देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ गवई पर हुए हमले की घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “मुख्य न्यायाधीश पर हमला हर भारतीय के आत्मसम्मान पर आघात है।” उन्होंने सोमवार देर रात सीजेआई गवई से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना और केंद्र व राज्य एजेंसियों को उनकी सुरक्षा और जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
हमले की घटना और जांच
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला रविवार शाम उस वक्त हुआ जब सीजेआई गवई नागपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। कार्यक्रम स्थल के बाहर कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की और पथराव कर दिया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से सीजेआई सुरक्षित रहे। हमलावरों की पहचान के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं और मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
पीएम मोदी ने जताई चिंता, कहा- “न्यायपालिका पर हमला अस्वीकार्य”
प्रधानमंत्री ने घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए कहा कि न्यायपालिका देश की रीढ़ है और उसकी स्वतंत्रता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा, “भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा देश गर्व करता है। न्याय के प्रतीक पर हिंसा अस्वीकार्य है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
मुख्य न्यायाधीश का स्वास्थ्य स्थिर
इस बीच, सीजेआई गवई को किसी गंभीर चोट की सूचना नहीं है। उन्हें हल्की चिकित्सकीय जांच के बाद वापस उनके आवास भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार बताया है।
सुरक्षा व्यवस्था होगी सख्त
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीजेआई की सुरक्षा की पुनर्समीक्षा का आदेश दिया है। उच्च न्यायपालिका के अन्य न्यायाधीशों और संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा में भी वृद्धि की जा सकती है।