सिटी दर्पण ब्युरो, चंडीगढ़, 26 जुलाई: किसान आंदोलन की आड़ में शरारती तत्वों ने चंडीगढ़ की पहचान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। गूगल ने अपने नक्शे पर मटका चौक का नाम बदलकर बाबा लाभ सिंह चौक कर दिया। इस संबंध में एक मैसेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जब यह मैसेज लोगों के पास पहुंचा तो उन्होंने गूगल को ई-मेल कर सख्त विरोध जताया और एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दे डाली। सोमवार देर शाम गूगल ने अपनी गलती मानी और नक्शे पर उसे दोबारा से मटका चौक कर दिया।
दरअसल मटका चौक पर पिछले छह महीने से किसान आंदोलन के समर्थन में कई लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से एक बाबा लाभ सिंह हैं, जिन्होंने वहीं पर अड्डा जमाया हुआ है। 70 वर्षीय लाभ सिंह ने मटका चौक पर ही तंबू गाड़ दिया था। चाहे बारिश हो या गर्मी, वे वहीं पर डटे हुए हैं। पुलिस ने कई बार उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। उल्टा बाबा के समर्थन में लोग वहां पहुंचने लगे। पंजाब के कांग्रेस व अकाली दल के कई नेता भी उन्हें समर्थन देने के लिए मटका चौक पर आ चुके हैं। इसी दौरान शरारती तत्वों ने गूगल को ई-मेल कर मटका चौक का नाम बाबा लाभ सिंह के नाम पर करने का आग्रह किया। गूगल ने अर्जी स्वीकार कर मटका चौक का नाम अपने नक्शे पर बदल दिया। गूगल को देख एप बेस्ड टैक्सी ओला व उबर में भी मटका चौक की बजाए बाबा लाभ सिंह चौक दिखने लगा। इसके साथ नक्शे पर किसान एकता जिंदाबाद का स्लोगन भी दिखाई पड़ रहा था।
नाम बदलने पर लोग नाराज थे, गूगल से की थी शिकायत
मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने गूगल को ई-मेल कर आपत्ति जताई और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। इनमें से साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने गूगल को चार बार ई-मेल भेजकर अपनी गलती सुधारने को कहा। इसके बाद में गूगल को बाबा लाभ सिंह चौक का नाम बदलकर मटका चौक करना पड़ा।
कैसे बदला जाता है नाम
साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने बताया कि जब कई लोग एक साथ किसी जगह का नाम बदलने के लिए गूगल को सुझाव देते हैं तो सर्च इंजन के अधिकारी विचार-विमर्श कर उसका नाम अपने नक्शे पर बदल देते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। राजेश के मुताबिक अपने नक्शे पर नाम बदलने से पहले भारत सरकार व जिला प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक होता है। यदि वे स्वीकृति देते हैं तो उसका नाम बदला जा सकता है।