रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन 2025 के अंत में यह संघर्ष एक नए निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी सेना की मुख्य सप्लाई लाइन मानी जाने वाली एक बड़ी पुल (ब्रिज) को निशाना बनाकर उड़ा दिया है। यह पुल डोनबास क्षेत्र के सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण इलाके क्रामाटोर्स्क और स्लोवियांस्क को जोड़ता था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस हमले के बाद यूक्रेन की सेना को भारी रणनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यह ऑपरेशन "सटीक मिसाइल स्ट्राइक" के ज़रिए किया गया, जिसमें यूक्रेन के सैन्य वाहनों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने वाला मार्ग पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। वीडियो फुटेज में पुल को ढहते और आसमान में धुएं के गुबार उठते देखा गया। रूसी मीडिया इसे “टर्निंग पॉइंट ऑफ वॉर” बता रहा है, जबकि यूक्रेन ने इसे अपनी सेना के लिए अस्थायी झटका करार दिया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि रूस अब नागरिक इलाकों को भी निशाना बना रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों से तत्काल सैन्य सहायता और उन्नत हवाई रक्षा प्रणाली की मांग दोहराई है। यूक्रेनी सेना ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू करने का दावा किया है। उनका कहना है कि उन्होंने रूसी आर्टिलरी पोज़िशन पर ड्रोन हमले किए हैं और कई रूसी ठिकानों को नुकसान पहुंचाया है।
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि इस पुल के नष्ट होने से यूक्रेनी सेना की लॉजिस्टिक सप्लाई, ईंधन और हथियारों की आवाजाही बाधित होगी। साथ ही डोनबास मोर्चे पर मौजूद यूक्रेनी सैनिकों को अब दूसरे मार्गों से लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा, जिससे उनकी युद्ध क्षमता प्रभावित होगी।
दूसरी ओर, रूस ने दावा किया है कि उसने दक्षिण-पूर्वी इलाकों में भी अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अब खेरसॉन और ज़ापोरिज़्ज़िया सेक्टरों में नियंत्रण बढ़ा रहा है। पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि रूस इस बार "धीरे मगर स्थायी" रणनीति अपना रहा है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन की सैन्य संरचना को अंदर से तोड़ना है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस हमले को “युद्ध को और भड़काने वाला कदम” बताया है। वाशिंगटन ने रूस पर नए प्रतिबंधों की चेतावनी दी है, जबकि नाटो (NATO) ने यूक्रेन को “दीर्घकालिक सहायता” का आश्वासन दिया है।
तीन साल से जारी इस संघर्ष में अब तक लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और हजारों नागरिक मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसे "मानवता के लिए सबसे बड़ी त्रासदी" करार दिया है। ताज़ा हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध फिलहाल समाप्ति से बहुत दूर है और आने वाले महीनों में हालात और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं।