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पंजाब

Punjab Latest News September 03, 2025

September 03, 2025 08:05 AM

*बाढ़ प्रभावित इलाकों में से लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, 174 राहत कैंपों में बसेरा कर रहे हैं 5167 लोग: हरदीप सिंह मुंडियां*

*अब तक 3.54 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए, 30 लोगों की गई जान और 1400 गाँव बाढ़ की चपेट में आए*

*बाढ़ के कारण 1.48 लाख हेक्टेयर से अधिक फ़सल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा*

*चंडीगढ़, 2 सितम्बर*:  पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री स. हरदीप सिंह मुंडियां ने आज बताया कि पंजाब हाल के दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ों में से एक का सामना कर रहा है, जिसमें 23 जि़ले बाढ़ की चपेट में आने से 30 लोगों की जान गई हैं और 3.54 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समय पर राहत पहुँचाने, लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

कैबिनेट मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक निचले और बाढ़ प्रभावित इलाकों से 19,597 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें गुरदासपुर से (5581 व्यक्ति), फिरोज़पुर (3432), अमृतसर (2734), फाजि़ल्का (2422), होशियारपुर (1615), कपूरथला (1428) और पठानकोट (1139) शामिल हैं। इसके अलावा बरनाला (369), जालंधर (474), रूपनगर (65), मानसा (163), मोगा (115) और तरन तारन से (60) लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

उन्होंने आगे बताया कि प्रभावित परिवारों को आश्रय और आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए पंजाब भर में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें बरनाला में 29 शिविर, पटियाला में 26, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, अमृतसर में 16, पठानकोट में 14, फाजि़ल्का में 10, मोगा में 9, फिरोज़पुर और जालंधर में 8-8, कपूरथला में 4, रूपनगर में 3 और मानसा व संगरूर में 1-1 शिविर शामिल हैं। इस समय इन शिविरों में 5167 लोग रह रहे हैं, जिनमें से सबसे अधिक होशियारपुर (1041 व्यक्ति), फाजि़ल्का (1304), फिरोज़पुर (706), गुरदासपुर (424), अमृतसर (371), बरनाला (369) और जालंधर (474) के हैं। इसके अलावा मानसा के 163, मोगा के 115, संगरूर के 60, कपूरथला के 57, पठानकोट के 48 और रूपनगर के 35 लोग शामिल हैं।

गाँवों के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए स. मुंडियां ने बताया कि कुल 1400 गाँव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभावित गुरदासपुर जिले के (324 गाँव), अमृतसर (135), होशियारपुर (119), कपूरथला (115), मानसा (108), फिरोज़पुर (93), पठानकोट (82), फाजि़ल्का (72), जालंधर (62) और तरन तारन (66) गाँव हैं। इसके अलावा मोगा के 48 गाँव, रूपनगर के 44, बरनाला के 34, लुधियाना के 26, श्री मुक्तसर साहिब के 23, पटियाला के 16, फरीदकोट के 15, संगरूर के 13 और मलेरकोटला के 5 गाँव प्रभावित हुए हैं।

स. हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ के कारण पंजाब के 13 जिलों में कुल 3,54,626 की आबादी प्रभावित हुई है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में गुरदासपुर में 1,45,000 लोग, अमृतसर में 1,17,534, फिरोज़पुर में 38,112 और फाजि़ल्का में 21,562 लोग प्रभावित हुए हैं। अन्य जिलों में पठानकोट में 15,053, कपूरथला में 5748, एस.ए.एस. नगर में 7000, होशियारपुर में 1960 और जालंधर में 991 लोग प्रभावित हुए हैं। कम प्रभावित जिलों में बरनाला (403), मोगा (800), रूपनगर (300) और मानसा (163) लोग प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य में 1,48,590 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल को नुकसान पहुँचा है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में गुरदासपुर (40,193 हेक्टेयर), मानसा (27,291), अमृतसर (23,000), कपूरथला (14,934), फिरोज़पुर (14,665) और तरन तारन (11,883 हेक्टेयर) शामिल हैं। इसके अलावा होशियारपुर (5971), जालंधर (3000) और पठानकोट (2442) हेक्टेयर भी प्रभावित हुए। इसी तरह एस.ए.एस. नगर (2000), पटियाला (1450), मोगा (949), रूपनगर (300), फरीदकोट (141), लुधियाना (108), बठिंडा (97), श्री मुक्तसर साहिब (84), फाजि़ल्का (64), एसबीएस नगर (7), मलेरकोटला (5), संगरूर (3), बरनाला (2) और फतेहगढ़ साहिब में (1) हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है।

राहत कार्यों में सुरक्षा बलों की तैनाती के बारे में कैबिनेट मंत्री ने बताया कि प्रभावित जिलों में 23 एन.डी.आर.एफ. टीमें पूरी मेहनत से काम कर रही हैं, जिनमें पठानकोट में (1) टीम, गुरदासपुर (6), अमृतसर (6), फिरोज़पुर (3), फाजि़ल्का (3), बठिंडा (1), जालंधर (2) और रूपनगर में (1) टीम शामिल है। सेना, वायुसेना और नौसेना ने बचाव और राहत कार्यों के लिए 12 टुकडिय़ाँ तैनात की हैं और 8 टुकडिय़ों को तैयार रखा गया है। इसके साथ ही 2 इंजीनियर टीमें और लगभग 35 हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में लगे हुए हैं। बीएसएफ सीमा जिलों में ज़मीनी स्तर पर सहायता प्रदान कर रही है। इसके अलावा राहत सामग्री पहुँचाने और लोगों को बाहर निकालने के लिए 114 नावें और राज्य का एक हेलीकॉप्टर भी काम में लगाया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 1 अगस्त से 2 सितम्बर तक 12 जिलों में कुल 30 लोगों की जान गई है, जिनमें से सबसे अधिक 6 मौतें पठानकोट में हुई हैं और पठानकोट के 3 लोग अब भी लापता हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद पशुओं और बुनियादी ढाँचे के नुकसान का आकलन किया जाएगा, लेकिन शुरुआती रिपोर्टें भारी नुकसान की ओर इशारा करती हैं।
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लालजीत भुल्लर ने हरिके पत्तन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र और जल्लोके के बाढ़ पीडि़त परिवारों को राहत सामग्री वितरित की

फ़ूड किट, पानी, राशन और पशुओं के लिए चारा, तूड़ी व फ़ीड उपलब्ध करवाई

चंडीगढ़, 2 सितंबर: पंजाब के जेल एवं परिवहन मंत्री स लालजीत सिंह भुल्लर ने आज जिला तरन तारन के विधानसभा क्षेत्र पट्टी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और गांव जल्लोके के लोगों को राहत सामग्री वितरित की।

नदी के पानी से उत्पन्न मौजूदा स्थिति और हुए नुकसान की भरपाई का भरोसा दिलाते हुए उन्होंने ज़रूरतमंद लोगों को फ़ूड किट, पानी, राशन आदि राहत सामग्री प्रदान की और साथ ही पशुओं के लिए चारा, तूड़ी और फ़ीड की व्यवस्था भी की।

इस अवसर पर स भुल्लर ने लोगों से कहा कि वर्षा की ताज़ा स्थिति के कारण नदी का जलस्तर और बढऩे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन तरन तारन प्रभावित लोगों के लिए आवश्यक प्रबंध कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन विभिन्न गांवों के गुरुद्वारों में बनाए गए राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाने  और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा है।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न इन कठिन हालातों में हम सभी को एक परिवार की तरह बाढ़ पीडि़तों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार और जिला प्रशासन तो राहत कार्यों में लगे ही हैं, साथ ही समाजसेवी संस्थाएँ भी प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए सहयोग दे रही हैं।

कैबिनेट मंत्री स भुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार हर मुश्किल समय में राज्य के प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान की पूरी भरपाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार, प्रशासन, सामाजिक संगठन और आम लोग सभी मिलकर बड़े स्तर पर प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं।

उन्होंने अपील की कि इस समय हर किसी को राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होकर ज़रूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। "यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि इंसानियत निभाने का है। जब लोग मुश्किल में हैं, तो हमारा फर्ज़़ है कि उनके साथ खड़े होकर उनका हौसला बढ़ाएँ।"

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बैंस ने बरसते बारिश में प्रभावित लोगों तक पहुँचकर प्रबंधों का लिया जायज़ा

शिक्षा मंत्री ने ज़रूरतमंद लोगों को समय पर सहायता प्रदान करने हेतु बारिश से प्रभावित सतलुज दरिया के नज़दीकी दर्जन से अधिक गाँवों का किया दौरा

श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए 30 से अधिक राहत कैंप स्थापित: बैंस

चंडीगढ़/नंगल, 2 सितम्बर:  लगातार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने के मद्देनजर हुए श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में बचाव और राहत कार्य सुनिश्चित बनाने के लिये आगे आते हुये पंजाब के शिक्षा एवं सूचना और लोक संपर्क मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने आज सतलुज दरिया के किनारे स्थित दर्जन से अधिक प्रभावित गाँवों का दौरा किया, ताकि ज़रूरतमंद लोगों को समय पर सहायता यकीनी बनायी जा सके।

भारी बारिश के बावजूद, स. बैंस नाव और मोटरसाइकिल के ज़रिये राहत कैंपों तथा हरसा बेला, भनाम, भलाण, भल्लड़ी, नांगड़ा, बेला रामगढ़ और बेला धियानी सहित विभिन्न गाँवों तक पहुँचे और प्रबंधों का जायज़ा लिया।

प्रबंधों का जायज़ा लेते हुए मंत्री ने अधिकारियों को अपनी ड्यूटी पूरी लगन और ईमानदारी से निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की जनता के जान-माल की सुरक्षा के प्रति मज़बूत प्रतिबद्धता को दोहराया।

स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को चिकित्सीय सहायता, भोजन और रैन बसेरा सहित आवश्यक मदद प्रदान करने के लिए श्री आनंदपुर साहिब क्षेत्र में 30 से अधिक राहत कैंप स्थापित किए गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने स्थानीय संगठनों, जिनमें युवा क्लब और महिला मंडल शामिल हैं, से अपील की कि वे राहत कार्यों में जि़ला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने नहर के किनारों का भी जायज़ा लिया और पानी के कटाव से होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत केंद्र सक्रिय हैं और सावधानी के तौर पर संवेदनशील क्षेत्रों के निवासियों को सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

स. बैंस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने, अफ़वाहों से बचने और राहत कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करने में अधिकारियों का सहयोग करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति या किसी सहायता के लिए श्री आनंदपुर साहिब के निवासी कंट्रोल रूम नंबर 87279-62441 पर संपर्क कर सकते हैं।
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मुख्यमंत्री ने नाव से फिरोज़पुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया; केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान का मुआवज़ा बढ़ाने की मांग की

क केंद्र सरकार पंजाब को उसका जायज़ हक़ दे
क मुआवज़े के लिए पहले तय मानक, लोगों के वास्तविक नुकसान के मुकाबले दुरुस्त नहीं
क संकट की इस घड़ी से लोगों को बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है - यह बात दोहराई

फिरोज़पुर, 2 सितंबर:  बाढ़ के कारण हुए नुकसान के लिए लोगों को नगण्य मुआवज़ा मिलने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज भारत सरकार से मांग की कि मुआवज़े के मानकों में संशोधन किया जाए।

जमीनी हालात का जायज़ा लेने के लिए नाव से फिरोज़पुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एस द आर एफ ) में पर्याप्त फंड मौजूद हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत मौजूदा मानक किसानों, पशुपालकों और अन्य वर्गों को हुए नुकसान के अनुरूप मुआवज़ा देने के लिए नाकाफी हैं। उन्होंने कहा कि अधिसूचित शर्तें किसानों के वास्तविक नुकसान के मुकाबले बिल्कुल प्रासंगिक नहीं हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि फसलों की खेती में किसानों की बढ़ी हुई लागत की तुलना में इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रति एकड़ मिलने वाला मुआवज़ा बहुत कम है।

गटी राजो की गाँव में अधिकारियों के साथ नाव से हालात का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण पककर तैयार हुई फसलों को भारी नुकसान हुआ है और किसानों को कम से कम 50 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाढ़ से मरने वालों के परिवारों के लिए एक्स-ग्रेशिया राशि मौजूदा 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये तक करने के लिए हस्तक्षेप देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण अपंग हुए व्यक्तियों को फिलहाल 40 से 60 प्रतिशत विकलांगता पर 74 हज़ार रुपये और 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता पर 2.50 लाख रुपये मिलते हैं, जिसे क्रमश: बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये और 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समय-समय पर केंद्र सरकार से किसानों के नुकसान का मुआवज़ा बढ़ाने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने कल उन्हें फ़ोन किया था और उन्होंने पूरी स्थिति से अवगत करवा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीडि़तों की मुश्किलें कम करने में जुटी हुई है और राहत व बचाव कार्यों के ज़रिए पीडि़तों को सहारा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों के कारण पीडि़तों की मदद में बाधाएँ आ रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीडि़तों को मुआवज़ा देने के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस संबंध में प्रधानमंत्री को पहले ही पत्र लिखकर भारत सरकार से पंजाब का रोका गया 60 हज़ार करोड़ रुपये का फंड जारी करने की अपील की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया बाढ़ से पंजाब के 1300 से अधिक गाँव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और बाँधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से अधिक ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालात अभी भी बिगड़ रहे हैं और आने वाले दिनों में और बदतर हो सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौजूदा समय में तीन लाख एकड़ खेत डूबे हुए हैं, जिनमें ज़्यादातर में धान की फसल थी, जिसकी कटाई कुछ हफ़्तों में शुरू होनी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन का भी बहुत नुकसान हुआ है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि अधिकांश लोगों की आजीविका डेयरी और पशुपालन से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही अथक प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है ताकि वास्तविक नुकसान का आकलन हो सके और राहत कार्य सही तरीके से हो।

मुख्यमंत्री ने ज़िला प्रशासन को आदेश दिए कि गाँववासियों के नुकसान का आकलन किया जाए ताकि उन्हें उपयुक्त मुआवज़ा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और राहत व पुनर्वास सुनिश्चित किया जा रहा है। इस प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया इतिहास में यह संपत्ति और फसलों का सबसे बड़ा नुकसान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और इस कठिन समय में लोगों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। उन्होंने कहा कि पंजाबियों में हर चुनौती का डटकर सामना करने की भावना है और इस मुश्किल से निकलने के लिए राज्य सरकार लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने अनाज उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया है और अब समय आ गया है कि राज्य को उसका जायज़ हक़ लौटाया जाए।
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिए पंजाब का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह वचनबद्ध

हज़ारों लोगों को इलाज उपलब्ध, 424 एम्बुलेंसें कार्यरत और डॉक्टर अग्रिम पंक्ति में तैनात

चंडीगढ़, 2 सितंबर: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज यहाँ बताया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के मोर्चे की अगुवाई करते हुए पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नागरिकों की सेहत और भलाई के लिए लामबंदी, इलाज और बीमारियों की रोकथाम पर केंद्रित बहु-आयामी रणनीति अपनाई है। इसमें 818 टीमें, जिनमें 458 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें और 360 मोबाइल मेडिकल टीमें शामिल हैं, आवश्यक दवाइयों से पूरी तरह सुसज्जित हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य के हर व्यक्ति तक चिकित्सीय सुविधा पहुँचाना है और हम इस वायदे को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों में प्रतिदिन मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि निर्बाध इलाज उपलब्ध कराया जा सके। अब तक 962 कैंप लगाए जा चुके हैं, जहाँ 31,876 से अधिक मरीजों की जांच की गई है और दस्त, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा व आँखों की एलर्जी और कुत्तों के काटने जैसी बीमारियों का उपचार किया गया है। स्वास्थ्य टीमें मौके पर ही गर्भवती महिलाओं की जांच कर उन्हें प्राथमिकता भी दे रही हैं।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि हमारे पास इस संकट से निपटने के लिए एक मजबूत तंत्र मौजूद है। राज्य के पास बाढ़ राहत हेतु विशेष रूप से चयनित 66 आवश्यक दवाइयों और 21 वस्तुओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। इसके अलावा जिलों को अलग-अलग फंड आवंटित किए गए हैं ताकि प्रत्येक अस्पताल आवश्यक दवाइयाँ खरीद सके और निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करा सके।

बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे सक्रिय उपायों पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा वर्कर घर-घर जाकर दवाइयाँ बाँट रही हैं और जलजनित व वेक्टर जनित रोगों के प्रति जागरूकता फैला रही हैं। वे गर्भवती महिलाओं की निगरानी व देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि नियमित टीकाकरण समय-सारणी में बाधा न आए।

मेडिकल बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 170 एम्बुलेंसें तैनात की हैं। इस बेड़े को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.), नर्सिंग कॉलेजों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा उपलब्ध करवाई गई 254 अन्य पूर्ण रूप से सुसज्जित एम्बुलेंसों के सहयोग से और विस्तारित किया गया है। डॉ. बलबीर सिंह ने पुष्टि की कि कुल 424 एम्बुलेंसों को कार्यरत करके हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर समय चिकित्सीय सहायता उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि जिला गुरदासपुर में दो विशेष नाव एम्बुलेंसें और गर्भवती महिलाओं समेत गंभीर मरीजों की आपातकालीन एयरलिफ्ट हेतु एक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है। अब तक पाँच गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकाला गया है और समय पर चिकित्सीय देखभाल प्रदान की गई है।

फ्रंटलाइन टीमों को सुदृढ़ करने के लिए एक अहम कदम के तहत स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 322 नए मेडिकल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं, जिनमें से 138 को विशेष रूप से 7 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है। ये अधिकारी मोबाइल टीमों और एम्बुलेंस सेवाओं का नेतृत्व करेंगे, मेडिकल कैंपों का संचालन करेंगे और संभावित बीमारियों के प्रसार की निगरानी करेंगे।

मंत्री ने सहयोगी संगठनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम आई.एम.ए. पंजाब, नर्सिंग कॉलेजों, निजी अस्पतालों और पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग के लिए आभारी हैं, जिन्होंने मदद के लिए आगे आकर सामुदायिक भावना का परिचय दिया है।

डॉ. बलबीर सिंह ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार पंजाब सरकार निरंतर मेहनत कर रही है। हमारी टीमें निर्बाध स्वास्थ्य देखभाल और रोकथाम सेवाएँ प्रदान करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। हम हर नागरिक को भरोसा दिलाते हैं कि हम आपके साथ खड़े हैं और इस संकट के पूरी तरह समाप्त होने तक हर संभव राहत प्रदान करते रहेंगे।
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जान पंजाब सरकार के लिए सबसे कीमती - अमन अरोड़ा

बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है राज्य सरकार- हरपाल सिंह चीमा

इस मुश्किल घड़ी में हर संभव मदद देने के लिए पंजाब सरकार वचनबद्ध - बलबीर सिंह

जान-माल की सुरक्षा के लिए  बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर तरफ़ पहुँच कर रहे हैं कैबिनेट मंत्री - बरिन्दर गोयल

संजीव अरोड़ा द्वारा ससराली कालोनी के नज़दीक सतलुज दरिया धुस्सी बांध का दौरा

लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी - लाल चंद कटारूचक्क

चंडीगढ़, 02 सितंबर: मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की गतिशील अगुवाई में पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को लगातार राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सूबे के सभी कैबिनेट मंत्री लोगों को राहत सामग्री और सहायता प्रदान करने के लिए अलग-अलग गाँवों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुँच रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा और खाद्य, नागरिक आपूर्ति, वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक्क ने पठानकोट जिले के भोआ हलके के बाढ़ प्रभावित गाँवों का दौरा किया और बाढ़ की स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने आज कथलौर पुल, कोलियां अड्डा, पम्मा, सियोंटी तरफ़ और नरोट जैमल सिंह का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार इस कठिन समय में राहत सामग्री प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने धुस्सी डैम का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा स. हरपाल सिंह चीमा ने भोआ हलके के लिए राहत सामग्री से भरे चार ट्रक भी भेजे।

इस दौरान, कैबिनेट मंत्री और ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमन अरोड़ा तथा जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए मकरोड़ साहिब के पास घग्गर और जिला संगरूर के सुनाम के सरहिंद चोअ का दौरा किया। उन्होंने ज़मीनी हालात का जायज़ा लिया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की ज़रूरतों का आंकलन किया।

इसके अलावा, कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने सुल्तानपुर लोधी तहसील के गाँव मंड इंदरपुर और भड़ोआणा का दौरा किया तथा बाढ़ राहत कार्यों का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

कैबिनेट मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने ससराली कॉलोनी के पास सतलुज नदी के धुस्सी बांध का दौरा किया और स्थिति का जायज़ा लेकर ज़रूरी निर्देश जारी किए। इसी तरह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, श्रम, पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के कैबिनेट मंत्री श्री तरुनप्रीत सिंह सौंध ने खन्ना के गब पुल का दौरा किया और पानी की निकासी का निरीक्षण किया।

कैबिनेट मंत्री श्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने अजनाला और रामदास जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए 15 ट्रालियों राहत सामग्री, खाने-पीने की चीज़ें, दवाइयाँ तथा पशुओं के लिए चारा ले जाने वाले 10 छोटे वाहनों की व्यवस्था की।

स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने होशियारपुर जिले की शामचौरासी विधानसभा हलके के गाँव पंडोरी खजूर का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तथा उनके लिए किए जा रहे ज़रूरी प्रबंधों का जायज़ा लिया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने गाँव बेदी छन्ना का दौरा किया और मेडिकल कैंप का निरीक्षण करने के लिए गाँव के गुरुद्वारा साहिब गए तथा लोगों को राहत सामग्री भी वितरित की। उन्होंने अजनाला और रामदास के बाढ़ प्रभावित इलाकों में निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर से 23 एंबुलेंसें भेजीं। इस दौरान लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर और विधायक स. कुलदीप सिंह धालीवाल भी मौजूद थे।

पंजाब के जेल और परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज हरीके पत्तन (जिला तरनतारन) और जल्लोके के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति एवं नुकसान का जायज़ा लिया। उन्होंने ज़रूरतमंद लोगों को भोजन किटें, पानी, राशन आदि राहत सामग्री बाँटी और पशुओं के लिए चारा, तूड़ी और फ़ीड की भी व्यवस्था की।
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‘युद्ध नशों के विरुद्ध’: 185वें दिन पंजाब पुलिस ने 359 स्थानों पर की छापेमारी; 95 नशा तस्कर गिरफ्तार

कार्रवाई के दौरान 64 एफआईआर दर्ज, 433 ग्राम हेरोइन, 3.5 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद

‘नशा छुड़ाने’ के हिस्से के रूप में पंजाब पुलिस ने 52 व्यक्तियों को नशा छुड़ाने के इलाज के लिए किया राजी

चंडीगढ़, 2 सितंबर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य से नशों के खात्मे के लिए चलाई गई मुहिम "युद्ध नशों के विरुद्ध" के लगातार 185वें दिन पंजाब पुलिस ने मंगलवार को 359 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान पूरे राज्य में 95 नशा तस्करों को गिरफ्तार करने के बाद 64 एफआईआर दर्ज की गईं। इसके साथ ही, 185 दिनों में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 28,025 हो गई है।

छापेमारी के नतीजे स्वरूप गिरफ्तार नशा तस्करों के कब्जे से 433 ग्राम हेरोइन, 29 किलो भुक्की, 910 नशीली गोलियां/कैप्सूल और 3.5 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई।

यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशों पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ की गई।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए निर्देशित किया है। पंजाब सरकार ने नशों के विरुद्ध जंग की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में 5 सदस्यीय कैबिनेट उप समिति का भी गठन किया है।

विवरण साझा करते हुए, विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बताया कि 78 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में 1200 से अधिक पुलिस कर्मचारियों वाली 150 से अधिक पुलिस टीमों ने राज्य भर में छापेमारी की। उन्होंने आगे कहा कि दिनभर चले इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीमों ने 381 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की।

विशेष डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य से नशों के खात्मे के लिए तीन-पक्षीय रणनीति - प्रवर्तन, नशा छुड़ाना और रोकथाम (ईडीपी) - लागू की गई है, जिसके तहत पंजाब पुलिस ने आज ‘नशा छुड़ाने’ के हिस्से के रूप में 52 व्यक्तियों को नशा छुड़ाने और पुनर्वास इलाज के लिए तैयार किया है।
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पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तरनतारन उपचुनाव से पहले विशेष संक्षिप्त संशोधन पर राजनीतिक दलों के साथ बैठक

चंडीगढ़, 2 सितम्बर: तरनतारन विधानसभा क्षेत्र-21 के उपचुनाव से पहले, पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने फोटो वोटर सूची के चल रहे विशेष संक्षिप्त संशोधन पर चर्चा करने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई। इस मतदाता सूची की पात्रता तिथि 1 जुलाई, 2025 है।

बैठक के दौरान सिबिन सी ने राजनीतिक दलों को 2 सितम्बर, 2025 को मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने राजनीतिक दलों को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्षेत्र में पोलिंग स्टेशनों की तार्किकरण और एकीकरण पूरा कर लिया गया है।

क्षेत्र में अब कुल पोलिंग स्टेशनों की संख्या 222 (शहरी - 60 और ग्रामीण - 162) है। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं की संख्या 1,200 से अधिक न हो और किसी भी मतदाता को मतदान के लिए दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय न करनी पड़े।

ड्राफ्ट सूची के अनुसार तरनतारन विधानसभा क्षेत्र-21 में मतदाताओं की कुल संख्या 1,93,275 है। दावे और आपत्तियाँ 2 सितम्बर से 17 सितम्बर 2025 तक दायर की जा सकती हैं। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितम्बर 2025 को निर्धारित किया गया है।

सिबिन सी ने सभी राजनीतिक दलों से मतदाताओं को अपडेट करने के बारे में जागरूकता पैदा करने और दावे एवं आपत्तियाँ दर्ज कराने की प्रक्रिया में मतदाताओं की मदद करने के लिए बूथ लेवल एजेंटों (बी.एल.ए.) को नियुक्त करके संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से योगदान देने की अपील की।

सिबिन सी ने कहा, "निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। उनके बूथ लेवल एजेंटों के माध्यम से, हम सभी दलों से अपील करते हैं कि वे मतदाताओं तक पहुँचें, मतदाता सत्यापन को प्रोत्साहित करें और मतदाता सूची के संशोधन की प्रक्रिया में अधिकतम भागीदारी को यकीनी बनाने के लिये अपील करते हैं।"

इसके अतिरिक्त, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पंजाब ने मतदाताओं द्वारा ई.आर.ओ. के आदेशों के विरुद्ध 15 दिनों के भीतर डी.ई.ओ. के समक्ष दावे और आपत्तियों के संबंध में अपील करने के प्रावधान के बारे में बताया और साथ ही यह जानकारी भी दी कि गलती से हटाए गए नामों को शामिल करने और यदि आवश्यक हो तो आर.पी. अधिनियम/नियमों के अनुसार मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सी.ई.ओ.) तक पहुँचने की व्यवस्था संबंधी जानकारी दी।
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कैब ड्राइवर अगवा और हत्या मामला: अपने दो साथियों सहित जैश-ए-मोहम्मद का कार्यकर्ता गिरफ्तार; पिस्तौल और चोरी की कार बरामद

— गिरफ्तार आरोपी साहिल बशीर जम्मू-कश्मीर में दर्ज यू ए पी ए  और आम्र्स एक्ट के तहत एक मामले में वांछित: डीजीपी पंजाब गौरव यादव
— गिरफ्तार व्यक्तियों ने ड्राइवर को गोली मारने और शव को मोहाली क्षेत्र में फेंकने का जुर्म कबूला: डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर
— गिरफ्तार व्यक्तियों के खुलासे के उपरांत पुलिस टीमों ने मृतक अनिल कुमार का शव बरामद किया: एसएसपी हरमनदीप हंस

चंडीगढ़/एसएएस नगर, 2 सितंबर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रही मुहिम के दौरान, एसएएस नगर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद (जे ई एम ) से संबंधित आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए कैब ड्राइवर अनिल कुमार के अगवा और हत्या मामले में जम्मू-कश्मीर के तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी आज यहां पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान साहिल बशीर (19) निवासी हंदवाड़ा लंगेट, कुपवाड़ा, मुनीश सिंह उर्फ अंश (22) निवासी गांव कोटली, डोडा और एजाज अहमद खान उर्फ वसीम (22) निवासी गांव मंजपुरा, कलामाबाद के रूप में हुई है।

पुलिस टीमों ने आरोपियों के कब्जे से चोरी की गई सफेद रंग की मारुति स्विफ्ट डिज़ायर (पी बी 01-डी-6299) और वारदात में इस्तेमाल .32 बोर की देसी पिस्तौल बरामद की है।

ध्यान देने योग्य है कि अनिल कुमार की पत्नी सुधा देवी ने शिकायत में बताया कि उसका पति टैक्सी चलाता है और रोज़ की तरह शुक्रवार सुबह करीब 08:30 बजे खरड़ से रेलवे स्टेशन, चंडीगढ़ जाने के लिए निकला था। बाद में उसने पति को कई बार फ़ोन किया, लेकिन दोनों मोबाइल बंद मिले।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि नवांगांव, मोहाली निवासी कैब ड्राइवर अनिल कुमार के अगवा और हत्या की प्रारंभिक जांच में पता चला कि खरड़ से कैब किराए पर लेने वाले तीन अज्ञात व्यक्तियों ने जबरदस्ती उसकी कार छीन ली थी। इस सूचना के आधार पर तुरंत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया और त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

डीजीपी ने बताया कि आरोपी साहिल बशीर जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा थाना कलामाबाद में दर्ज यू ए पी ए  और आम्र्स एक्ट के एक मामले में वांछित है। उन्होंने बताया कि उसके भाई सज्जाद अहमद शाह को पहले ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हथियार और सामग्री के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों की पहचान जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओ जी डबल्यूज) के रूप में हुई है।

ऑपरेशन की जानकारी देते हुए, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी आई जी) रोपड़ रेंज हरचरण सिंह भुल्लर ने बताया कि शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एसपी सिटी श्रीवेनेला, एसपी इन्वेस्टिगेशन सौरव जिंदल और डीएसपी सिटी-1 पृथ्वी सिंह चहल की निगरानी में मोहाली पुलिस की कई टीमें गठित की गईं। सी आई ए स्टाफ इंचार्ज हरमिंदर सिंह और थाना नवांगांव एसएचओ सतनाम सिंह की अगुवाई में पुलिस टीमों ने तकनीकी और मानवीय संसाधनों का उपयोग करते हुए आरोपियों को बस स्टैंड बटाला और गुरदासपुर क्षेत्रों से गिरफ्तार किया।

डीआईजी ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि झगड़े के बाद उन्होंने ड्राइवर को गोली मार दी और बाद में शव को मोहाली क्षेत्र में फेंक दिया।

अधिक जानकारी देते हुए, एसएसपी एसएएस नगर हरमनदीप हंस ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने खरड़ से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन जाने के बहाने कैब बुक की थी। पहले उन्होंने ड्राइवर अनिल कुमार को फेज 3बी2 मोहाली होते हुए एयरपोर्ट रोड जाने को कहा। जब वह उन्हें गांव कंडाला ले गया तो उन्होंने उसे कार से उतारा, गोली मार दी और कार व सामान लेकर फरार हो गए।

एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के खुलासे पर पुलिस टीमों ने मृतक अनिल कुमार का शव बरामद कर लिया। शव के पास से तीन गोलियों के खोखे भी बरामद हुए।

इस संबंध में पहले एफआईआर नंबर 87 दिनांक 31-08-2025 भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस) की धारा 127(6) के तहत थाना नवांगांव में दर्ज की गई थी। अब इसमें बी एन एस की धाराएँ 140(3), 103 और 304 तथा आम्र्स एक्ट की धारा 25 भी जोड़ी गई हैं।
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श्री मुक्तसर साहिब में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो सहयोगी पाँच पिस्तौल सहित गिरफ्तार

गिरोह की आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे दोनों गिरफ्तार व्यक्ति : डीजीपी पंजाब गौरव यादव

हथियारों की खेप प्राप्त करने के लिए इंदौर गए थे गिरफ्तार किए गए व्यक्ति : एसएसपी डॉ. अखिल चौधरी

चंडीगढ़/श्री मुक्तसर साहिब, 2 सितंबर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के उद्देश्य से चल रहे अभियान के तहत संगठित अपराध के विरुद्ध बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए श्री मुक्तसर साहिब पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो सक्रिय सहयोगियों को पाँच अवैध हथियारों सहित गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को यहां दी।

गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान गुरदीप सिंह निवासी बधनी कला, मोगा और गुरसेवक सिंह उर्फ मोटा निवासी गाँव मानुके संधू, जगराओं, लुधियाना के रूप में हुई है। बरामद हथियारों में चार .32 बोर की देशी पिस्तौल और एक .30 बोर की देशी पिस्तौल सहित 10 मैगज़ीन शामिल हैं।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दोनों व्यक्ति बिश्नोई गिरोह से जुड़े हुए हैं और उसकी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले में आगे-पीछे के संबंध स्थापित करने के लिए जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियाँ एवं बरामदगियाँ होने की संभावना है।

श्री मुक्तसर साहिब के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. अखिल चौधरी ने बताया कि विशेष गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीआईए मलोट की टीम ने एसपी (डी) श्री मुक्तसर साहिब और डीएसपी (एसडी) लंबी की निगरानी में विशेष नाका लगाया।

उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान पुलिस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को, जिनके पास नीले रंग का किट बैग था, तलाशी के लिए रोका। तलाशी लेने पर पुलिस टीम ने उस बैग से अवैध हथियार बरामद किए।

एसएसपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी गुरदीप सिंह पहले से हरजोत सिंह उर्फ नीला और जगदीप सिंह उर्फ जग्गा, जो लॉरेंस बिश्नोई के करीबी साथी हैं, के संपर्क में था।

उन्होंने बताया कि नीला के निर्देश पर गुरसेवक और गुरदीप इंदौर गए, जहाँ एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें पाँच पिस्तौल की खेप उपलब्ध कराई। इनमें से दो पिस्तौल आरोपियों को अपने पास रखनी थीं और बाकी तीन नीला को सप्लाई करनी थीं।

उल्लेखनीय है कि हरजोत सिंह उर्फ नीला और जगदीप सिंह उर्फ जग्गा वांछित अपराधी हैं, जिनके खिलाफ क्रमश: 12 और 10 एफआईआर विभिन्न जिलों और राज्यों में दर्ज हैं।

इस संबंध में श्री मुक्तसर साहिब के थाना कबरवाला में आम्र्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर नंबर 88 दिनांक 01/09/2025 दर्ज की गई है।
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