चंडीगढ़, 11 अप्रैल — पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में राज्य के प्रशासनिक और सामाजिक ढांचे को सुदृढ़ बनाने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में अनुसूचित जाति समुदाय को विधिक पदों पर प्रतिनिधित्व, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट आवंटियों को राहत, प्रशासनिक ब्लॉकों का पुनर्गठन, और मेडिकल कॉलेजों में सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श के बाद अहम निर्णय लिए गए।
✅ SC समुदाय को विधिक नियुक्तियों में मिलेगा विशेष प्रतिनिधित्व
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में 'पंजाब लॉ ऑफिसर्स (एंगेजमेंट) एक्ट, 2017' में संशोधन हेतु अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की गई। इस अध्यादेश के तहत अब अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवारों को राज्य के एडवोकेट जनरल कार्यालय में संविदा पर कानून अधिकारी नियुक्त किए जाने में आय सीमा में 50% तक की छूट दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य इस फैसले के माध्यम से विधिक क्षेत्र में समावेशिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है।
🏘️ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट आवंटियों को राहत की सौगात
कैबिनेट ने राज्य के इंप्रूवमेंट ट्रस्टों से जुड़े आवंटियों को बड़ी राहत देते हुए "वन टाइम रिलीफ पॉलिसी" को मंजूरी दी। इस नीति के अंतर्गत गैर-निर्माण शुल्क और बकाया भुगतान पर लगने वाले ब्याज को माफ किया जाएगा, जिससे आवंटियों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे अपने प्लॉट या संपत्ति पर निर्माण कर सकेंगे।
📍 प्रशासनिक सुधार हेतु ब्लॉकों का पुनर्गठन
प्रभावी प्रशासन और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने राज्य के मौजूदा 154 विकास ब्लॉकों के पुनर्गठन की योजना को हरी झंडी दी है। कई ब्लॉकों की सीमाएं असंगत और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अव्यवस्थित पाई गई थीं, जिससे सुचारू कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। अब भौगोलिक और जनसंख्या आधारित तर्कसंगत पुनर्गठन के जरिए प्रशासन को विकेंद्रीकृत और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
🩺 मेडिकल कॉलेजों में सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष
मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधीन कार्यरत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसरों और डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया है। इस निर्णय से इन संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा और अनुभवी चिकित्सकों की निरंतरता सुनिश्चित होगी। छात्रों को शिक्षण में स्थायित्व मिलेगा, साथ ही फैकल्टी की कमी की समस्या से भी राहत मिलेगी।
👨⚕️ सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सेवाओं को मिला मंत्रिमंडल का समर्थन
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं आवश्यकता अनुसार पुनः लेने की स्वीकृति प्रदान की है। यह सेवाएं वार्षिक आधार पर ली जाएंगी और जनहित को प्राथमिकता दी जाएगी। यह निर्णय उन क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मददगार होगा, जहां चिकित्सा विशेषज्ञों की उपलब्धता सीमित है।
पंजाब मंत्रिमंडल के ये निर्णय सामाजिक न्याय, प्रशासनिक दक्षता और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में निर्णायक कदम माने जा रहे हैं। इससे राज्य में अनुसूचित जातियों को न्यायिक क्षेत्र में प्रतिनिधित्व, शहरी विकास में सुगमता, और स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार होगा।