सिटी दर्पण
मुंबई, 01 दिसंबरः
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 11 उम्मीदवारों ने अपने जिलों की 137 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के माइक्रो-कंट्रोलरों की जांच की मांग की है। इसके लिए कुल मिलाकर 66.64 लाख रुपए का भुगतान भी किया है।
इन उम्मीदवारों में NCP (SP) के बारामती उम्मीदवार युगेंद्र पवार, NCP(SP) के हडपसर उम्मीदवार प्रशांत जगताप और कांग्रेस के पुणे छावनी उम्मीदवार रमेश बागवे शामिल हैं।
इन्होंने EVM की जांच के लिए जिला प्रशासन को आवेदन सौंपा है। यह आवेदन चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिनों के अंदर जमा करने थे। यह समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई।
किसी विधानसभा की 5% EVM की जांच की मांग कर सकते हैं उम्मीदवार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जो उम्मीदवार चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहते हैं वो एक लिखित आवेदन देकर किसी विधानसभा में इस्तेमाल की गई 5% EVM के माइक्रोचिप के वेरिफिकेशन की मांग कर सकते हैं।
इलेक्शन कमीशन के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इन आवेदनों के बारे में राज्य के मुख्य चुनाव ऑफिस को जानकारी दे दी है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, चीफ इलेक्टोरल ऑफिस के आदेश पर एक मॉक पोल आयोजित किया जाएगा। उम्मीदवारों, कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और VVPATs बनाने वाली फर्मों के इंजीनियरों की मौजूदगी में जांच की जाएगी।
NCP(SP) नेता बोले- मतदाता हमारे पक्ष में थे, फिर भी वोट न मिलने से हैरानी NCP (SP) जगताप ने हडपसर निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल किए गए 27 EVM की जांच की मांग की है, जो जिले में सबसे ज्यादा है। इसके बाद चिंचवाड़ क्षेत्र से राहुल कलाटे ने 25 EVM की जांच की मांग की है। जगताप ने 12 लाख रुपए और कलाटे ने 11 लाख रुपए का भुगतान किया है। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार संजय जगताप ने 9.9 लाख रुपए देकर 21 EVM की जांच की मांग की है।
जगताप ने बताया कि उनके क्षेत्र में कुल 532 बूथ हैं। उन्होंने 5% EVM की जांच की मांग की, जिसमें 27 EVM शामिल हैं। उन्होंने कहा इन क्षेत्रों में मतदाता उनके पक्ष में थे, और परिणाम देखकर उन्हें हैरानी हुई कि जीतने वाले उम्मीदवार को इन क्षेत्रों से सभी वोट कैसे मिल गए।