चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कृषि में जल संरक्षण और पराली प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न अनुदानों में बढ़ोतरी की घोषणा की।
"मेरा पानी, मेरी विरासत" योजना में अनुदान बढ़ा
✅ धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिलने वाला अनुदान ₹7000 प्रति एकड़ से बढ़ाकर ₹8000 प्रति एकड़ कर दिया गया है।
✅ अब ग्राम पंचायतें भी इस प्रोत्साहन राशि का लाभ उठा सकेंगी, यदि वे अपनी कृषि योग्य भूमि पर धान की खेती के बजाय इसे खाली छोड़ने का निर्णय लें।
धान की सीधी बुआई (DSR) को बढ़ावा
- धान की सीधी बुआई (डीएसआर) तकनीक से 20-30% पानी की बचत होती है।
- इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को अब ₹4000 प्रति एकड़ की बजाय ₹4500 प्रति एकड़ की अनुदान राशि मिलेगी।
पराली प्रबंधन के लिए बढ़ी सहायता
✅ धान की पराली प्रबंधन करने वाले किसानों के लिए अनुदान राशि ₹1000 प्रति एकड़ से बढ़ाकर ₹1200 प्रति एकड़ कर दी गई है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
- वर्ष 2024-25 में 25,000 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया था।
- इस वर्ष इसे बढ़ाकर 1,00,000 एकड़ करने का निर्णय लिया गया है।
- पहले, केवल वे किसान इस योजना का लाभ ले सकते थे जो कम से कम 2 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे थे।
- अब इस सीमा को घटाकर 1 एकड़ कर दिया गया है, जिससे छोटे किसान भी लाभान्वित होंगे।
लवणीय और क्षारीय भूमि पुनर्जीवन परियोजना
✅ वर्ष 2024-25 में 62,000 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य था।
✅ वित्त वर्ष 2025-26 में इसे बढ़ाकर 1,00,000 एकड़ किया जाएगा।
हरियाणा सरकार कृषि में जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती और पराली प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। बढ़े हुए अनुदान से किसानों को लाभ मिलेगा और राज्य में पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रणाली को अपनाने में तेजी आएगी।