भारत को नया मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल गया है। जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उनकी नियुक्ति पर औपचारिक मुहर लगाई। जस्टिस सूर्यकांत, CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी संभालेंगे।
हरियाणा के हिसार जिले के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस सूर्यकांत की कहानी मेहनत, ईमानदारी और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक मानी जाती है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1984 में एक वकील के रूप में की थी और धीरे-धीरे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बने। वर्ष 2004 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया, और 2018 में वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
2022 में जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया, जहां उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पर्यावरण संरक्षण, मानवाधिकार और पारदर्शी प्रशासन से जुड़ी उनकी टिप्पणियाँ न्यायपालिका की साख को मजबूत करने में अहम रहीं।
उनका कार्यकाल न केवल संविधान की मूल भावना की रक्षा का प्रतीक माना जा रहा है, बल्कि न्यायपालिका में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देने की उम्मीद है। जस्टिस सूर्यकांत को उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण और स्पष्ट वाणी के लिए जाना जाता है।
कानूनी जगत में उन्हें “जनता का न्यायाधीश” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा सामान्य नागरिकों की पहुंच में न्याय सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी उनकी नियुक्ति का स्वागत करते हुए कहा कि “यह भारतीय न्यायपालिका के लिए गौरव का क्षण है, जब एक ऐसे व्यक्ति को सर्वोच्च पद मिला जिसने निचले स्तर से ऊपर तक न्याय की सेवा की है।”
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 2027 तक रहेगा। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट संविधानिक मूल्यों और न्यायिक सुधारों की दिशा में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगा।