भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताएं अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रही हैं। इसी क्रम में अब ब्राजील ने भारत की ‘आकाश मिसाइल प्रणाली’ में गहरी रुचि दिखाई है। दोनों देशों के बीच इस रक्षा सौदे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। यदि समझौता होता है, तो यह भारत के रक्षा निर्यात इतिहास की सबसे बड़ी डील में से एक होगी।
ब्राजील को चाहिए भरोसेमंद एयर डिफेंस सिस्टम
ब्राजील सरकार ने अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए कई देशों से आधुनिक मिसाइल सिस्टम की पेशकश मांगी थी। इसमें भारत की ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली ने तकनीकी दक्षता और लागत-प्रभावशीलता के मामले में बढ़त हासिल की। यह सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल प्रणाली (Surface to Air Missile System) है, जो 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक शत्रु के विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है।
डीआरडीओ और बीईएल की बड़ी भूमिका
‘आकाश’ मिसाइल को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है, जबकि इसका उत्पादन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा किया जाता है। यह मिसाइल प्रणाली पहले से ही भारतीय वायुसेना और थलसेना में तैनात है और अपनी विश्वसनीयता साबित कर चुकी है। अब इसे ‘मेक इन इंडिया’ के तहत निर्यात के लिए तैयार किया जा रहा है।
रक्षा निर्यात में भारत की बड़ी छलांग
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने रक्षा निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि की है। 2024-25 में भारत ने करीब 21,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया, जो एक दशक पहले की तुलना में लगभग 20 गुना अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ‘आकाश’ मिसाइल डील ब्राजील के साथ सिरे चढ़ती है, तो यह भारत की रक्षा उद्योग को वैश्विक बाजार में और मजबूती देगा।
रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम
भारत-ब्राजील के बीच यह सौदा सिर्फ रक्षा व्यापार नहीं, बल्कि सामरिक साझेदारी को भी नया आयाम देगा। दोनों देश BRICS समूह के सदस्य हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन करते हैं। ऐसे में यह डील दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation) को और सशक्त बना सकती है।