उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
देर रात का हादसा और मची अफरा-तफरी
जानकारी के मुताबिक, शहर के आसपास के पहाड़ी इलाकों में अचानक तेज बारिश शुरू हुई और कुछ ही घंटों में हालात बिगड़ गए। तेज जलधारा और मलबे ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीण इलाकों में नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
स्थानीय प्रशासन, SDRF, NDRF और पुलिस बल राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। कई जगह मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। हेलिकॉप्टर की मदद से भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
प्रभावित इलाकों की स्थिति
शहर के निचले हिस्सों और ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज किया गया है। कई सड़कों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप हो गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित होने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित इलाकों में कैंप लगाकर लोगों को अस्थायी आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया है।
मुख्यमंत्री का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
पहाड़ी राज्यों के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बदलते मौसम और लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन से पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ रहा है।
देहरादून में हुआ यह हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि आपदा प्रबंधन को और सशक्त बनाने तथा पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित ढांचे और बेहतर चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता है।