*बाढ़ प्रभावित इलाकों से 23,015 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया, 123 राहत शिविरों में 5,416 व्यक्तियों को ठहराया गया: हरदीप सिंह मुंडियां*
*3 और व्यक्तियों की मौत, 3.87 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई*
*अब तक 1.84 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल प्रभावित*
*चंडीगढ़, 8 सितंबर*: पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने आज बताया कि बाढ़ के कारण राज्य के कई जिलों में जहां अधिक आबादी प्रभावित हुई है, वहीं फसलों के नुकसान में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्टों के अनुसार 15 जिलों में अब तक 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और मानसा, मोगा तथा पटियाला जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान 3 और मौतें दर्ज होने से मृतकों की कुल संख्या 51 हो गई है।
फसलों और बुनियादी ढांचे के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए श्री मुंडियां ने कहा कि अब तक 1,84,938.05 हेक्टेयर से अधिक फसल को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि घरों और पशुधन को हुए नुकसान का आकलन जारी है और बाढ़ का पानी कम होने के बाद ही इस बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
श्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 77 और व्यक्तियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला गया है और अब तक कुल 23,015 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस समय 123 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें 5,416 व्यक्ति ठहरे हुए हैं और अधिकांश प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को सुनिश्चित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना के लगभग 30 हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं, जबकि बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जमीनी स्तर पर सहायता कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सूखा राशन, पीने का पानी, दवाइयाँ और जरूरी सामान सहित राहत सामग्री 24 घंटे भेजी जा रही है।
जिला-वार विवरण देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अमृतसर में 196 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिसके कारण 1,36,105 लोग प्रभावित हुए हैं और जिले में 7 व्यक्तियों की मौत हुई है। जिले में कुल 3,260 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 16 राहत शिविर सक्रिय हैं, जबकि 27,154 हेक्टेयर खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है। बरनाला में कुल 121 गाँव बाढ़ के पानी से घिरे हैं, जिससे 1,343 लोग प्रभावित हुए हैं। जिले में 5 मौतें हुई हैं, 630 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 46 राहत शिविर सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि बठिंडा में 21 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं। हालांकि कोई आबादी सीधे प्रभावित नहीं हुई लेकिन जिले में 4 मौतें हुई हैं, जबकि 586.79 हेक्टेयर खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है। इसी तरह फरीदकोट जिले में 15 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं। फाजि़ल्का में 86 गाँव डूब गए हैं, जिससे 25,037 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं और दो व्यक्तियों की मौत हुई है। बाढ़ के पानी से कुल 4,235 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 14 राहत शिविर सक्रिय हैं जबकि 19,036 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा है।
मंत्री ने कहा कि जिला फिरोजपुर में 108 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे 38,614 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। जिले में दो मौतें दर्ज की गई हैं, 3,948 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 17,257 हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। इसी तरह गुरदासपुर में 329 गाँव पानी की चपेट में आए हैं, जिससे 1,45,000 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं और दो मौतें हुई हैं। जिले में कुल 5,581 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 13 राहत शिविर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के इस जिले की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं, यहाँ 40,169 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
होशियारपुर में 208 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिससे 2,760 लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है, जबकि 7 व्यक्तियों ने जान गंवाई है। कुल 1,616 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 4 राहत शिविर लगाए गए हैं। यहाँ 8,322 हेक्टेयर फसली क्षेत्र का नुकसान हुआ है। जालंधर में 93 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिससे 1,970 लोग प्रभावित हुए हैं। जन-धन की हानि की कोई रिपोर्ट नहीं है। अब तक कुल 511 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है और 18 राहत शिविर सक्रिय हैं। यहाँ 4,800 हेक्टेयर फसलों का नुकसान दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि कपूरथला में 145 गाँवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे 5,728 लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है और 1,428 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 17,574 हेक्टेयर फसलें नष्ट हुई हैं। लुधियाना में 85 गाँव प्रभावित हुए हैं और जिले में मरने वालों की संख्या 4 है। यहाँ लगाए गए एक कैंप में 47 व्यक्तियों को ठहराया गया है और 72 हेक्टेयर फसली क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है। मलेरकोटला में 12 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं।
मानसा जिले में 95 गाँवों के 178 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और जिले में 4 मौतें दर्ज की गई हैं। कुल 178 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 2 राहत शिविर सक्रिय हैं। 12,207 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। मोगा में 52 गाँव और 800 व्यक्ति बाढ़ की मार झेल रहे हैं। एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुल 155 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है जबकि 3 कैंप लोगों को आश्रय दे रहे हैं और 2,240 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
श्री मुंडियां ने बताया कि पठानकोट में 88 गाँवों को बाढ़ ने प्रभावित किया है, जिससे 15,503 लोगों का जीवन कठिन हो गया है। जिले में 6 व्यक्तियों ने जान गंवाई है। 1,139 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 1 राहत शिविर सक्रिय है। यहाँ 2,442 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। पटियाला में 109 गाँव प्रभावित हुए हैं। जिले में 2 मौतें दर्ज की गई हैं और 10,420 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें नष्ट हुई हैं। रूपनगर में 58 गाँव प्रभावित हुए हैं, जिससे 778 व्यक्तियों का जीवन प्रभावित हुआ है। यहाँ दो व्यक्तियों की जान गई है, 313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और 4 राहत शिविरों में लोगों को ठहराया जा रहा है। इसके अलावा 1,080 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें तबाह हुई हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि जिला एसएएस नगर में 15 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिससे 14,000 व्यक्ति प्रभावित हुए हैं। यहाँ 2 मौतें हुई हैं और 2,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। संगरूर में भी 107 गाँव बाढ़ का खामियाज़ा भुगत रहे हैं, जिससे 83 व्यक्तियों का जीवन प्रभावित हुआ है। जिले में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। यहाँ एक राहत शिविर चल रहा है और 6,560 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई हैं। इसी तरह एसबीएस नगर में 28 गाँव प्रभावित हुए हैं और 188 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुँचा है। जिला श्री मुक्तसर साहिब में 23 गाँव प्रभावित हुए हैं, जबकि जिला तरन तारन में 70 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिनमें 60 लोग प्रभावित हुए हैं। कुल 21 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और 12,828 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें प्रभावित हुई हैं।
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*दरिया के लिए बाढ़ क्षेत्र छोडऩा जरूरी - संत सीचेवाल*
*कुदरत के नज़दीक होने से ही बाढ़ों से मिलेगी निजात*
*पंजाब में 900 किलोमीटर लंबे धुसी बांधों को मज़बूत करने की ज़रूरत*
*हर ट्यूबवेल पर पाँच पेड़ लगाने से 70 लाख पौधों का होगा इजाफ़ा*
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 08 सितम्बर: राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि बाढ़ों से निजात पाने के लिए हमें कुदरत के करीब जाना होगा और दरिया के लिए बाढ़ क्षेत्र छोडऩा होगा। पिछले 29 दिनों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर पीडि़तों का सहारा बने संत सीचेवाल ने कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलें तय करनी होंगी। जलवायु परिवर्तन से आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि जिस विकास मॉडल को प्रस्तुत किया जा रहा है, उसने तबाही मचाई है। इस विकास मॉडल ने जंगलों और पहाड़ों का विनाश किया है।
संत सीचेवाल ने कहा कि दरिया के किनारे सभ्यताएँ बसने का बड़ा कारण यह था कि दरिया अपने साथ उपजाऊ मिट्टी लाती थीं। यही मिट्टी खेती के लिए लाभदायक होती थी, पर जब से इंसान ने कुदरत से छेड़छाड़ करनी शुरू की है, तब से मुश्किलों में घिरता जा रहा है।
गौरतलब है कि पंजाब में सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर के इर्द-गिर्द कुल 900 किलोमीटर लंबे धुसी बांध हैं। इनमें से 226 किलोमीटर सतलुज, 164 किलोमीटर रावी, 104 किलोमीटर ब्यास और लगभग 100 किलोमीटर घग्गर के किनारे हैं। इसके अलावा छोटी नदियों और चोओं (नालों) के आसपास भी 300 किलोमीटर लंबे कच्चे बांध बने हुए हैं। ये बांध 1950-60 के दशक में बनाए गए थे और इस बार आई बाढ़ ने पानी के पिछले सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए।
संत सीचेवाल ने कहा कि धुसी बांधों को मज़बूत करने के लिए इनके ऊपर पक्की सडक़ों का निर्माण होना चाहिए और बांधों पर पेड़ लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव का सबसे आसान तरीका है कि हम अपने खेतों या ट्यूबवेल पर कम से कम पाँच पेड़ लगाएँ। उन्होंने बताया कि पंजाब में 14 लाख ट्यूबवेल हैं और अगर हर ट्यूबवेल पर पाँच पेड़ भी लग जाएँ तो 70 लाख पेड़ों की बढ़ोतरी होगी। ये पेड़ बाढ़ को कम करने में सहायक होंगे और समय पर वर्षा कराने में भी मददगार साबित होंगे।
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*पंजाब सरकार ने बाढ़ पीडि़तों के लिए राहत कार्य तेज किए*
*कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा नंगल से ‘ऑपरेशन राहत’ की शुरुआत, विधायकों ने स्थानीय स्तर पर राहत अभियान संभाला*
चंडीगढ़, 8 सितंबर: पंजाब सरकार ने भयानक बाढ़ से प्रभावित हज़ारों गाँवों के लाखों लोगों को तुरंत राहत पहुँचाने की कार्रवाई और तेज़ कर दी है। लोगों की जान और माल की रक्षा के लिए मंत्रियों, विधायकों, वालंटियरों और जि़ला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज नंगल से ‘ऑपरेशन राहत’ की शुरुआत की। यह 10 दिन का अभियान बाढ़ पीडि़त परिवारों को राहत और पुनर्वास के लिए समर्पित रहेगा। इसके अलावा उन्होंने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सरसा नंगल से ‘आओ अपने गाँव का सरकारी स्कूल साफ़ करें’ अभियान भी शुरू किया। मंत्री ने गाँवों के पंच-सरपंचों, यूथ क्लबों और स्कूल प्रबंधन समितियों से इस सफाई अभियान में भाग लेने की अपील की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से बाढ़ के कारण पंजाब के लगभग 20 हज़ार सरकारी स्कूल बंद थे, जिन्हें आज साफ़-सफ़ाई के लिए खोला गया है। कल, 9 सितंबर से इन स्कूलों में विद्यार्थी पहुँचेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई इमारत असुरक्षित लगती हो तो उसकी सूचना तुरंत जि़ले के डिप्टी कमिश्नर, एस.डी.एम. या इंजीनियर विंग को दी जा सकती है।
मंत्री बैंस ने बताया कि बाढ़ पीडि़त परिवारों की मदद के लिए उनका परिवार व्यक्तिगत तौर पर 5 लाख रुपये देगा और 50 ज़रूरतमंद घरों की मरम्मत करवाएगा। आम आदमी पार्टी के वालंटियरों की टीमें गाँवों में भेजी गई हैं जो लोगों और पशुओं के लिए घर-घर जाकर मेडिकल सहायता उपलब्ध करा रही हैं।
जलालाबाद में विधायक जगदीप कम्बोज गोल्डी ने गाँव जोधा भैणी में जानवरों के लिए चारा (कैटल फीड) वितरित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद किया कि सरकार ने फ़सलों और मकानों के मुआवज़े में वृद्धि की है और किसानों को अपनी ज़मीन पर आई रेत रखने व बेचने की अनुमति दी है। विधायक ने कहा कि अब बाढ़ के पानी से आई रेत किसान की होगी और वह इसे बेच भी सकेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के मकानों को हुए नुक़सान की भरपाई भी सरकार करेगी और इस संबंध में गिरदावरी कराने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। फ़ाजि़ल्का में विधायक नरेंद्रपाल सिंह सवना ने गाँव महात्म के निवासियों को एक नई नाव भेंट की, ताकि राहत सामग्री का आवागमन हो सके। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में मैं अपने लोगों के साथ खड़ा हूँ।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के दिशा-निर्देशों पर फ़ाजि़ल्का स्वास्थ्य विभाग द्वारा साँप के काटने से बचाव के लिए विशेष हिदायतें जारी की गई हैं। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार और सहायक सिविल सर्जन डॉ. रोहित गोयल ने लोगों को सलाह दी कि साँप के डसने पर मरीज़ को तुरंत सरकारी अस्पताल पहुँचाया जाए, जहाँ मुफ़्त इलाज उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि साँप के डसने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि मरीज़ को तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया जाए। इस समय एंबुलेंस के लिए 108 पर संपर्क किया जा सकता है।
इधर, डिप्टी कमिश्नर अमरप्रीत कौर संधू ने बताया कि जि़ले में अब तक 10,874 राशन किटें और 5,890 कैटल फीड के बैग वितरित किए गए हैं। 4,235 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। होशियारपुर से डिप्टी कमिश्नर सह जि़ला रेड क्रॉस सोसायटी की प्रधान आशिका जैन ने बताया कि बाढ़ से पीडि़त परिवारों की मदद के लिए सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएँ, कंपनियाँ और दानदाता सज्जन भी आगे आ रहे हैं।
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*भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक फैसले लेकर बाढ़ पीडि़तों के साथ एकजुटता व्यक्त की*
*‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति को हरी झंडी, किसानों को बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत बेचने की अनुमति*
*फसलों के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपए मुआवजे को मंजूरी, देश में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा*
*चंडीगढ़, 8 सितंबर* : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज ऐतिहासिक फैसले लेते हुए ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ की जन-हितैषी नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एक विशेष अवसर प्रदान करते हुए किसानों को भयंकर बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने के साथ-साथ, यदि वे चाहें, तो इसे बेचने की छूट दी जाएगी।
इस बारे में फैसला आज सुबह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनकी सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से वर्चुअल रूप से भाग लिया, जहां वे इलाज के लिए भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ के कारण पानी की मार झेल रहे खेतों में रेत और मिट्टी जमा हो चुकी है। इन खेतों के किसानों को बड़ी राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया कि किसानों को अपने खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाएगी और यदि वे चाहें तो इसे बेच भी सकेंगे। ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में किसानों को इस साल 31 दिसंबर तक बिना किसी परमिट के अपनी जमीन से रेत निकालने की अनुमति होगी।
कृषि योग्य जमीन से मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री निकालने का यह एकमुश्त अवसर माना जाएगा, लेकिन इसे खनन सामग्री नहीं माना जाएगा। संबंधित जिले का डिप्टी कमिश्नर जिले में प्रभावित गांवों की सूची घोषित करेगा, जहां बाढ़ के कारण रेत या गाद जमा होने से प्रभावित किसानों/काश्तकारों/किसान समूहों द्वारा मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को निकालने और ढोने का कार्य किया जा सकेगा। हाल ही में आई बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सभी जिला खनन अधिकारियों के साथ-साथ जिला और उप-मंडल स्तर की निगरानी कमेटियां प्रभावित खेतों से मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को बिना जमीन की मूल सतह के साथ छेड़छाड़ किए हटाने और ढोने में सहयोग करेंगी।
फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि पंजाब सरकार प्रति एकड़ 20,000 रुपए का मुआवजा देगी, जो न केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा है। गंभीर संकट में फंसे किसानों को उबारने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है ताकि किसानों को अत्यंत आवश्यक राहत दी जा सके।
*पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन को मंजूरी*
मंत्रिमंडल ने राज्य की शहरी स्थानीय इकाइयों को म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड के माध्यम से इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों के फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड की स्थापना की गई थी, जिसके लिए प्रत्येक वर्ष प्रांतीय बजट से धन प्राप्त होता है। शहरी निकाय इकाइयों द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों को अपनी संपत्तियों के निपटान से प्राप्त फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए इस एक्ट में धारा 69बी जोड़ी गई है, जिसके तहत जमीन, इमारतों या अन्य चल-अचल संपत्तियों के निपटान से ट्रस्ट को मिलने वाले धन का हिस्सा, जैसा कि निर्धारित हो, म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड में स्थानांतरित किया जाएगा।
*बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी*
मंत्रिमंडल ने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत मुकदमा चलाने की सहमति दे दी। पंजाब के एडवोकेट जनरल (ए.जी.) की सलाह के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के मामले पर पहले मंत्रिमंडल में विचार करने की आवश्यकता थी और इसके बाद यह मामला अब आगे के आदेश के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
*खरीफ खरीद सीजन 2025 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी*
मंत्रिमंडल ने 16 सितंबर से 30 नवंबर 2025 तक चलने वाले धान की खरीद के लिए खरीफ खरीद सीजन 2025-26 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को हरी झंडी दे दी। ‘खरीफ 2025-26 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति’ के प्रस्तावों के अनुसार चावल मिलों को विभाग द्वारा समय पर मंडियों के साथ ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। चावल मिलों के लिए आर.ओ. स्कीम के तहत धान का आवंटन एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आटोमेटिक होगा। योग्य चावल मिलों में धान, इस नीति के प्रस्तावों और प्रांतीय एजेंसियों व चावल मिल मालिकों के बीच हुए समझौते के अनुसार भंडारित होगा। ‘खरीफ 2025-26 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति’ में प्रस्तावित है कि चावल मिल मालिकों को नीति और समझौते के अनुसार 31 मार्च, 2026 तक भंडारित धान का बनता चावल डिलीवर करना होगा।
*पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी-2023 में संशोधन को हरी झंडी*
रेत खदानों के आवंटन को और प्रभावी बनाने, अतिरिक्त राजस्व जुटाने और रेत-बजरी की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी, 2023’ और ‘पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स, 2013’ के संबंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी। ‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी 2023’ और ‘पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स 2013’ दोनों में ये संशोधन नीलामी प्रक्रियाओं, खनन के अधिकार देने, रियायत की अवधि, रियायत की राशि, जमानत राशि का भुगतान, पर्यावरण मंजूरी मांगने के लिए जिम्मेदारी में बदलाव, ‘डेड रेंट’ की अवधारणा लाने से संबंधित हैं। इन नए नियमों/संशोधनों को मौजूदा पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स पॉलिसी, 2023 और पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स रूल्स 2013 में जोड़ा/बदला जाएगा। इसके अलावा, 30 अप्रैल 2025 की पंजाब स्टेट माइनर मिनरल (संशोधन) नीति के अनुसार रॉयल्टी की दरों में भी वृद्धि करने की आवश्यकता है। इसके तहत स्टेट जियोलॉजिस्ट के पास नियम 87 के अनुसार मूल्यांकन आदेशों के खिलाफ अपील सुनने की शक्तियां होंगी। वर्तमान में यह पद खाली है, इसलिए विभाग के अन्य अधिकारियों को ये शक्तियां देने के लिए सरकार को अधिकृत करने का प्रस्ताव है ताकि अपीलों से संबंधित कार्य प्रभावित न हो।
*एस.एम.ई.टी. के गठन को मंजूरी*
मंत्रिमंडल ने राज्य में खनिज संसाधनों के योजनाबद्ध विकास और इनकी खोज के कार्यों की निगरानी के लिए पंजाब स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एस.एम.ई.टी.) के गठन को भी सहमति दे दी। यह ट्रस्ट विजन, मिशन प्लान, खोज के लिए मास्टर प्लान तैयार करेगा, जंगल क्षेत्र की खोज के लिए फंड जुटाएगा, सर्वेक्षण सुविधा, क्षमता वृद्धि वाले कार्यक्रम आयोजित करेगा, खोज और विकास गतिविधियों की योजना बनाएगा, विभागीय प्रयोगशाला को मजबूत और उन्नत करेगा, अधिकारियों और तकनीकी व्यक्तियों की नियुक्ति करेगा, स्टेट मिनरल डायरेक्ट्री विकसित करेगा, नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, खोज परियोजनाओं के लिए लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करेगा और तकनीक व अन्य उद्देश्यों की उपयोगिता के माध्यम से खनन और संबंधित गतिविधियों की निगरानी करेगा।
*एस.एस.ए. के तहत गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की सहमति*
मंत्रिमंडल ने स्कूल शिक्षा विभाग में 1007 पदों का सृजन और ‘समग्र शिक्षा अभियान’ (एस.एस.ए.) के तहत गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए भी सहमति दे दी। इससे एस.एस.ए. के गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की लंबे समय से लंबित मांग पूरी होने का रास्ता साफ होगा और सरकारी ढांचे में अनुभवी कर्मचारियों के शामिल होने से शिक्षा विभाग के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और अन्य कानूनी अड़चनें दूर होंगी।
*पंजाब एजुकेशन सर्विस रूल्स-2018 में संशोधन को मंजूरी*
मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए पंजाब एजुकेशन सर्विस रूल्स-2018 में संशोधन को मंजूरी दे दी। 2018 के मौजूदा नियमों में कुछ कैडरों के लिए पदोन्नति का कोई अवसर नहीं था, लेकिन अब इन नियमों में संशोधन के साथ पी.टी.आई. (एलिमेंट्री), प्री-प्राइमरी अध्यापकों, स्पेशल एजुकेटर अध्यापकों (सेकेंडरी) और स्पेशल एजुकेटर अध्यापकों (एलिमेंट्री) और वोकेशनल मास्टर्स को पदोन्नति के नए अवसर मिलेंगे। इस संशोधन से लगभग 1500 शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इस संशोधन से नई भर्तियों का रास्ता खुलेगा और इच्छुक उम्मीदवारों के लिए नौकरियों के नए अवसर पैदा होंगे।
*कम्युनिटी सर्विस गाइडलाइंस-2025 को हरी झंडी*
मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब कम्युनिटी सर्विस गाइडलाइंस-2025’ को भी हरी झंडी दे दी। इसका उद्देश्य पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ की जिला अदालतों में एकरूपता लाना है ताकि तीन नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके, जिनके तहत बी.एन.एस.एस. की धारा 23(2), या जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 18(1)(सी) या देश भर के अन्य कानूनों के तहत सामुदायिक सेवा की सजा दी जाती है।
*जिला परिषदों से स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण के अवसर पर ग्रामीण मेडिकल अधिकारियों को ‘वेतन संरक्षण’ का लाभ*
पंजाब मंत्रिमंडल ने जिला परिषदों के तहत कार्यरत ग्रामीण मेडिकल अधिकारियों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में स्थानांतरण (शामिल होने) के अवसर पर उनके ‘वेतन संरक्षण’ को सुनिश्चित करने की भी मंजूरी दे दी। इन चिकित्सा अधिकारियों के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में स्थानांतरण/शामिल होने के बाद ‘वेतन संरक्षण’ का लाभ इस शर्त पर मिलेगा कि ‘वेतन संरक्षण’ के अलावा पिछली सेवा का लाभ किसी अन्य उद्देश्य के लिए लागू नहीं होगा।
*सरकारी डॉक्टरों के सम्मान के लिए नीति तैयार करने की सहमति*
मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के तहत कार्यरत सरकारी डॉक्टरों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित करने के लिए नीति तैयार करने की भी सहमति दे दी। इसके तहत सभी डॉक्टर, चाहे वे विभाग में नियमित हों या अनुबंध पर, अपनी संबंधित श्रेणियों में यह सम्मान प्राप्त करने के हकदार होंगे।
*पंजाब पुलिस में 1600 नई एन.जी.ओ. पदों का सृजन*
पुलिस जांच में कार्य कुशलता और नई चुनौतियों, विशेष रूप से एन.डी.पी.एस. मामलों और अन्य संगठित अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए थानों को मजबूत करने हेतु मंत्रिमंडल ने पंजाब पुलिस के जिला कैडर में 1600 नई गैर-राजपत्रित अधिकारी (एन.जी.ओ.) पदों (ए.एस.आई., एस.आई. और इंस्पेक्टर) के सृजन की मंजूरी दे दी। इस फैसले के अनुसार, पंजाब पुलिस के जिला कैडर में 1600 नई एन.जी.ओ. पद (150 इंस्पेक्टर, 450 सब इंस्पेक्टर और 1000 ए.एस.आई.) सृजित किए जाएंगे और ये पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप खाली होने वाली 1600 कांस्टेबल पदों पर भी भर्ती की जाएगी। यह फैसला पुलिस विभाग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि जमीनी स्तर पर उचित तैनाती के साथ-साथ एन.डी.पी.एस. एक्ट के मामलों, जघन्य अपराधों, साइबर अपराधों और अन्य आर्थिक अपराधों के मामलों की जांच में कार्यकुशलता और निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
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आओ अपने-अपने गाँव का सरकारी स्कूल साफ़ करें, मुहिम की शिक्षा मंत्री ने की शुरुआत
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरसा नंगल पहुँचे शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस, मुहिम में हर किसी से माँगा सहयोग
चंडीगढ़/ सरसा नंगल/कीरतपुर साहिब, 08 सितंबर: पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने आज सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरसा नंगल से ‘आओ अपने-अपने गाँव का सरकारी स्कूल साफ़ करें’ मुहिम की शुरुआत की और इस मुहिम में सभी से अधिक से अधिक सहयोग देने की अपील की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कई दिनों से बाढ़ के कारण पंजाब के लगभग 20 हज़ार सरकारी स्कूल बंद किये हुये थे, जिन्हें आज साफ़-सफ़ाई के लिए खोला गया है। कल 9 सितंबर को इन स्कूलों में विद्यार्थी पहुँच जाएंगे। आज हमने इन सरकारी स्कूलों की साफ़-सफ़ाई और स्थिति का जायज़ा लेने के लिए एक विशेष मुहिम शुरू की है, जिसके तहत अपने-अपने इलाक़ों के सरकारी स्कूलों में साफ़-सफ़ाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने साथी विधायकों, गाँवों के पंचों, सरपंचों, यूथ क्लबों, नौजवानों और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों से अपील की है कि वे इन सरकारी स्कूलों में जाकर शुरू की गई साफ़-सफ़ाई मुहिम में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बंद रहने के कारण इन स्कूलों में साफ़-सफ़ाई की ज़रूरत है और अगर कहीं पानी निकासी, पीने के पानी और कूड़े-कचरे की समस्या है तो उसका समाधान आज ही करवा लिया जाए।
उन्होंने कल शाम भी यह अपील की थी कि अगर कहीं कोई इमारत असुरक्षित लगे तो उसके बारे में तुरंत जि़ले के डिप्टी कमिश्नर, एस.डी.एम. या इंजीनियर विंग को सूचित किया जाए, क्योंकि शिक्षकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
इस अवसर पर जुझार सिंह आसपुर सदस्य सैनी वेलफ़ेयर बोर्ड पंजाब, जगमीत कौर स्कूल इंचार्ज, हरविंदर कौर ब्लॉक प्रधान, सोहन सिंह, सीता राम, मोहन सिंह सरपंच, नवप्रीत सिंह, गुरमेल सिंह नंबरदार, हरभजन सिंह, अवतार सिंह तथा बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस द्वारा नंगल से ऑपरेशन राहत की शुरुआत
लोगों की जान-माल की रक्षा करना हमारा कर्म और धर्म - हरजोत सिंह बैंस
10 दिन चलाया जाएगा ऑपरेशन राहत, बैंस परिवार ने निजी तौर पर 5 लाख देने का किया ऐलान
परिवार द्वारा 50 प्रभावित जरूरतमंद घरों की कराई जाएगी मरम्मत, सरकारी मशीनरी को नुक़सान का आकलन करने के निर्देश
आप वॉलंटियरों की टीमें गाँवों के लिए रवाना, मानव जीवन और पशुओं के लिए मेडिकल सुविधा घर-घर होगी उपलब्ध
चंडीगढ़/नंगल, 08 सितम्बर: श्री हरजोत सिंह बैंस, कैबिनेट मंत्री पंजाब ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र श्री आनंदपुर साहिब से "ऑपरेशन राहत" की शुरुआत नंगल 2आरवीआर से कर दी है। उन्होंने इस मुहिम में अपने परिवार की ओर से 5 लाख रुपये का योगदान दिया है और 50 ज़रूरतमंद परिवारों के घरों की मरम्मत का खर्च उठाने का फैसला लिया है।
श्री बैंस ने इस मौके पर कहा कि लोगों की सुरक्षा करना हमारा धर्म और कर्म है। पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश/पंजाब में हुई भारी बरसात और भाखड़ा डैम से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण श्री आनंदपुर साहिब, नंगल, कीरतपुर साहिब और इलाके के कई गाँवों को भारी नुक़सान हुआ है। लोगों की धान और मक्के की फ़सलें बर्बाद हो गईं, कई इमारतें पानी भरने से क्षतिग्रस्त हुईं। इस समय लोगों को तात्कालिक राहत की आवश्यकता है। अब बारिश में भी कमी आई है और डैम का जलस्तर लगातार नियंत्रण में आ रहा है। इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में प्रशासन के साथ इलाक़े के युवाओं, आप वॉलंटियरों, यूथ क्लबों, पंचों-सरपंजचों ने बढ़-चढक़र योगदान दिया। दर्जनों जगह पर नदियों और नहरों के किनारे कमजोर होने, बांध टूटने जैसी स्थिति में बाढ़ का खतरा बना, ऐसे समय हमारी टीम ने हर परिस्थिति का सामना किया और लोगों की जान-माल की रक्षा की। उन्होंने कहा कि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और ज़मीनी स्तर पर बाढ़ का असर नजऱ आ रहा है। आज हमने सरकारी स्कूलों की सफाई मुहिम चलाई है और कल से सभी सरकारी स्कूल सामान्य रूप से खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब लोगों की मदद के लिए और आगे बढऩे की ज़रूरत है। इसलिए मेरे परिवार और साथियों ने निर्णय लिया है कि अपने द्वारा निजी खर्च पर 50 घरों की मरम्मत करवाई जाएगी और परिवार की ओर से 5 लाख रुपये इस "ऑपरेशन राहत" में दिए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने आज अपने क्षेत्र श्री आनंदपुर साहिब के लिए ‘‘ऑपरेशन राहत’’ की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारे नौजवान, आप वॉलंटियर और प्रशासन की टीमें नंगल, श्री आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब और सभी गाँवों में जा रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करना हमारा धर्म और कर्म है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार लोगों के नुक़सान का हर संभव मुआवज़ा देगी। उन्होंने कहा कि हमारे एस.डी.एम, तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, बी.डी.पी.ओ, पंचायत सचिव हर गाँव में जाकर नुक़सान का आकलन करेंगे। पंचों, सरपंचों और नंबरदारों के साथ मिलकर नुक़सान का जायज़ा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहाँ भी जलभराव हुआ है, वहाँ से पानी की निकासी की जाएगी और लोगों को जल आपूर्ति से शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। महामारी से बचाव के लिए गाँवों और शहरों में फॉगिंग और दवाइयों का छिडक़ाव किया जाएगा। लोगों की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीमें और साथ ही पशुधन की सुरक्षा के लिए वेटनरी डॉक्टर गाँवों में जाकर पशुओं की जांच करेंगे और मुफ्त दवाइयाँ देंगे। उन्होंने कहा कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति और सडक़ नेटवर्क को बहाल करने के भी प्रबंध किए जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि हमारी टीम "ऑपरेशन राहत" को अगले चरण में ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मुहिम अगले 10 दिनों तक जारी रहेगी। इस अभियान के तहत श्री बैंस ने कहा कि सरकार की ओर से जो भी राहत घोषित की जाएगी, उसे जल्द से जल्द लोगों तक पहुँचाया जाएगा।
इस अवसर पर डॉ. संजीव गौतम जिला कोऑर्डिनेटर, कमिकर सिंह हलका कोऑर्डिनेटर, राम कुमार मुकारी जिला सचिव, रोहित कालिया प्रधान ट्रक यूनियन, तरलोचन सिंह लोची प्रधान ट्रक यूनियन कीरतपुर साहिब, दया सिंह, सुखविंदर सिंह सेखो, चन्नण सिंह पम्मू ढिल्लों सरपंच, बलविंदर सिंह, निशांत गुप्ता, एडवोकेट निशात गुप्ता, जसपाल सिंह, राकेश वर्मा, जोनी पुरी, सोहन सिंह, सतीश चोपड़ा, शमी बरारी, दीपु बास, गुरविंदर कौर कोऑर्डिनेटर महिला विंग, सुनीता ब्लॉक प्रधान, पिंकी शर्मा, बिकर सिंह, सुरजीत कुमार, प्रिंसिपल गुरनाम सिंह, अश्वनी शर्मा, मुकेश शर्मा, हरदीप सिंह बैंस, दलजीत सिंह काका, नितिन बासोवाल, कुलविंदर सिंह, सोहन सिंह, कुलदीप सिंह, गुरनाम सिंह, अभिजीत अलेक्सी, करतार सिंह, नीरज, अमरजीत सिंह और बड़ी संख्या में नौजवान उपस्थित थे।
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वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने 16 क्लर्कों को सौंपे नियुक्ति पत्र
भर्ती होने वाले अधिकांश युवा को वर्तमान सरकार दौरान मिली दूसरी या तीसरी बार नौकरी
चंडीगढ़, 8 सितंबर: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश के वित्त प्रशासन को और मजबूत करने के लिए आज नए भर्ती हुए 16 क्लर्कों को नियुक्ति पत्र सौंपे। ये नियुक्तियां नव-गठित ‘डायरेक्टोरेट ऑफ खजाना एवं लेखा शाखा, पेंशन और न्यू पेंशन स्कीम’ के लिए की गईं हैं।
इस अवसर की खास बात यह रही कि अधिकांश युवा को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली वर्तमान पंजाब सरकार के अधीन दूसरी या तीसरी नौकरी मिली है। विभाग में क्लर्क के रूप में नियुक्त संदीप कौर को पहले पुलिस और सहकारी बैंक में भी नौकरी मिल चुकी थी। इसी तरह जीवन सिंह, हैपी कुमार, साहिल सियाग, अवतार सिंह और हरप्रीत सिंह ने बताया कि यह उनकी दूसरी नियुक्ति है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा करने हेतु मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने नए कर्मचारियों का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने सरकारी कार्यालयों के सुचारू कार्यकाज में क्लर्कों की अहम भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि क्लर्क दफ्तरी कार्यकाज की मूल आधारशिला हैं, और उनकी कुशलता विभाग के सुचारू कार्यकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने नए भर्ती हुए क्लर्कों से ईमानदारी, अनुशासन और लगन से अपनी ड्यूटी निभाने और पंजाब की प्रगति व खुशहाली में योगदान देने की अपील की।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त आलोक शेखर, डायरेक्टर,खजाना अरविंद कुमार और अतिरिक्त डायरेक्टर खजाना सिमरजीत कौर भी मौजूद थे।
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नशा तस्कर सोनी सहित पांच व्यक्ति 8.1 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार
— नेटवर्क में खेपों को आगे पहुंचाने के लिए, होटलों को तस्करी डंप के रूप में उपयोग करता था नार्को सिंडिकेट: डी.जी.पी. गौरव यादव
— तस्कर सोनी सिंह के खुलासे पर उसके चार सहयोगियों को किया गिरफ्तार: सी.पी. अमृतसर गुरप्रीत भुल्लर
चंडीगढ़/अमृतसर, 8 सितंबर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के मद्देनजर चल रही मुहिम के दौरान सीमा पार से नार्को-आतंकवाद नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए, कमिश्नरेट पुलिस अमृतसर ने सोनी सिंह उर्फ सोनी को, उसके चार साथियों समेत गिरफ्तार करके हेरोइन तस्करी कार्टेल का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के कब्जे से 8.1 किलो हेरोइन बरामद की गई है। यह जानकारी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने सोमवार को यहाँ दी।
गिरफ्तार किए गए अन्य चार नशा तस्करों की पहचान गुरसेवक सिंह, विशालदीप सिंह उर्फ गोला, गुरप्रीत सिंह और अर्शदीप सिंह के रूप में हुई है, जो सभी अमृतसर के अजनाला के रहने वाले हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि सिंडिकेट पाकिस्तान से संबंधित था और भारतीय क्षेत्र में हेरोइन की बड़ी खेपें पहुंचाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाता था। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सिंडिकेट द्वारा नेटवर्क में खेपों को आगे पहुंचाने के लिए होटलों को तस्करी डंप के रूप में उपयोग किया जाता था।
डीजीपी ने कहा कि हैंडलरों, सप्लाई चैन और वित्तीय नेटवर्क की पहचान करने के लिए अगले-पिछले संबंध स्थापित करने हेतु और जांच जारी है।
ऑपरेशन संबंधी विवरण साझा करते हुए, पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि भरोसेमंद सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीमों ने शहर के बाहरी इलाके से नशा तस्कर सोनी सिंह को 150 ग्राम हेरोइन और ड्रग मनी सहित गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी सोनी, जिसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के छह मामले दर्ज हैं और जो जून महीने में जेल से बाहर आया था, ने लगभग 30 किलो हेरोइन की खेपें ड्रोन के माध्यम से हासिल की थीं, जो इस श्रृंखला में आगे सप्लाई की जानी थी।
सीपी ने कहा कि सोनी के खुलासे पर उसके साथी गुरसेवक सिंह को नामजद किया गया और उसे 8.037 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। गुरसेवक द्वारा खेपें शहर में आगे डिलीवर की जाती थीं। उन्होंने कहा कि आगे की जांच के बाद सोनी के इस तस्करी मॉडल के बाकी सक्रिय सदस्यों को भी नामजद करके गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि अगली जांच जारी है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी तथा बरामदगी की उम्मीद है।
इस संबंधी अमृतसर के थाना छेहरटा में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 21-बी, 27-ए, 21-सी और 29 के तहत एफआईआर नंबर 177 दिनांक 06-09-2025 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।
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प्रधानमंत्री के दौरे से पहले अमन अरोड़ा द्वारा केंद्र से 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की माँग, बाढ़ के मौके को पर्यटन की तरह इस्तेमाल करने पर भाजपा नेतृत्व को घेरा
कहा, पंजाब प्रधानमंत्री का स्वागत करता है, पर प्रदेश की परिस्थितियों को केवल फ़ोटोग्राफ़ी के लिए इस्तेमाल करने की बजाय ठोस सहायता की जाए
बाढ़ से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को विचारते हुए राज्य के 60 हज़ार करोड़ रुपये के बकाया फंड तुरंत जारी किए जाएँ: अमन अरोड़ा
चंडीगढ़, 8 सितंबर: प्रधानमंत्री द्वारा पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से पहले भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ‘गहरी नींद’ से जागने का ढिंढोरा लगाते हुये हुए कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमन अरोड़ा ने केंद्र से 20,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की माँग की है। उन्होंने बाढ़ से बने हालातों को फ़ोटोग्राफ़ी का मौका समझने के लिए पंजाब भाजपा नेतृत्व और केंद्रीय मंत्रियों की कड़ी आलोचना की और श्री मोदी से अपील की कि इस प्राकृतिक आपदा से राज्य को उबारने के लिए कोई ठोस सहायता दी जाए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मंगलवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर आ रहे हैं।
यहाँ पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधित करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने कहा, ‘‘मैं पंजाब के 3 करोड़ से अधिक लोगों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक स्वागत करता हूँ, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आ रहे हैं। लेकिन साथ ही मैं उनसे विनम्र निवेदन करता हूँ कि इस गंभीर संकट को केवल फ़ोटोग्राफ़ी तक सीमित न रखते हुए पंजाब के लिए विशेष सहायता लाएँ। यदि प्रधानमंत्री सचमुच पंजाब को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हैं और पंजाब की परवाह करते हैं, तो उन्हें कम-से-कम 20,000 करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आना चाहिए।’’
श्री अमन अरोड़ा ने केंद्र सरकार से राज्य के 60,000 करोड़ रुपये के रोके गए फंड तुरंत जारी करने की माँग भी की, जिसमें जीएसटी प्रणाली लागू होने के कारण 50,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान और पिछले साढ़े तीन साल से लंबित ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) और मार्केट डेवलपमेंट फंड (एमडीएफ) के 8,000 करोड़ रुपये शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान ने भी इन बकाया फंडों को जारी करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। उन्होंने बाढ़ मुआवज़े में बढ़ोतरी की माँग भी रखी क्योंकि हाल ही में आई भयानक बाढ़ से 4.50 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि डूब गई है, 3 लाख से अधिक पशुधन प्रभावित हुए हैं और सैकड़ों घर नष्ट हो गए हैं।
उन्होंने भारत की खाद्य सुरक्षा में पंजाब के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए राज्य की बाढ़ प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विशेष राहत पैकेज की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए श्री अरोड़ा ने इस संकट के दौरान पंजाब भाजपा नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए और सुझाव दिया कि ऐसे हालातों में इन नेताओं को फ़ोटो खिंचवाने के मौके ढूँढने की बजाय केंद्र सरकार से विशेष पैकेज हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बने गंभीर हालातों में सुधार के लिए दिखावे की राजनीति नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।
श्री अमन अरोड़ा ने दोहराया कि आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार राज्य की जनता के साथ मज़बूती से खड़ी है और इस प्राकृतिक आपदा से बने हालातों से प्रदेश को उबारने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। प्रदेश की चुनौतियों के समाधान के लिए आवश्यक राहत और सहायता की ज़रूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य को दरपेश समस्याओं के समाधान और पंजाब के हकों के लिए हर मंच पर आवाज़ उठाएगी।
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प्रधान मंत्री के दौरे से पहले, डॉ. बलबीर सिंह ने 780 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे नुकसान के विवरण साझा किए; तुरंत सहायता की मांग की
स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश की व्यापक रिकवरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी से 20,000 करोड़ रुपये की तात्कालिक वित्तीय सहायता की अपील की
60,000 करोड़ रुपये के रोके हुए फंड तत्काल जारी करने की मांग को दोहराया
चंडीगढ़, 8 सितंबर: पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सोमवार को हाल ही में आए बाढ़ के कारण प्रदेश के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को हुए भारी नुकसान का खुलासा करते हुए बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पंजाब भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि बाढ़ ने राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बड़ा झटका दिया है, जिससे राज्य भर में स्वास्थ्य सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। मंत्री के साथ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल और डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि बाढ़ के कारण 130 करोड़ रुपये की दवाइयाँ नष्ट हो गईं हैं। इसके अलावा 1,280 डिस्पेंसरी और स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केंद्र, 101 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और राज्य के 41 सब-डिवीजनल अस्पतालों में से 31 को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे प्रारंभिक नुकसान लगभग 780 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा, "इस भारी विनाश के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव से आशा वर्करों तक हर कोई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर सेवा कर रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि हमारी मेडिकल टीमें जरूरतमंद लोगों को हर संभव तरीके, चाहे एम्बुलेंस हों या कश्तियाँ या हेलीकॉप्टर की उपयोगिता से चिकित्सीय सहायता प्रदान करने को सुनिश्चित कर रही हैं।
डॉ. बलबीर सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, जे.पी. नड्डा को पत्र लिख कर मारू प्रभाव का विवरण दे दिया है और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है। अब मंगलवार को पंजाब दौरे पर आने वाले प्रधानमंत्री को उनकी सीधी अपील है कि पंजाब को बनती वित्तीय सहायता जल्दी से जल्दी दी जाए।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, "पंजाब के ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य देखभाल की रीढ़ टूट गई है। इसमें सिर्फ इमारतें नहीं बल्कि जीवन-रक्षक उपकरण, आवश्यक दवाइयाँ और भारी नुकसान के कारण लाखों पंजाबियों की देखभाल एवं पुनर्वास भी शामिल है। हम प्रधानमंत्री के दौरे का स्वागत करते हैं, पर हमें एकजुटता की ज्यादा जरूरत है।" उन्होंने कहा कि हमें आवश्यक बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और व्यापक राज्य की रिकवरी के लिए कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की तत्काल जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र द्वारा रोके गए 60,000 करोड़ रुपये के फंड को तुरंत जारी करने की प्रदेश सरकार की मांग को भी दोहराया, जो कि पंजाब की बाढ़ प्रभावित अर्थव्यवस्था की संपूर्ण रिकवरी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुन: सजीव हो रही आबादी और अर्थचारे के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली बहुत जरूरी है।
डॉ. बलबीर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गैर-जिम्मेदाराना नजरिए पर भी सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री को पंजाब की दुर्दशा प्रति एक व्यापक, सहानुभूतिपूर्ण नजरिया अपनाने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को सिर्फ जज़्बाती बातें या खोखले वादे नहीं, बल्कि सच्चाई पर आधारित ठोस कार्रवाई और तत्काल फंड की जरूरत है।
सरकार की वचनबद्धता की पुष्टि करते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि आप की अगुवाई वाली पंजाब सरकार इस संकट दौरान लोगों के साथ डटकर खड़ी है और पंजाब के लिए एक मजबूत, अधिक प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की पुन: सर्जना के लिए आवश्यक राहत और सहायता प्राप्त करने के लिए डटकर वकालत करती रहेगी।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री द्वारा गैर-सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) और वॉलंटियरों का भी नि:स्वार्थ आगे आने और तन-मन से सहायता की पेशकश करने के लिए धन्यवाद किया गया।
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पंजाब के बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उदारता दिखाएं: बरिंदर कुमार गोयल
केंद्र सरकार पंजाब को बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवज़े के रूप में कम से कम 25 हज़ार करोड़ रुपये तत्काल जारी करे: बरिंदर कुमार गोयल
कहा, केंद्र सरकार 60 हज़ार करोड़ रुपये का बकाया भी तुरंत जारी करे
देश को आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब का महत्वपूर्ण योगदान, अब पंजाब की मदद करने का समय: कैबिनेट मंत्री
चंडीगढ़, 8 सितंबर: पंजाब के जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज प्रदेश के बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से उदारता दिखाने की अपील की है।
यहाँ पंजाब भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति के मद्देनजऱ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित पंजाब दौरे के लिए उनका स्वागत करते हुए कहा कि वे पंजाब को बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवज़े के रूप में कम से कम 25 हज़ार करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की घोषणा करें। इसके अलावा केंद्र सरकार के पास पहले से बकाया 60 हज़ार करोड़ रुपये भी तुरंत जारी किए जाएं।
उन्होंने कहा कि निसंदेह प्रधानमंत्री बाढ़ आने के 25 दिन बाद पंजाब का दौरा करने वाले हैं, लेकिन इस संबंध में अब तक उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।
श्री गोयल ने बताया कि प्रारंभिक आकलनों के अनुसार लगभग 4 लाख एकड़ की फ़सलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि जल संसाधन विभाग के धुसी बाँध कहीं नहीं टूटे, लेकिन पानी के ओवरफ्लो होने के कारण नुकसान वाले बाँधों और अन्य नुकसान को ठीक करने के लिए पानी उतरने के बाद बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जाने हैं, उनके लिए भी फंड की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सडक़ों के टूटने के कारण मंडी बोर्ड को भी भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह स्कूलों और कॉलेजों की लगभग 3300 इमारतें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा बिजली के हज़ारों खंभे गिर गए व ट्रांसफॉर्मर पानी में डूब गए हैं, इन नुकसानों की भरपाई के लिए तुरंत फंड की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के साथ केंद्र सरकार द्वारा लगातार भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं के समय तुरंत विशेष पैकेज की घोषणा की जाती है, लेकिन पंजाब के संबंध में केंद्र सरकार अब तक सिर्फ टीमों के जरिये रिपोर्टें ही हासिल कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अफग़़ानिस्तान के भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए तो राहत सामग्री तुरंत भेज दी, लेकिन पंजाब के लिए अब तक केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि देश भर की सामाज-सेवी संस्थाएं पंजाब के बाढ़ पीडि़तों की मदद लगातार कर रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब तक रिपोर्टें ही इक_ा करने में ही व्यस्त है जबकि प्रदेश की पूरी त्रासदी पूरी दुनिया के सामने है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दिनों बाढ़ का जायज़ा लेने के लिए पंजाब दौरे के बाद बाढ़ के लिए माइनिंग को कारण बताने संबंधी दिए गए बेबुनियाद बयान से प्रदेश के जख्मों पर नमक ही छिडक़ा गया है।
एक सवाल के जवाब में श्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि पंजाब सरकार के पास इस समय आपदा प्रबंधन फंड में 13 हज़ार करोड़ रुपये हैं, लेकिन केंद्र सरकार की शर्तों के कारण प्रदेश सरकार को यह पैसा खर्च करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह आपदा प्रबंधन फंड संबंधी नियमों में ढील दे ताकि प्रदेशवासियों का भला हो सके।
केंद्र के पंजाब के प्रति पक्षपाती रवैये के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में पोटाश मिलने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि नज़दीकी राज्य राजस्थान में पोटाश मिलने पर केंद्र ने 150 स्थानों पर ड्रिलिंग की और आक्शन भी की पर पंजाब में महज़ नौ स्थानों पर ही ड्रिलिंग की गई। उन्होंने कहा कि महीने पहले इस संबंध में वे केंद्रीय मंत्री से भी मिले थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा फंड में से फ़सल खऱाबी के लिए राज्यों को महज़ 8200 रूपये प्रति एकड़ देने के लिए पाबंद किया गया है, जो बेहद नगण्य राशि है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पुन: अपील की कि डिजास्टर फंड का पैसा प्रदेश सरकार को उपयोग करने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि राज्यों को ज़मीनी हकीकत का ज़्यादा पता होता है।
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