बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र एनडीए (NDA) ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए कई बड़े वादे किए हैं। इस घोषणापत्र में किसानों, युवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को केंद्र में रखते हुए किसानों को हर साल 9000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई है। साथ ही गठबंधन ने यह भी वादा किया है कि राज्य के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा, जिससे बिहार में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मौजूदगी में जारी इस घोषणापत्र में कहा गया कि एनडीए सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए “मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना” लाएगी, जिसके तहत पात्र किसानों को सालाना ₹9000 सीधे उनके खातों में दिए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती के साथ-साथ रबी और खरीफ फसलों की तैयारी में आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
घोषणापत्र में युवाओं के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं। एनडीए ने वादा किया है कि अगले पाँच वर्षों में राज्य में 20 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की संख्या बढ़ाने की भी योजना है, ताकि तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिल सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा ऐलान करते हुए गठबंधन ने कहा कि 38 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाएंगे। इससे राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर होगी और लोगों को इलाज के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “मुख्यमंत्री महिला उद्यम योजना” के तहत ब्याज-मुक्त ऋण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की बात कही गई है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलों के डिजिटलीकरण, स्मार्ट क्लास और छात्रों के लिए फ्री टैबलेट योजना भी शामिल है।
एनडीए नेताओं का दावा है कि यह घोषणापत्र “विकसित बिहार, समृद्ध किसान और स्वस्थ समाज” के विज़न को पूरा करेगा। अब देखना यह होगा कि मतदाता इन वादों पर कितना भरोसा जताते हैं।