रूस और यूक्रेन के बीच लगभग चार साल से जारी युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बार फिर उम्मीद की किरणें चमकी हैं। अमेरिका द्वारा तैयार की गई शांति योजना (US Peace Plan) पर यूक्रेन, यूरोपीय देशों और अमेरिका के बीच लगभग 90 प्रतिशत बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिससे कूटनीतिक रूप से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
हाल ही में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुई सभी पक्षों की गहन वार्ता में यूक्रेन, यूरोपीय यूनियन और अमेरिका ने शांति प्रस्ताव के मुख्य हिस्सों पर सहमति जताई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि यह समझौता अब पहले से कहीं अधिक वास्तविक और नज़दीक दिख रहा है।
मुख्य प्रगति और शांति योजना के प्रस्ताव
बर्लिन वार्ता के दौरान तैयार मसौदा शांति योजना को “काफी व्यवहार्य” (workable) बताया जा रहा है, जिसे जल्द ही रूस को औपचारिक रूप से पेश करने की उम्मीद जताई जा रही है। इस योजना में यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी, डॉनबास जैसे विवादित इलाकों के लिए संभावित उपाय और युद्ध विराम के ढांचे पर विस्तृत बातें शामिल हैं।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि लगभग 90% बिंदुओं पर साझा समझ बनी है, लेकिन कई संवेदनशील मुद्दों पर अभी भी मतभेद हैं, जैसे रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति, सुरक्षा गारंटी की विधिवत रूपरेखा और भविष्य के राजनीतिक समझौते।
रूस और यूक्रेन के बीच असहमति
जहां यूक्रेन दृढ़ता से कहता है कि वह किसी भी परिस्थिति में अपने क्षेत्रीय अधिकारों को नहीं छोड़ेगा, वहीं रूस कुछ क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण मान्यता देने की मांग करता रहा है। इन टकरावों के कारण पूर्ण शांति समझौता फिलहाल अंतिम रूप में तय नहीं हो पाया है।
सुरक्षा गारंटी और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
अमेरिका ने यूक्रेन को विशेष सुरक्षा गारंटी देने का प्रस्ताव भी रखा है, जिसमें संभावित रूप से यूरोपीय नेतृत्व वाली मल्टीनेशनल सुरक्षा तैनाती और NATO-जैसी प्रतिबद्धताएं शामिल कर शांति प्रक्रिया को मजबूत बनाना चाहते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सहमति अभी पूर्ण शांति की पुष्टि नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट संकेत है कि दुनिया के प्रमुख घटक देशों के बीच समन्वय बढ़ा है। अब शांति प्रस्ताव पर अंतिम बातचीत रूस के साथ होने की उम्मीद है, जिसके बाद ही संघर्ष समाप्ति का असलीरूप तय होगा।