प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को वाराणसी से एक साथ चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं। यह आयोजन वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। इन नई ट्रेनों के संचालन से उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी तेज और आधुनिक रेल कनेक्टिविटी को नई गति मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि इस बार केरल को अपनी तीसरी वंदे भारत ट्रेन का तोहफा भी मिलने जा रहा है।
रेल मंत्रालय के अनुसार, जिन चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का शुभारंभ हो रहा है, उनमें वाराणसी-इंदौर, पटना-आगरा, जयपुर-लखनऊ और केरल की त्रिवेंद्रम-मंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं। इन सभी मार्गों को खास तौर पर यात्रियों की बढ़ती मांग और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नई ट्रेनों में अत्याधुनिक सुविधाएं, उन्नत सुरक्षा प्रणाली, बेहतर बैठने की व्यवस्था और तेज गति जैसी विशेषताएं यात्रियों को एक नया अनुभव देंगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “वंदे भारत मिशन का उद्देश्य यात्रियों को तेज, सुरक्षित और स्वदेशी तकनीक आधारित यात्रा सुविधा देना है।” इन नई ट्रेनों के शुरू होने के बाद देश में चल रही वंदे भारत ट्रेनों की कुल संख्या 54 तक पहुँच जाएगी। यह भारतीय रेल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
वाराणसी से ट्रेनों के उद्घाटन का आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहां से शुरू होने वाली ट्रेनें पूर्वी, पश्चिमी और मध्य भारत के बीच यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी लाएँगी। वहीं केरल में शुरू होने वाली त्रिवेंद्रम-मंगलुरु वंदे भारत ट्रेन राज्य की तीसरी ऐसी ट्रेन होगी, जिससे दक्षिणी तटीय यात्रियों को तेज सफर की सुविधा मिलेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस को भारतीय इंजीनियरों द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत तैयार किया गया है। यह न सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। प्रधानमंत्री के इस लॉन्च कार्यक्रम के साथ भारतीय रेल का एक और नया अध्याय शुरू होगा, जो देश को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के भविष्य की ओर ले जाएगा।