भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। रूस ने पुष्टि की है कि वह भारत को S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की नई खेप अक्टूबर 2025 के भीतर सौंप देगा। इस डील को भारत की सुरक्षा नीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, यह खेप भारतीय वायुसेना को सौंपे जाने के बाद उत्तर और पश्चिमी सीमाओं पर तैनात की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत की वायु सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी। खासकर चीन और पाकिस्तान से जुड़ी सीमाओं पर यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त करने में सक्षम होगा।
S-400 को दुनिया की सबसे आधुनिक एयर डिफेंस प्रणालियों में गिना जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह 400 किलोमीटर तक की दूरी और 30 किलोमीटर ऊंचाई पर एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। भारत और रूस के बीच हुई बहुचर्चित रक्षा डील के तहत भारत ने कुल पांच रेजिमेंट S-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। इनमें से अब तक तीन खेप भारत को मिल चुकी हैं और यह चौथी खेप जल्द ही तैनाती के लिए तैयार होगी।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली भारतीय वायुसेना के लिये ‘गेम चेंजर’ साबित होगी। मौजूदा समय में पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और सीमाई तनाव को देखते हुए भारत की रक्षा तैयारी को और पुख्ता करना जरूरी हो गया है।
भारत सरकार ने साफ किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी भी सौदे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का असर नहीं होगा। दरअसल, अमेरिका ने भारत के रूस से हथियार खरीदने पर अप्रत्यक्ष आपत्ति जताई थी। लेकिन रणनीतिक कारणों से भारत ने यह डील बरकरार रखी।
नई खेप की तैनाती के साथ ही भारत की वायु रक्षा क्षमता और व्यापक हो जाएगी। इससे दुश्मन देशों के किसी भी हवाई खतरे को पहले से अधिक सटीकता के साथ जवाब देने में मदद मिलेगी।