कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ‘वोट चोरी’ और ‘चुनावी धांधली’ के आरोपों को लेकर सत्तारूढ़ दल पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा और बंगाल में कथित रूप से मतदाताओं की हेराफेरी और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में गड़बड़ी के आरोप सामने आए हैं, उसी पैटर्न को बिहार में दोहराने की तैयारी चल रही है। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए मतदाताओं से सतर्क रहने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूकता बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने लिखा, “हरियाणा में वोट चोरी का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वही अब बिहार की ओर बढ़ रहा है। देश के हर नागरिक को इस षड्यंत्र के खिलाफ खड़ा होना होगा, क्योंकि यह सिर्फ चुनाव नहीं, लोकतंत्र की आत्मा की लड़ाई है।” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार में निष्पक्ष मतदान हो।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि “ईवीएम में गड़बड़ी” और “फर्जी मतदाता सूची” जैसे मामले विपक्षी दलों को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा हैं। वहीं, बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेसिर-पैर का प्रचार” करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी संभावित हार से पहले ही बहाने बना रही है।
बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “राहुल गांधी को जनता का जनादेश स्वीकार करना सीखना चाहिए। हर बार हार का ठीकरा चुनाव आयोग या ईवीएम पर फोड़ना उनकी पुरानी आदत है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान बिहार के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जिससे कांग्रेस समर्थकों में उत्साह और सतर्कता पैदा हो। वहीं, विपक्ष इस बयान को जनता के बीच “लोकतंत्र बचाओ” अभियान के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में है।
बहरहाल, बिहार चुनाव के बीच राहुल गांधी का यह नया ‘वोट चोरी’ आरोप राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है और अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर टिक गई हैं।