया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 12 जिलों के कुल 1,044 गाँव प्रभावित हुए हैं। जिला-वार विवरण के अनुसार अमृतसर के (88 गाँव), बरनाला (24), फाजिल्का (72), फिरोजपुर (76), गुरदासपुर (321), होशियारपुर (94), जालंधर (55), कपूरथला (115), मानसा (77), मोगा (39), पठानकोट (82) और एस.ए.एस. नगर का 1 गाँव प्रभावित हुआ है।

श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि डिप्टी कमिश्नरों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार पंजाब के विभिन्न जिलों में बाढ़ से कुल 2,56,107 लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक असर गुरदासपुर जिले पर पड़ा है, जहाँ 1,45,000 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही अमृतसर में 35,000, फिरोजपुर में 24,015 और फाजिल्का में 21,562 लोग प्रभावित हुए। उन्होंने आगे बताया कि पठानकोट में भी 15,053 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं जबकि एस.ए.एस. नगर और कपूरथला में क्रमश: 7,000 और 5,650 लोग प्रभावित हुए। अन्य कम प्रभावित जिलों में बरनाला (59), मानसा (163), जालंधर (653), मोगा (800) और होशियारपुर (1,152) व्यक्ति प्रभावित हुए हैं।

फौज की तैनाती के बारे में राजस्व मंत्री ने बताया कि कई एजेंसियां मदद प्रदान कर रही हैं। राज्य में एनडीआरएफ की कुल 20 टीमों में से पठानकोट में (1), गुरदासपुर (6), अमृतसर (6), फिरोजपुर (3), फाजिल्का (3) और बठिंडा में (1) टीम तैनात की गई है। वायुसेना, नौसेना और सेना की 10 टुकडिय़ाँ तैनात करने के साथ-साथ 8 टुकडिय़ों को पूरी तरह तैयार रखा गया है। इसके अलावा 2 इंजीनियर टीमें भी तैनात की गई हैं। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना के लगभग 35 हेलीकॉप्टर बचाव और राहत कार्यों के लिए लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अतिरिक्त मदद देने के लिए बीएसएफ यूनिटों को भी तैनात किया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लोगों को बाहर निकालने और राहत कार्यों के लिए कुल 114 नावें और राज्य का 1 हेलीकॉप्टर भी काम में लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण 1 अगस्त से 1 सितम्बर 2025 तक 12 जिलों में 29 व्यक्तियों की जान गयी है। जिला-वार रिपोर्ट के अनुसार अमृतसर (3 व्यक्ति), बरनाला (3), बठिंडा (1), गुरदासपुर (1), होशियारपुर (3), लुधियाना (3), मानसा (3), पठानकोट (6), पटियाला (1), रूपनगर (3), एस.ए.एस. नगर (1) और संगरूर (1 व्यक्ति) की जान गई है। इसके अलावा पठानकोट ज़िले में 3 व्यक्ति लापता हुए हैं।

राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ ने कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहुँचाया है और विभिन्न जिलों में कुल 94,061 हेक्टेयर फसली क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों में अमृतसर (23,000 हेक्टेयर), मानसा (17,005 हेक्टेयर), कपूरथला (14,934 हेक्टेयर), तरन तारन (11,883 हेक्टेयर), फिरोजपुर (11,232 हेक्टेयर), होशियारपुर (5,971 हेक्टेयर), जालंधर (2,800 हेक्टेयर), पठानकोट (2,442 हेक्टेयर), एस.ए.एस. नगर (2,000 हेक्टेयर), पटियाला (1,450 हेक्टेयर), मोगा (949 हेक्टेयर), लुधियाना (108 हेक्टेयर), बठिंडा (97 हेक्टेयर) और श्री मुक्तसर साहिब (84 हेक्टेयर) शामिल हैं। इसके अलावा कम प्रभावित क्षेत्रों में फाजिल्का (64 हेक्टेयर), गुरदासपुर (24 हेक्टेयर), एस.बी.एस. नगर (7 हेक्टेयर), मलेरकोटला (5 हेक्टेयर), संगरूर (3 हेक्टेयर), बरनाला (2 हेक्टेयर) और फतेहगढ़ साहिब (1 हेक्टेयर) शामिल हैं।

कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि सभी प्रभावित जिलों में राहत सामग्री बाँटी जा रही है, जबकि मेडिकल टीमें प्रभावित आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अभी पशुधन और बुनियादी ढांचे के नुकसान का आंकलन नहीं किया जा सकता और स्थिति सामान्य होने के बाद इस संबंधी डेटा एकत्र किया जाएगा।

श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार सभी प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत प्रदान करने और उनका पुनर्वास करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी प्रभावित ज़िलों के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि वे नुकसान का जल्द से जल्द आंकलन करें ताकि समय पर मुआवज़ा दिया जा सके।
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वित्त मंत्री चीमा द्वारा बाढ़ प्रभावित पंजाब की अनदेखी के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना, भाजपा की उदासीनता को उजागर किया

60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि या राहत पैकेज जारी करने का आश्वासन न देने पर केंद्रीय गृह मंत्री की निंदा

राज्य में बाढ़ से जूझने के बावजूद राजनीतिक रैलियों को प्राथमिकता देने के लिए पंजाब भाजपा नेताओं की आलोचना

चंडीगढ़, 1 सितंबर:  पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब, एक ऐसा राज्य जिसने हमेशा देश की चुनौतियों का डटकर सामना किया है, में बाढ़ से हुई तबाही को पूरी तरह नजऱअंदाज़ कर रहे हैं। वित्त मंत्री चीमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी निंदा की कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की उस चि_ी का जवाब देते हुए, जिसमें बकाया राशि जारी करने की अपील की गई थी, 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि या राहत पैकेज जारी करने का कोई आश्वासन नहीं दिया।

वित्त मंत्री चीमा ने कहा, "इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि पंजाब भाजपा अपनी केंद्र सरकार पर राज्य को सहायता दिलाने का दबाव बनाने की बजाय राजनीतिक रैलियों में व्यस्त है।"

पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु राज्य के आबकारी और कर विभाग द्वारा जारी किया गया 50 लाख रुपये का चेक दिखाते हुए कहा कि जब पंजाब सरकार, उसके विभाग और राज्य के लोग मिलकर इस प्राकृतिक आपदा से निपट रहे हैं, तब भाजपा-नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्य को पूरी तरह नजऱअंदाज़ कर रही है। उन्होंने निराशा जताई कि प्रधानमंत्री, जो जन्मदिन की शुभकामनाएं तक ट्वीट करते हैं, उन्होंने पंजाब को प्रभावित करने वाली इस प्राकृतिक आपदा के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने पंजाब भाजपा नेताओं, राज्य अध्यक्ष सुनील जाखड़, कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा और केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने केंद्रीय नेतृत्व से कार्रवाई की अपील करने की बजाय समराला में राजनीतिक रैलियों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा, "पंजाब भाजपा नेताओं को इस रवैये पर शर्म आनी चाहिए।"

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई चि_ी दिखाते हुए वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि उसमें जीएसटी मुआवजे, आरडीएफ और एमडीएफ तथा प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत राज्य की 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि का विवरण दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीडि़तों को उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करने के नियमों में संशोधन करने की भी अपील की थी। उन्होंने कहा कि यद्यपि गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत तो की, लेकिन बकाया राशि जारी करने या बाढ़ पीडि़तों को सहायता देने के बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया।

1962, 1965, 1971 और हाल ही में 2025 में हुए युद्धों के दौरान पंजाबियों की बहादुरी को याद करते हुए वित्त मंत्री चीमा ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान से हुए संघर्षों के दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों ने सबसे अधिक हमलों का सामना किया, लेकिन पंजाबियों ने अटूट साहस के साथ जवाब दिया। उन्होंने गहरी निराशा जताई कि अब केंद्र सरकार पंजाब की पीड़ा के प्रति आंखें मूंद रही है। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग चार दशकों में आई सबसे बड़ी बाढ़ ने राज्य के बड़े हिस्सों, जिसमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, कपूरथला और जालंधर शामिल हैं, में तबाही मचाई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पंजाब सरकार और पूरा मंत्रिमंडल राहत और पुनर्वास के लिए अथक परिश्रम कर रहा है।

वित्त मंत्री चीमा ने आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद के लिए पार्टी नेताओं को लामबंद किया है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने पुष्टि की कि अब तक 29 जानें जा चुकी हैं और डिप्टी कमिश्नर नुकसान का आकलन करने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि तत्काल प्राथमिकता राहत सामग्री पहुंचाने और बचाव कार्यों को जारी रखने की है।

अपने संबोधन का समापन करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बाढ़ के कारण नागरिकों के नुकसान की भरपाई के लिए पंजाब सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया और केंद्र सरकार से पंजाब के लोगों के प्रति अपनी संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
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पंजाब के उच्च शिक्षा संस्थान 3 सितम्बर तक बंद रहेंगे: हरजोत बैंस

चंडीगढ़, 1 सितम्बर: पंजाब के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुये राज्य के सभी उच्च शिक्षा संस्थान, जिनमें कॉलेज, यूनिवर्सिटियाँ और पोलीटेकनिक इंस्टीट्यूट शामिल हैं, 3 सितम्बर, 2025 तक बंद रहेंगे।

स. बैंस ने कहा कि यह फ़ैसला विद्यार्थियों और स्टाफ की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि होस्टलों में रहने वाले विद्यार्थियों की देखभाल और सुरक्षा की जि़म्मेदारी सम्बन्धित शैक्षिक संस्थान की है। वह इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान पैदा होने वाली किसी भी स्थिति के लिए ज़रूरी उपाय करेंगे और ज़रूरी सेवाएं प्रदान करेंगे।

स. हरजोत सिंह बैंस ने सभी लोगों को जि़ला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा जारी किये जाते दिशा-निर्देशों की सख़्ती से पालना करने की अपील करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अपने नागरिकों, ख़ास कर विद्यार्थियों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है और स्थिति पर लगातार कड़ी नजऱ रखी जा रही है।
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मीत हेयर द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र, बाढ़ प्रभावित पंजाब को तुरंत पैकेज मिले

केंद्र तुरंत 20 हज़ार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत और पंजाब के रोके गए 60 हज़ार करोड़ रुपये के फंड जारी करे

पंजाब आधी सदी की भयानक बाढ़ की मार झेल रहा है, देश के अन्न भंडार पर पड़ेगा सीधा असर: मीत हेयर

चंडीगढ़, 1 सितंबर: पिछली आधी सदी की सबसे भयानक बाढ़ की मार झेल रहे पंजाब को इस आपदा से उबारने और बाढ़ प्रभावित लोगों का सहारा बनने के लिए, संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है। मीत हेयर ने आग्रह किया है कि पंजाब को तुरंत 20 हज़ार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत दी जाए और नुकसान का पूरा आकलन होने के बाद व्यापक पैकेज जारी किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब के रोके गए 60 हज़ार करोड़ रुपये के फंड तुरंत जारी करने की भी मांग की है, जिसके संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल दखल की अपील कर चुके हैं। देश का पेट भरने वाले पंजाब की मदद करना अब केंद्र का कर्तव्य बनता है।

मीत हेयर ने कहा कि पंजाब में आई इस भयानक बाढ़ के कारण जहां जानी-माली, पशुधन और बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है, वहीं बड़े क्षेत्र में फसलों को भी भारी क्षति पहुँची है, जिसका सीधा नकारात्मक असर देश के अन्न भंडार पर पड़ेगा। जब कटाई का मौसम दरवाज़े पर था, तभी यह नुकसान हुआ। लोगों के जान-माल के साथ-साथ पशुओं का भी भारी नुकसान हुआ है, जिससे डेयरी फ़ार्मिंग और पशुपालन जैसे सहायक धंधों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।

लोकसभा सदस्य ने पंजाब में आई बाढ़ के गत कारणों पर देखते हुए  हुए कहा कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते रावी नदी में आई बाढ़ से रणजीत सागर डैम का जलस्तर पिछले 10 दिनों में 25 फ़ुट बढ़ा, जिसके कारण 1988 की तुलना में अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते माजे के तीन जिलों में लगभग 300 गाँव बाढ़ की चपेट में आए। इसी तरह, पोंग डैम में बढ़े जलस्तर से ब्यास नदी में छोड़े गए पानी के कारण कपूरथला और होशियारपुर जिलों के कई गाँव बाढग़्रस्त हो गए। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से भाखड़ा डैम का जलस्तर बढऩे के कारण सतलुज नदी किनारे के जिलों को भी बड़ी मार झेलनी पड़ी है। बीते दिन से जारी बारिश के चलते घग्गर किनारों पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा, पंजाब में लगातार बारिश हो रही है, जो सितंबर तक जारी है।

मीत हेयर ने प्रधानमंत्री से इस स्थिति को देखते हुए पंजाब को विशेष केंद्रीय पैकेज देने की मांग की है। इस पैकेज में बाढ़ प्रभावित परिवारों को उचित मुआवज़ा, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण, जिसमें सिंचाई व्यवस्था और नदियों के किनारों की मरम्मत शामिल हो, होना चाहिए। साथ ही घग्गर के स्थायी प्रबंध के साथ नदियों के किनारे कम से कम साढ़े चार फ़ुट तक मज़बूती से तैयार किए जाएं।

उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अपील की है कि जैसे केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था, उसी प्रकार पंजाब में भी केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं का दौरा करवाया जाए ताकि वे ज़मीनी स्तर पर हुए नुकसान का स्वयं आकलन कर सकें।
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