मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुँच गया है। गुरुवार देर रात इजरायली वायुसेना ने गाजा पट्टी पर लगातार हवाई हमले किए, जिसके बाद पूरा इलाका दहशत और मलबे में तब्दील हो गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों में कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और आम नागरिकों में भारी अफरातफरी मच गई।
गाजा में बढ़ता संकट
हमलों के बाद गाजा की सड़कों पर चीख-पुकार और भगदड़ का माहौल देखने को मिला। अस्पतालों में घायल लोगों को लगातार लाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई गंभीर रूप से घायल मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है। बिजली और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, जिससे राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है।
इजरायल का दावा
इजरायली सेना ने बयान जारी कर कहा कि उसने गाजा में आतंकी ठिकानों और हथियार भंडारण स्थलों को निशाना बनाया। सेना का दावा है कि यह कार्रवाई हाल ही में इजरायल की सीमा पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में की गई। इजरायल ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक हमलों का सिलसिला जारी रहेगा, उसकी सैन्य कार्रवाई और तेज़ होगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमलों की खबर फैलते ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ भी आने लगीं। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की राह पर लौटने की अपील की है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने भी चिंता जताते हुए कहा है कि लगातार बढ़ रही हिंसा से मानवीय संकट गहरा सकता है। वहीं, अरब देशों ने इजरायल की कार्रवाई की निंदा की और गाजा के नागरिकों की सुरक्षा की मांग की।
आम नागरिकों की स्थिति
गाजा के आम लोगों के लिए हालात बेहद भयावह हैं। कई परिवार रातभर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में भटकते रहे। जिनके घर मलबे में तब्दील हो गए, वे सड़कों या स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हैं। राहत एजेंसियों का कहना है कि भोजन, दवाइयों और पानी की भारी कमी हो रही है। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
क्षेत्रीय तनाव और भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल और गाजा के बीच हालिया टकराव केवल तात्कालिक नहीं है, बल्कि लंबे समय से जारी विवाद का हिस्सा है। इजरायल की आक्रामक कार्रवाई और गाजा से जारी रॉकेट हमलों के चलते यह संघर्ष एक बार फिर बड़े युद्ध में बदलने की आशंका पैदा कर रहा है। यदि जल्द ही कूटनीतिक समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले दिनों में यह पूरा क्षेत्र अस्थिर हो सकता है।
गाजा पर इजरायली हमले एक बार फिर साबित करते हैं कि मध्य पूर्व का यह विवाद अब भी दुनिया की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौतियों में से एक है। जहां एक ओर इजरायल अपनी सुरक्षा के तर्क देता है, वहीं दूसरी ओर गाजा के निर्दोष नागरिक लगातार हिंसा की कीमत चुका रहे हैं। अब निगाहें अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर टिकी हैं कि क्या वे इस खूनी संघर्ष को थामने में सफल हो पाएंगे या नहीं।