प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को डिजिटल क्रांति की नई सौगात देते हुए बीएसएनएल का स्वदेशी 4G नेटवर्क लॉन्च किया। इस ऐतिहासिक मौके पर पीएम ने 97,500 से अधिक मोबाइल टावरों का उद्घाटन किया, जो आने वाले समय में ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
सरकार का मानना है कि यह कदम भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा। अब तक 4G और 5G सेवाओं के लिए निजी कंपनियों और विदेशी तकनीक पर निर्भरता रही है, लेकिन बीएसएनएल के इस स्वदेशी नेटवर्क के जरिये देश की तकनीकी क्षमता को एक नई पहचान मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि "भारत आज डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर निर्णायक कदम उठा रहा है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन टावरों के जरिए ग्रामीण भारत को डिजिटल सशक्तिकरण मिलेगा और छोटे शहरों के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता में नई संभावनाएं खुलेंगी।
बीएसएनएल का यह 4G नेटवर्क पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसे देशी इंजीनियरों और टेक कंपनियों ने मिलकर तैयार किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नेटवर्क न केवल सस्ते दरों पर सेवाएं उपलब्ध कराएगा बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी मजबूत होगा।
इस मौके पर टेलीकॉम मंत्री ने बताया कि आने वाले महीनों में बीएसएनएल अपने 4G नेटवर्क को 5G में अपग्रेड करने की भी तैयारी कर रहा है। इसका मकसद है कि भारत का हर नागरिक तेज़ और सुरक्षित इंटरनेट से जुड़ सके।
लॉन्च के बाद बीएसएनएल को उम्मीद है कि वह निजी कंपनियों की तुलना में किफायती और विश्वसनीय विकल्प साबित होगा। खासतौर पर उन इलाकों में जहां अभी तक इंटरनेट की पहुंच कमजोर है, वहां यह पहल गेमचेंजर साबित हो सकती है।
यह परियोजना "डिजिटल इंडिया" और "मेक इन इंडिया" दोनों अभियानों से सीधे जुड़ी है। इसके जरिए भारत न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी डिजिटल क्षमता का प्रदर्शन भी करेगा।