राजस्थान में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। प्रदेश सरकार ने नकली और निम्न गुणवत्ता की दवाइयों के मामले में सख्ती दिखाते हुए जयपुर की दवा कंपनी केसन्स फार्मा पर बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी की 19 दवाओं को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच में पाया कि कंपनी द्वारा सप्लाई की गई कई दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इन दवाओं के सेवन से बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। इस खुलासे के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है और स्वास्थ्य विभाग ने आपात स्तर पर सभी अस्पतालों को आदेश जारी किये हैं कि प्रतिबंधित दवाओं का तुरंत उपयोग बंद किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला तब गंभीर रूप से सामने आया जब विभिन्न जिलों से बच्चों की मौत और गंभीर बीमारियों की शिकायतें आईं। जांच में पाया गया कि इन मामलों में दवाओं की क्वालिटी संदिग्ध थी। इसके बाद राज्य सरकार ने विशेषज्ञों की समिति गठित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाई। समिति की सिफारिश के बाद 19 दवाओं की बिक्री, वितरण और उपयोग पर बैन लगाया गया है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उधर, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि नकली और घटिया दवाओं का सेवन बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद घातक हो सकता है। राज्य सरकार ने जिला स्तर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस कांड ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और दवा नियंत्रण तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि केसन्स फार्मा के खिलाफ आगे कितनी सख्त कार्रवाई होती है और प्रभावित परिवारों को न्याय कब तक मिल पाता है।