मध्य प्रदेश में Coldrif कफ सिरप पीने से हुई 11 मासूमों की मौत के मामले में अब पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। खरगोन जिले में इस सिरप को कथित तौर पर बच्चों को लिखने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई राज्य औषधि नियंत्रण विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
कैसे हुआ मामला उजागर?
पिछले हफ्ते खरगोन, बड़वानी और खंडवा जिलों में अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ने और मौत के मामले सामने आए थे। जांच में पाया गया कि सभी बच्चों को एक ही प्रकार का सिरप — Coldrif — दिया गया था, जिसे स्थानीय क्लीनिक से खरीदा गया था। नमूनों की प्रयोगशाला जांच में सिरप में “डाइएथिलीन ग्लाइकॉल” और “इथिलीन ग्लाइकॉल” जैसे जहरीले रसायन पाए गए, जो किडनी और लिवर फेलियर का कारण बनते हैं।
डॉक्टर और कंपनी पर शिकंजा कसना शुरू
खरगोन पुलिस ने जिस डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, उस पर आरोप है कि उसने बिना लाइसेंस प्राप्त दवा का उपयोग किया और उसे दर्जनों बच्चों को लिखा। पुलिस ने डॉक्टर से पूछताछ के बाद सिरप सप्लाई करने वाली फार्मा कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। स्वास्थ्य विभाग ने उस कंपनी की उत्पादन इकाई को सील कर दिया है और राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने पूरे देश में Coldrif सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार ने दिए सख्त निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों को दी जा रही सभी खांसी की दवाओं की गुणवत्ता की तुरंत जांच करें। साथ ही, WHO ने भी इस पर रिपोर्ट मांगी है क्योंकि Coldrif का निर्यात भी किया जाता रहा है।
जनता में गुस्सा और सतर्कता की अपील
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। पीड़ित परिवारों ने सरकार से कठोर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कोई भी सिरप न दें और केवल मान्यता प्राप्त ब्रांड की दवाएं ही इस्तेमाल करें।