हिमाचल प्रदेश में सर्दी ने दस्तक दे दी है। मंगलवार रात से राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम अचानक बिगड़ गया। लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू जिले के कई इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। अटल टनल रोहतांग, बारालाचा, कुंजुम दर्रा और लाहौल घाटी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई हैं। पर्यटक इस अप्रत्याशित बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों के लिए यह चुनौती बन गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमालयी इलाकों में अगले दो दिनों तक बर्फबारी और बारिश जारी रहने की संभावना है। वहीं जरासू जोत क्षेत्र में एक भीषण हिमस्खलन की खबर ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे में करीब 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई है। स्थानीय चरवाहों के अनुसार, तेज़ बर्फीले तूफान के दौरान अचानक हुए हिमस्खलन में उनका पूरा झुंड दब गया।
लाहौल प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, हालांकि बर्फ की मोटी परत और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अभियान में दिक्कतें आ रही हैं। पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने के लिए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
अटल टनल और मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है। कई जगहों पर वाहनों को रोकना पड़ा और पर्यटकों को सुरक्षा कारणों से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा से परहेज करने की सलाह दी गई है। सड़कों पर फिसलन बढ़ने के कारण प्रशासन ने चेतावनी जारी की है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बताया कि 24 अक्तूबर तक राज्य के ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी रहेगी। ठंड में बढ़ोतरी के साथ तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री नीचे चला गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय पर हुई बर्फबारी हिमाचल की जलवायु के लिए शुभ संकेत है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह प्रारंभिक ठंड चुनौती भी बन सकती है।