रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में शुक्रवार सुबह तेज भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 दर्ज की गई। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि तटीय इलाकों में इमारतें हिल गईं और लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के तुरंत बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने सुनामी अलर्ट जारी किया।
तीन महीनों में चौथा बड़ा झटका
पिछले तीन महीनों में कामचटका क्षेत्र में यह चौथा बड़ा भूकंप है जिसकी तीव्रता 7 से ऊपर रही। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इलाका प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" का हिस्सा है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की लगातार गतिविधियां बड़े भूकंप का कारण बनती हैं। इससे पहले जुलाई और अगस्त में भी यहां 7.1 और 7.3 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे।
सुनामी की आशंका
भूकंप का केंद्र समुद्र की गहराई में होने के कारण तटीय क्षेत्रों में सुनामी का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और ऊंचाई वाले इलाकों की ओर जाने की सलाह दी है। बंदरगाहों पर गतिविधियां रोक दी गई हैं और मछली पकड़ने वाली नावों को समुद्र से वापस बुला लिया गया है। हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
भूकंपीय गतिविधियों पर नजर रखने वाले रूसी वैज्ञानिकों ने कहा कि आने वाले दिनों में आफ्टरशॉक्स का खतरा बना रहेगा। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि लगातार बढ़ रही भूकंपीय हलचल इस क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक खतरे का संकेत हो सकती है।
प्रशासन की तैयारी
रूस की आपातकालीन सेवाओं ने राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है। प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टर और मेडिकल टीमें तैनात कर दी गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों को अस्थायी शरणस्थल में बदलने की तैयारी शुरू कर दी है।
वैश्विक नजर
कामचटका प्रायद्वीप भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए पहले से ही कुख्यात है। अब लगातार आ रहे झटकों ने दुनिया भर के भू-विज्ञानियों का ध्यान खींचा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियां भविष्य में और बड़े खतरे का संकेत हो सकती हैं।