सबरीमाला मंदिर से जुड़े बहुचर्चित सोना चोरी मामले में सोमवार को बड़ा मोड़ आया, जब स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पोट्टी को विशेष जांच दल (SIT) ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के साथ ही जांच एजेंसी ने केस की ‘दूसरी फाइल’ भी खोल दी है, जिसमें मंदिर प्रबंधन और ठेकेदारों के बीच वित्तीय लेनदेन की विस्तृत जानकारी शामिल बताई जा रही है।
गिरफ्तारी से बढ़ी हलचल
केरल पुलिस की SIT टीम ने तिरुवनंतपुरम से उन्नीकृष्णन पोट्टी को हिरासत में लिया। आरोप है कि मंदिर के अनुष्ठानिक आभूषणों और दानपात्र से जुड़े सोने के सौदों में उनकी भूमिका संदिग्ध रही है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि कुछ कीमती आभूषणों को निजी स्वर्णकारों के माध्यम से पिघलाकर बेचा गया, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
जांच के दायरे में कई नाम
SIT ने बताया कि इस केस में पहले से ही मंदिर प्रशासन के दो कर्मचारियों और एक ठेकेदार से पूछताछ की जा चुकी है। अब जांच एजेंसी पोट्टी से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चोरी की योजना किस स्तर पर बनी और इसमें किन-किन लोगों की संलिप्तता रही। सूत्रों के अनुसार, SIT ने मंदिर से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट और पुराने रिकॉर्ड्स को दोबारा खंगालना शुरू कर दिया है।
दूसरी फाइल में क्या है खास
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “दूसरी फाइल” में पिछले सात वर्षों में मंदिर से जुड़े सोने के दान, चढ़ावे और स्वर्ण मरम्मत कार्यों का पूरा ब्यौरा शामिल है। यह फाइल पहले कभी सार्वजनिक नहीं की गई थी। SIT का मानना है कि इसी में चोरी की असली कड़ी छिपी हो सकती है।
सरकार की निगरानी में केस
राज्य सरकार ने इस मामले की प्रगति पर करीबी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पवित्र स्थल की संपत्ति से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
उन्नीकृष्णन पोट्टी की गिरफ्तारी के बाद यह मामला अब एक धार्मिक और राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन गया है। स्थानीय संगठनों ने निष्पक्ष जांच और मंदिर संपत्ति की पारदर्शी निगरानी की मांग की है।