अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन शांति वार्ता रद्द होने के कुछ घंटों बाद ही यूक्रेन पर रूस ने एक बार फिर बड़ा सैन्य हमला कर दिया। गुरुवार तड़के हुए इस हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हमला पूर्वी यूक्रेन के खारकीव और डोनेट्स्क क्षेत्रों में किया गया, जहाँ रूसी मिसाइलों ने आवासीय इलाकों को निशाना बनाया।
यूक्रेनी सेना के मुताबिक, रूस ने इस बार ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का संयुक्त प्रयोग किया। खारकीव के गवर्नर ओलेह सिनयेहुबोव ने बताया कि हमले में कई घर तबाह हो गए और दर्जनों लोग मलबे में फंसे हैं। राहत और बचाव दल मलबा हटाने में जुटे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस हमले को “रूस की शांति के प्रति असली नीयत का सबूत” बताया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक बार फिर सख्त प्रतिबंध और सैन्य सहायता की मांग की है।
रूस की ओर से इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, रूसी मीडिया के अनुसार यह कार्रवाई “यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को नष्ट करने” के उद्देश्य से की गई थी। विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली वार्ता स्थगित होने के बाद रूस ने यह कदम दबाव बनाने के लिए उठाया है।
इससे पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि “पुतिन से बातचीत इस समय बेनतीजा होगी,” और उन्होंने वार्ता स्थगित कर दी थी। ट्रंप ने आरोप लगाया कि “यूक्रेन को लेकर रूस अपनी आक्रामक नीति से पीछे नहीं हटना चाहता, इसलिए बातचीत का कोई औचित्य नहीं बचता।” इस बयान के कुछ घंटों के भीतर ही रूसी हमले ने पूरे यूरोप में तनाव बढ़ा दिया।
नाटो (NATO) ने हमले की कड़ी निंदा की है। महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा, “यह हमला नागरिकों के खिलाफ युद्ध अपराध है। रूस को तुरंत अपने सैन्य अभियान रोकने होंगे।” अमेरिका ने भी यूक्रेन को अतिरिक्त रक्षा सहायता देने का एलान किया है, जिसमें एंटी-मिसाइल सिस्टम और मानवरहित ड्रोन शामिल होंगे।
दूसरी ओर, रूस समर्थित डोनबास क्षेत्र में संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। कई रिपोर्टों के अनुसार, रूसी सेना सीमा पार नई टुकड़ियाँ भेज रही है। यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि शांति वार्ता का रुकना इस संघर्ष को और लंबा खींच सकता है। यूरोप के कई देशों ने कहा है कि अब स्थिति “नियंत्रण से बाहर” होती जा रही है और कूटनीति के रास्ते को बचाने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ को मिलकर कदम उठाने होंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और हर नए हमले के साथ यह स्पष्ट हो रहा है कि फिलहाल शांति की संभावना बेहद धुंधली है।