अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती सिस्टम ‘मोंथा’ ने देश के कई राज्यों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। जहां उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश से ठंड ने दस्तक दे दी है, वहीं दक्षिण-पूर्वी राज्यों में यह चक्रवात जानमाल की भारी तबाही लेकर आया।
मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा चक्रवात गुरुवार रात आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराया। तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते कई जिलों में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई। विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम और गंजाम जिलों में समुद्री लहरों की ऊंचाई चार से पाँच मीटर तक पहुंच गई, जबकि दर्जनों मछुआरे समय पर तट पर लौटने में असमर्थ रहे। स्थानीय प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, आंध्र और तेलंगाना में कम से कम 14 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए हैं।
वहीं, चक्रवात का असर धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ा। उत्तर प्रदेश और बिहार में शुक्रवार को झमाझम बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। लखनऊ, वाराणसी, पटना और गया में बारिश के साथ हल्की ठंड महसूस की गई। किसानों के लिए यह बारिश जहां रबी फसलों के लिए राहत लेकर आई, वहीं पहले से कटाई की तैयारी कर रहे धान उत्पादकों को नुकसान का डर सता रहा है।
मध्य प्रदेश में भी मौसम का रुख अचानक बदला। भोपाल, जबलपुर और रीवा में तापमान सामान्य से तीन से पाँच डिग्री तक नीचे चला गया। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटे तक मध्य भारत में हल्की बारिश और ठंडी हवाओं का दौर जारी रहेगा।
दूसरी ओर, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। बचाव दलों ने अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
फिलहाल, ‘मोंथा’ का असर कमजोर पड़ रहा है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में ऐसे सिस्टम और बार-बार सक्रिय हो सकते हैं, क्योंकि बंगाल की खाड़ी का तापमान औसतन 2°C बढ़ चुका है।