मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित सीजफायर पहल फिलहाल बेअसर साबित हुई है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार देर रात बयान जारी करते हुए कहा कि “गाज़ा में अब आतंक के खिलाफ अंतिम चरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।” इसके साथ ही इज़राइली सेना ने कई इलाकों में ड्रोन और एयरस्ट्राइक बढ़ा दी हैं।
ट्रंप ने कुछ दिन पहले इसराइल-हमास संघर्ष को रोकने के लिए “तात्कालिक युद्धविराम (Immediate Ceasefire)” की अपील की थी। उन्होंने दावा किया था कि उनके मध्यस्थता प्रयासों से “मानवीय गलियारे” खोलने पर सहमति बन गई है। लेकिन नेतन्याहू ने साफ कहा कि “हमास के अस्तित्व में रहते कोई युद्धविराम नहीं हो सकता।” इसके बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई।
गाज़ा में फिर बमबारी, नागरिकों की स्थिति बदतर
इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने मंगलवार सुबह गाज़ा सिटी, रफ़ा और खान यूनुस में कई ठिकानों पर हमले किए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में कई इमारतें ध्वस्त हुईं और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटे में कम से कम 280 लोगों की मौत हुई है, जबकि हजारों घायल हैं।
संयुक्त राष्ट्र (UN) और यूरोपीय संघ (EU) ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “मानवीय सहायता को गाज़ा पहुंचने देना तत्काल आवश्यक है। नागरिकों पर हमले किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हैं।”
अमेरिका और पश्चिमी देशों में बढ़ी कूटनीतिक हलचल
व्हाइट हाउस ने ट्रंप के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि “अमेरिका आधिकारिक रूप से किसी सीजफायर समझौते का हिस्सा नहीं है।” वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने इज़राइल को “आत्मरक्षा का अधिकार” देने की बात दोहराई है, लेकिन साथ ही गाज़ा में नागरिक हताहतों पर चिंता भी जताई है।
रूस और चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में “स्थायी शांति प्रस्ताव” की मांग दोहराई है। हालांकि, अमेरिकी वीटो के चलते प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह संघर्ष अब “कूटनीति बनाम प्रतिशोध” के मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां किसी भी मध्यस्थता की संभावना बेहद कमजोर दिख रही है।
नेतन्याहू बोले — ‘अब कोई रोक नहीं’
इज़राइली प्रधानमंत्री ने कहा, “हम गाज़ा में तब तक कार्रवाई जारी रखेंगे जब तक हमास की सैन्य क्षमता पूरी तरह नष्ट नहीं हो जाती।” उन्होंने सेना को “फुल-स्केल ग्राउंड ऑपरेशन” के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। इसके जवाब में हमास ने भी चेतावनी दी है कि “अगर इज़राइल ने जमीनी कार्रवाई की, तो उसे पहले से कहीं अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा।”
इस बीच, मिस्र और कतर शांति वार्ता के लिए अपने राजनयिकों को सक्रिय कर रहे हैं। हालांकि, मौजूदा हालात यह संकेत दे रहे हैं कि फिलहाल मध्य पूर्व में शांति की उम्मीद “गया पानी में ट्रंप का सीजफायर” की तरह डूब चुकी है।