भारत और अमेरिका के बीच लंबित ट्रेड डील पर बातचीत एक बार फिर पटरी पर लौटने जा रही है। मंगलवार को दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष प्रतिनिधि भारतीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों से भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहे हैं। विशेषकर शुल्क दरें, कृषि उत्पादों पर टैक्स, फार्मा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े विवाद लगातार चर्चा में रहे हैं। हालांकि दोनों देशों ने यह स्वीकार किया है कि व्यापारिक सहयोग बढ़ाना ही उनके हित में है। यही वजह है कि अब बातचीत को सकारात्मक मोड़ देने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में बाजार तक पहुंच, निवेश सुरक्षा, डिजिटल व्यापार और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत की ओर से यह भी उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका उसके निर्यात उत्पादों को अधिक छूट और प्राथमिकता देगा। वहीं, अमेरिकी प्रतिनिधि भारतीय बाजार में अपने कृषि और टेक्नोलॉजी उत्पादों की बेहतर पहुंच की मांग कर सकते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बैठक से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूती मिल सकती है। मौजूदा समय में भारत-अमेरिका का व्यापार 200 अरब डॉलर से अधिक का है, लेकिन संभावनाएं इससे कहीं बड़ी हैं। यदि वार्ता सफल रहती है, तो दोनों देशों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि यह रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत साफ कर चुका है कि वह “निष्पक्ष और संतुलित” समझौते का पक्षधर है। वहीं अमेरिकी प्रतिनिधियों का कहना है कि बातचीत में प्रगति हुई तो निकट भविष्य में व्यापक समझौते का रास्ता साफ हो सकता है।
फिलहाल दिल्ली में होने वाली यह बैठक दोनों देशों की व्यापारिक प्राथमिकताओं और आपसी विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके नतीजों पर न केवल भारत और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं की नजर होगी, बल्कि वैश्विक बाजार भी इस वार्ता पर कड़ी निगाह रखेगा।