बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के युवाओं को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने युवा प्रगति योजना के तहत बिहार के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को हर माह ₹1000 का भत्ता देने की घोषणा की है। साथ ही, विभिन्न कोर्सों में मिलने वाली छात्रवृत्तियों की राशि में भी 30 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।
कौशल विकास और रोजगार पर जोर
नई योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान करना और उन्हें रोजगार के लिए सक्षम बनाना है। सरकार का दावा है कि इस पहल से लगभग 45 लाख विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि “बिहार के युवा देश की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर भारत का आधार मजबूत किया जाएगा।”
ऑनलाइन आवेदन और पारदर्शी प्रक्रिया
योजना के तहत विद्यार्थी राष्ट्रीय छात्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए भेजी जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस योजना को लागू करेंगे, ताकि लाभार्थियों को किसी मध्यस्थ के बिना सहायता मिल सके।
छात्रवृत्ति में भी बड़ा बदलाव
सामान्य, पिछड़ा और अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में छात्रवृत्ति की नई दरें तय की गई हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कृषि और आईटी कोर्स में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब अधिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार ने साथ ही राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मिशन से इस योजना को जोड़ने का निर्णय लिया है, ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी मिल सकें।
राजनीतिक महत्व और युवाओं की प्रतिक्रिया
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी माहौल में यह कदम युवाओं को साधने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। राज्य भर में विद्यार्थियों और अभिभावकों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर #YuvaPragatiYojana ट्रेंड कर रहा है, जहां युवा इसे “रोजगार की दिशा में ठोस कदम” बता रहे हैं।