प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ग्रेट ऑनर निशां’ प्रदान किया है। यह सम्मान पाने वाले वह पहले वैश्विक नेता बन गए हैं, जिसे दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। इथियोपिया सरकार ने यह सम्मान भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देने, विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखने और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका के लिए दिया है।
सम्मान समारोह के दौरान इथियोपिया के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि भारत और इथियोपिया के संबंध ऐतिहासिक हैं और हाल के वर्षों में इनमें नई ऊर्जा आई है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, क्षमता निर्माण और डिजिटल सहयोग जैसे क्षेत्रों में भारत की भागीदारी को इथियोपिया ने विशेष रूप से सराहा। यह सम्मान न केवल प्रधानमंत्री मोदी के लिए, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका के लिए भी एक प्रतीकात्मक उपलब्धि माना जा रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बातचीत में व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग, विकास परियोजनाओं और अफ्रीकी क्षेत्र में शांति व स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार बढ़ाने, भारतीय कंपनियों के लिए निवेश के नए अवसर खोलने और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई।
बैठक में भारत-अफ्रीका साझेदारी को और व्यापक बनाने पर भी जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका को केवल साझेदार नहीं, बल्कि विकास की साझा यात्रा का सहयोगी मानता है। वहीं पीएम अली ने भारत को भरोसेमंद मित्र बताते हुए तकनीक, स्वास्थ्य सेवाओं और मानव संसाधन विकास में सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सम्मान और उच्चस्तरीय बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक राजनीति में विकासशील देशों की भूमिका लगातार बढ़ रही है। भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ की अगुवाई और अफ्रीकी देशों के साथ गहरे रिश्ते इसे एक स्वाभाविक सम्मान बनाते हैं। कुल मिलाकर, इथियोपिया का यह सर्वोच्च सम्मान भारत की कूटनीतिक सफलता और प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय छवि को और मजबूत करता है।