दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के परिसर में एक बी-टेक प्रथम वर्ष की छात्रा ने गंभीर आरोप लगाया है कि चार लोगों ने उसके साथ यौन हिंसा करने का प्रयास किया। उसने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बैड टच किया, उसके कपड़े फाड़े और उसके खिलाफ गैंगरेप की कोशिश की।
घटना की जांच और पुलिस कार्रवाई
छात्रा के अनुसार, यह घटना विश्वविद्यालय कैंपस में चल रहे निर्माण कार्य के एक हिस्से में हुई। उसने बताया कि चार आरोपियों ने मिलकर उस पर हमला किया। पुलिस ने इस शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है।
साथ ही, छात्रा को काउंसलिंग की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना विश्वविद्यालय परिसर में लड़कियों की सुरक्षा और संवेदनशीलता पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। सार्वजनिक जगहों पर महिला छात्रों को सुरक्षित महसूस कराने वाले नियमों व निगरानी तंत्र की कमी का खतरा उजागर हुआ है।
उच्च शिक्षा संस्थानों में महिला सुरक्षा अभियान, सेफ कैम्पस प्रोटोकॉल एवं रिपोर्टिंग मैकेनिज्म को मजबूत करना अब और ज़रूरी हो गया है।
कानूनी और न्यायिक पहल
ऐसी घटनाओं पर स्थानीय पुलिस व न्याय व्यवस्था को शीघ्र प्रभावी कदम उठाने की मांग की जा रही है। आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ धारा 376 (गैंगरेप) सहित अन्य सख्त धाराएँ लागू की जानी चाहिए।
साथ ही, संस्थान प्रशासन को चाहिए कि वे अपनी आंतरिक सुरक्षा प्रणाली, मानसिक स्वास्थ्य सहायता एवं तुरंत रिपोर्टिंग चैनल सुनिश्चित करें।
दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में हुई यह घटना न सिर्फ एक छात्रा की व्यक्तिगत पीड़ा है, बल्कि यह संकेत है कि आज भी विद्यार्थी-परिसरों में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा खतरे में है।
समाज, प्रशासन और शिक्षा संस्थानों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर छात्रा को सुरक्षित वातावरण मिले, ताकि वे निर्भय होकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।