केंद्रीय कर्मचारियों के लिए त्योहारों से पहले बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी (Gratuity) की अधिकतम सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और इसका लाभ न केवल वर्तमान कर्मचारियों को बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मिलेगा।
सरकारी आदेश के अनुसार, यह संशोधन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद किया गया है, ताकि महंगाई दर और सेवा अवधि के अनुरूप कर्मचारियों को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिल सके। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि सरकार भविष्य में ग्रेच्युटी सीमा को महंगाई भत्ते (DA) के साथ स्वत: संशोधित करने की दिशा में भी विचार कर रही है।
क्या है ग्रेच्युटी और कौन कर सकता है दावा?
ग्रेच्युटी एक प्रकार का सेवानिवृत्ति लाभ है जो किसी कर्मचारी को पांच वर्ष या उससे अधिक की निरंतर सेवा पूरी करने पर दिया जाता है। यह राशि नियोक्ता की ओर से एक वेतन-आधारित बोनस के रूप में दी जाती है। फिलहाल, यह नियम केंद्रीय, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ निजी संस्थानों पर भी लागू है।
कितना मिलेगा अब लाभ — जानें कैलकुलेशन
ग्रेच्युटी की गणना इस सूत्र से होती है:
ग्रेच्युटी = (मासिक वेतन × सेवा वर्ष × 15) / 26
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन ₹80,000 है और उसने 25 वर्ष की सेवा की है, तो अब अधिकतम सीमा ₹25 लाख होने से उसे पूर्ण लाभ मिल सकेगा। पहले यह सीमा ₹20 लाख पर रुक जाती थी।
कर्मचारी संगठनों ने जताया स्वागत
कर्मचारी संघों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लाखों कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी। नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) के मुताबिक, ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार आएगा।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आगामी बजट में पेंशन प्रणाली में भी सुधार की घोषणा की जा सकती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।