एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर एक भावुक घटनाक्रम सामने आया है। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले पायलट कैप्टन सभरवाल के 91 वर्षीय पिता ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर न्याय और पारदर्शिता की मांग की है।
पिता की पीड़ा
91 वर्षीय वृद्ध पिता ने पत्र में लिखा कि उन्होंने अपने बेटे को पूरे समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा के साथ देश की सेवा करते देखा था। हादसे में बेटे की मौत ने न सिर्फ परिवार को तोड़ दिया बल्कि विमानन सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि जांच केवल औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि इसमें दोषियों की सख्त जवाबदेही तय हो।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
कैप्टन सभरवाल के पिता ने पत्र में यह भी लिखा कि अगर सुरक्षा मानकों का पालन सही तरीके से किया गया होता तो यह हादसा टाला जा सकता था। उन्होंने यह मांग की कि देश की विमानन प्रणाली में तकनीकी और प्रबंधन संबंधी खामियों को दूर किया जाए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।
परिवार और समाज में गूंज
इस पत्र ने विमानन उद्योग और आम नागरिकों के बीच बहस को और तेज़ कर दिया है। लोग सोशल मीडिया पर सरकार से पारदर्शी जांच और पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। पायलट सभरवाल को उनके साथी और सहयोगी एक अनुशासित और साहसी अधिकारी के रूप में याद कर रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इस पत्र पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय पहले ही उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर चुका है। मंत्रालय का कहना है कि हादसे के हर पहलू की गहन जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।
भावनात्मक असर
कैप्टन सभरवाल के पिता का यह पत्र केवल एक व्यक्तिगत शोक का प्रतीक नहीं है, बल्कि पूरे विमानन क्षेत्र के लिए चेतावनी भी है कि सुरक्षा और जवाबदेही से समझौता नहीं किया जा सकता। यह पत्र एक पिता की आवाज़ है जो अपने बेटे को खोने के बाद भी समाज और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है।