बिहार की राजनीति में लंबे समय से चल रही अटकलों पर अब विराम लगता दिख रहा है। महागठबंधन ने आखिरकार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने पर सहमति बना ली है। मंगलवार देर रात पटना में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, और वाम दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के कुछ नेताओं की प्रारंभिक आपत्तियों के कारण स्थिति अटकी हुई थी, लेकिन गहलोत के पटना पहुंचने के बाद मामला सुलझ गया। गहलोत ने सभी दलों को यह समझाया कि तेजस्वी यादव वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में विपक्ष के सबसे लोकप्रिय और स्वीकार्य नेता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी एकजुटता बनाए रखने के लिए किसी एक नेतृत्व पर सहमति जरूरी है।
बैठक के बाद राजद कार्यालय में देर रात तक रणनीति पर चर्चा जारी रही। आज दोपहर 2 बजे महागठबंधन के सभी शीर्ष नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें औपचारिक रूप से तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित किया जाएगा। उम्मीद है कि कांग्रेस बिहार में अपने 70 सीटों के दावे को घटाकर 50 पर मान सकती है, ताकि गठबंधन में तालमेल बना रहे।
वामपंथी दलों ने भी तेजस्वी के नेतृत्व पर समर्थन जताया है। सीपीआई-एमएल नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि “हमारे लिए मुद्दे और विचारधारा ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, चेहरा नहीं। तेजस्वी युवा, ऊर्जावान और जनता से जुड़े नेता हैं।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला बिहार के चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है। एनडीए के सामने अब एक स्पष्ट और आक्रामक नेतृत्व खड़ा होगा। तेजस्वी पहले ही बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरने में सक्रिय हैं।
गौरतलब है कि महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई-एमएल आगामी दिनों में संयुक्त घोषणापत्र जारी करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तेजस्वी यादव का पहला रोड शो पटना से ही शुरू होने की संभावना है।