नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) के पहले चरण के संचालन की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। हालांकि शुरुआती दौर में एयरपोर्ट से केवल दिन के समय उड़ानें ही संचालित की जाएंगी। रात में विमानों की उड़ान और लैंडिंग की अनुमति फिलहाल नहीं होगी। यह निर्णय सुरक्षा और तकनीकी कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार, पहले चरण में सीमित उड़ानों के साथ संचालन शुरू किया जाएगा ताकि रनवे, नेविगेशन सिस्टम और ग्राउंड सर्विस की सभी प्रक्रियाओं का सफल परीक्षण किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि रात में परिचालन की अनुमति दूसरे चरण में दी जाएगी, जब सभी तकनीकी प्रणालियों का मूल्यांकन और सेफ्टी ऑडिट पूरा हो जाएगा।
नोएडा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के सीईओ ने बताया कि शुरूआती महीनों में घरेलू उड़ानों पर फोकस रहेगा। पहले चरण में एक रनवे और एक यात्री टर्मिनल का संचालन किया जाएगा, जिसकी सालाना क्षमता करीब 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। आने वाले वर्षों में दूसरे रनवे और नए टर्मिनलों के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू की जाएंगी।
रात की उड़ानों पर रोक के पीछे मुख्य वजह रनवे लाइटिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम की फाइनल टेस्टिंग बताई जा रही है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा है कि सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और तभी नाइट ऑपरेशन की अनुमति दी जाएगी जब सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना सुनिश्चित हो जाएगा।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के मुताबिक, नवंबर के अंत तक परीक्षण उड़ानें शुरू हो सकती हैं। फिलहाल एयरलाइनों से स्लॉट आवंटन की प्रक्रिया जारी है और ग्राउंड स्टाफ की ट्रेनिंग भी अंतिम चरण में है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नोएडा एयरपोर्ट शुरू होने से दिल्ली एयरपोर्ट पर दबाव घटेगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नई आर्थिक गति मिलेगी। ग्रेटर नोएडा, आगरा और अलीगढ़ जैसे क्षेत्रों में पर्यटन और उद्योगों को बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।