भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वह कर दिखाया जिसका इंतजार देश को पिछले 52 सालों से था। इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 7 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ टीम इंडिया ने विश्व क्रिकेट में नया अध्याय लिख दिया है।
फाइनल मुकाबले में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर की कप्तानी और खिलाड़ियों के जज़्बे ने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 248 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। स्मृति मंधाना ने शानदार 84 रन की पारी खेली, जबकि जेमिमा रोड्रिग्स ने 56 रन का अहम योगदान दिया। जवाब में उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 49.3 ओवर में 241 रन पर सिमट गई।
मैच के अंतिम ओवरों में गेंदबाज रेणुका ठाकुर और दीप्ति शर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दीप्ति शर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ और हरमनप्रीत कौर को ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया।
इस जीत के साथ भारत ने न केवल ट्रॉफी जीती बल्कि करोड़ों भारतीयों का दिल भी। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित देश के तमाम नेताओं और खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारी बेटियों ने इतिहास रच दिया! यह केवल एक खेल जीत नहीं, बल्कि देश की हर बेटी के आत्मविश्वास की जीत है।”
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और बेंगलुरु समेत पूरे देश में लोगों ने सड़कों पर उतरकर जीत का जश्न मनाया। खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये के पुरस्कार और सरकारी सम्मान देने की घोषणा की है।
भारत की यह जीत महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई है। 1973 में शुरू हुए महिला विश्व कप के बाद से भारत कई बार फाइनल तक पहुंचा, लेकिन खिताब नहीं जीत सका था। यह जीत न केवल भारतीय क्रिकेट की नई सुबह है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी बनेगी।