जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात लगी भीषण आग ने बड़ा हादसा कर दिया। हादसे में 6 मरीजों की मौत हो गई जबकि 5 की हालत नाजुक बताई जा रही है। आग ट्रॉमा सेंटर की तीसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड में रात करीब 2 बजे लगी, जब वार्ड में 12 से अधिक मरीज भर्ती थे।
जानकारी के अनुसार, आग लगने के तुरंत बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। नर्सिंग स्टाफ और गार्ड्स ने तुरंत मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन धुएं के घने गुबार के कारण कई लोग फंस गए। दमकल विभाग की 10 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आग की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण स्पष्ट हो पाएगा। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि ICU में स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म सिस्टम सही तरह से काम नहीं कर रहे थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने सुबह अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और घटना स्थल का निरीक्षण किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरा ICU धुएं से भर गया। मरीजों को बाहर निकालने में मेडिकल स्टाफ को कठिनाई हुई क्योंकि अधिकांश मरीज वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।
दमकल अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन हो सकता है। भवन के कई हिस्सों में फायर एक्जिट ब्लॉक थे और इमरजेंसी लाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था।
इस हादसे के बाद जयपुर के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश दिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।