अमेरिका की ओर से हाल ही में दवा क्षेत्र पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक बाजारों को गहरी चोट पहुंचाई है। वीज़ा संबंधी प्रतिबंधों के बाद यह दूसरा बड़ा झटका है, जिसने भारतीय स्टॉक मार्केट को हिला दिया। सोमवार, 29 सितंबर 2025 को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फैसले का सीधा असर भारतीय फार्मा कंपनियों पर पड़ा है, क्योंकि उनका बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका ही है। टॉप-10 दिग्गज कंपनियों के शेयरों में एक ही दिन में 5 से 12 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए, जिससे बाजार में घबराहट फैल गई।
फार्मा सेक्टर के अलावा आईटी और बैंकिंग शेयरों पर भी दबाव बढ़ा। वीज़ा प्रतिबंधों से पहले ही आईटी कंपनियां नुकसान झेल रही थीं, अब नई टैरिफ नीति ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है। सोमवार को कारोबार की शुरुआत से ही बिकवाली का दौर चला और दिनभर बाजार में गिरावट बनी रही।
विश्लेषकों का मानना है कि यह संकट केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसका असर दिखाई देगा। अमेरिका का यह फैसला ट्रेड वॉर की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। भारत के साथ-साथ यूरोपीय और एशियाई बाजार भी दबाव में आ सकते हैं।
निवेशकों के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। शॉर्ट-टर्म निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है, जबकि लॉन्ग-टर्म निवेशक अभी भी इंतजार की रणनीति अपनाए हुए हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि फिलहाल सतर्क निवेश ही उचित रहेगा।
सरकार की ओर से इस मामले पर गहन चर्चा की जा रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका के इस निर्णय को लेकर जल्द ही बातचीत होगी। वहीं, उद्योग संगठनों ने इसे भारतीय दवा उद्योग के लिए बड़ा झटका बताया है।
वीज़ा पाबंदियों और दवा क्षेत्र पर 100% टैरिफ के दोहरे आघात ने भारतीय स्टॉक मार्केट की रीढ़ हिला दी है। टॉप-10 कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है और निवेशकों का विश्वास डगमगाया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार और कंपनियां इस संकट से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाती हैं।