बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को दरोगा भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन अचानक उग्र हो गया। लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया में देरी से नाराज अभ्यर्थियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन इतना बढ़ा कि कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की नौबत आ गई।
अभ्यर्थियों का आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दरोगा भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया में लगातार टालमटोल किया जा रहा है। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि वे वर्षों से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर अनिश्चितता के कारण उनका भविष्य अंधेरे में है। उनका आरोप है कि सरकार और आयोग स्पष्ट समयसीमा नहीं दे रहे, जिससे युवा निराशा और आक्रोश में हैं।
सड़कों पर जाम और तोड़फोड़
आंदोलन के दौरान अभ्यर्थियों ने पटना की मुख्य सड़कों पर जाम लगा दिया। जगह-जगह नारेबाजी और बैरिकेडिंग तोड़ने की घटनाएं सामने आईं। कई अभ्यर्थियों ने प्रशासनिक लापरवाही पर गुस्सा जताते हुए भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की मांग रखी। इस बीच कुछ उपद्रवी तत्वों ने पथराव भी किया, जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस की सख्ती
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना है कि अभ्यर्थियों की जायज मांगों पर सरकार गंभीर है, लेकिन सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। फिलहाल इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।
सरकार का रुख
बिहार सरकार की ओर से कहा गया है कि दरोगा भर्ती प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है। तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से देरी हुई है, लेकिन शीघ्र ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। साथ ही सरकार ने अभ्यर्थियों से शांति बनाए रखने और संवाद के जरिए समस्या हल करने की अपील की है।
युवाओं की जद्दोजहद
यह आंदोलन एक बार फिर राज्य में बेरोजगारी और भर्ती प्रक्रिया की धीमी गति पर सवाल खड़ा करता है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से भर्ती पूरी करे तो युवा सड़क पर उतरने को मजबूर नहीं होंगे।
पटना का यह आंदोलन दिखाता है कि नौकरी की तलाश और भविष्य की गारंटी आज भी बिहार जैसे राज्यों के युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।