मिशन उम्मीद के तहत पंजाब डब्ल्यू.एच.ओ. के समर्थन से गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी बनेगा
कैंसर का शीघ्र पता लगाना ही इसके प्रभावी उपचार की कुंजी: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह
डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति पंजाब के प्रभावशाली दृष्टिकोण और एनसीडी (गैर-संचारी रोगों) की रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधी प्रयासों की सराहना की
स्वास्थ्य मंत्री ने कैंसर के मानक उपचार के लिए स्टैंडर्ड गाइडलाइंस जारी कीं
चंडीगढ़, 30 जुलाई: कैंसर के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, पंजाब सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारत के साथ तालमेल बिठाकर बठिंडा, एसएएस नगर (मोहाली) और गुरदासपुर जिलों में एक व्यापक और जन-केंद्रित कैंसर देखभाल पायलट परियोजना 'मिशन उम्मीद' शुरू की है। इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्घाटन पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. बलबीर सिंह और भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जो कैंसर देखभाल सेवाओं को मजबूत करने और सभी के लिए तत्काल, समान और गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह अग्रणी पहल विकेन्द्रीकृत और प्रणाली-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, जो भारत में तीन सबसे अधिक प्रचलित और रोकथाम योग्य कैंसर बीमारियाँ हैं, का शुरुआती चरण में ही पता लगाने, समय पर जांच और तुरंत उपचार सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है। यह प्रणाली गैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के साथ रणनीतिक रूप से मेल खाती है और इसका उद्देश्य पंजाब की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों, अर्थात् जमीनी स्तर पर आयुष्मान आरोग्य केंद्रों से लेकर उन्नत तृतीयक देखभाल अस्पतालों तक, कैंसर देखभाल सेवाओं को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य कैंसर के मामलों संबंधी मौजूदा प्रवृत्ति को पलटना है, जहाँ पंजाब में 60 प्रतिशत से अधिक कैंसर के मामलों का पता उन्नत चरण में होता है, जिससे इसके प्रभावी ढंग से उपचार की गुंजाइश सीमित रह जाती है।
सभा को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि कैंसर का मतलब मृत्यु नहीं है और यदि समय पर इसका पता लग जाए तो यह बहुत हद तक ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसका शीघ्र पता लगना ही इसके प्रभावी उपचार की कुंजी है। उन्होंने कहा कि यह पहल स्वास्थ्य में हमारे विश्वास को एक मौलिक अधिकार के रूप में दर्शाती है और सभी के लिए एक प्रभावी और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली बनाने के हमारे संकल्प का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हम एक मिसाल कायम कर रहे हैं और यह दिखा रहे हैं कि कैसे आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली और मजबूत साझेदारी के माध्यम से हम मरीजों की कीमती जिंदगियां बचा सकते हैं। उन्होंने गैर-स्वस्थ जीवन शैली और खराब आहार संबंधी आदतों को कैंसर की बढ़ती घटनाओं के लिए एक बड़ा कारक बताया और नागरिकों को एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाने की सलाह दी जिसमें रोजाना कम से कम एक घंटा शारीरिक कसरत और घर में पकाया पौष्टिक भोजन खाना आदि शामिल है।
भारत में डब्ल्यू.एच.ओ. के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ओफ्रिन ने पंजाब के सुचारु सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण और एनएसडी (गैर-संचारी रोगों) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि 'मिशन उम्मीद' अपनी व्यापक कार्य योजना के साथ देश में व्यापक कैंसर देखभाल में अग्रणी भूमिका के रूप में उभरता है। उन्होंने कहा कि इन निवेशों और प्रयासों को कायम रखते हुए पंजाब 2030 तक एसडीजी-3 के एनएसडी लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते पर है। उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यू.एच.ओ. इस महत्वपूर्ण पहल में भागीदार होने पर गर्व महसूस करता है और इस मॉडल को देश भर में अपनाए जाने के लिए अपनी समग्र तकनीकी सहायता की पेशकश जारी रखेगा।
कैंसर केयर पायलट एक तीन-स्तरीय मजबूत रेफरल मॉडल को अपनाता है और इसमें एक व्यापक श्रेणियां जैसे 30 वर्ष और इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग से लेकर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और क्लिनिकल स्टाफ की क्षमता में वृद्धि, फॉलो-अप और रेफरल प्रणालियों का एकीकरण, एनपी-एनसीडी पोर्टल के माध्यम से डिजिटल निगरानी, आशा, कम्युनिटी हेल्थ अधिकारियों और स्थानीय शासन ढाँचों के नेतृत्व में समुदायों की भागीदारी और जागरूकता अभियान शामिल हैं।
यह परियोजना इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव जैसे क्षेत्रों में डब्ल्यू.एच.ओ. इंडिया के साथ पंजाब के मजबूत सहयोग पर आधारित है और अब कैंसर जैसी गंभीर चुनौती को हल करने के लिए उस साझेदारी का विस्तार करता है। शुरुआती खोज और उपचार के पालन में वृद्धि करने के अलावा, इस पायलट परियोजना का उद्देश्य तीसरे दर्जे के अस्पतालों पर बोझ घटाना, कम्युनिटी-स्तरीय स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना और एक स्केलेबल मॉडल स्थापित करना है जो कैंसर की रोकथाम और उपचार में राष्ट्रीय और विश्वव्यापी रणनीतियाँ तैयार करता है।
इससे पहले डॉ. बलबीर सिंह ने स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइंस (एसटीजीज़) भी जारी किए, जो स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं और नीति निर्माताओं के लिए राज्य भर में समान, उच्च-गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप प्रदान करते हैं। एसटीजीज़ एम्स दिल्ली, पीजीआई, होमी भाभा, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के तकनीकी विशेषज्ञों और राज्य भर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं।
इस मौके पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, विशेष सचिव स्वास्थ्य-सह-एमडी एनएचएम घनश्याम थोरी, निदेशक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, एसपीओ एनपी-एनसीडी डॉ. गगनदीप सिंह ग्रोवर, प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. आशु, डॉ. अभिषेक कुंवर नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर (एनसीडी) डब्ल्यूएचओ - भारत, डॉ. आशीष भट्ट नेशनल एनसीडी ऑफिसर डब्ल्यूएचओ - भारत, डॉ. अभिषेक खन्ना नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर (स्वास्थ्य प्रमोशन और एसडीएच) डब्ल्यूएचओ - भारत भी मौजूद थे।
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ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा: ड्यूटी में लापरवाही पर जालंधर सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट समेत तीन डॉक्टर निलंबित, एक हाउस सर्जन बर्खास्त
— स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इस घटना को ‘अक्षम्य’ प्रशासनिक लापरवाही बताया
— जालंधर सिविल अस्पताल में चार ऑक्सीजन बैकअप स्रोत मौजूद थे, लेकिन स्टाफ दबाव की निगरानी में विफल रहा
— स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही के प्रति पंजाब सरकार की शून्य सहनशीलता नीति को दोहराया गया
चंडीगढ़, 30 जुलाई: जालंधर सिविल अस्पताल में हुई एक दुखद घटना का गंभीर संज्ञान लेते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज मेडिकल सुपरिटेंडेंट और सीनियर मेडिकल अफसर समेत तीन डॉक्टरों को निलंबित तथा एक हाउस सर्जन को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। इन अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आई, जिससे कई गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई।
निलंबित किए गए अधिकारियों में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राज कुमार, सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. सुरजीत सिंह, तथा ऑन ड्यूटी कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. सोनाक्षी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इन तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है, जिसके आधार पर यदि दोष सिद्ध हुआ, तो इन्हें सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में ये किसी भी सेवा लाभ के पात्र नहीं होंगे।
इसके साथ ही, ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही के चलते हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण रविवार शाम को ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे तीन गंभीर मरीजों की मौत हो गई।
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई, जबकि अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और चार ऑक्सीजन स्रोत उपलब्ध थे।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में दोहरी कंप्रेसर युक्त पी एस ए ऑक्सीजन प्लांट, 18-20 सिलेंडरों वाला मैनिफोल्ड सिस्टम, और एक तरल मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है, जो चार स्तरीय बैकअप प्रदान करता है। इसके बावजूद ऑक्सीजन प्रेशर में भारी गिरावट आना ड्यूटी स्टाफ की घोर गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अस्पताल में 49 इंटर्नल मेडिकल अफसर, 46 डी एन बी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मेडिकल अफसर हैं, जो प्रति बेड एक डॉक्टर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। फिर भी ड्यूटी में लापरवाही के कारण कीमती जानें चली गईं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हमेशा राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी है, और इन क्षेत्रों के लिए वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सरकारी अस्पतालों में आई सी यू, ऑपरेशन थिएटर और आपातकालीन वार्ड जैसी महत्वपूर्ण इकाइयों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति और बिजली बैकअप सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में 24&7 ऑक्सीजन उपलब्धता, 30 मिनट की बैकअप सुविधा वाले यू पी एस सिस्टम, और पूरी तरह कार्यशील जनरेटर सेट अनिवार्य होने चाहिए।
अंत में उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी लापरवाहियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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‘ युद्ध नशों विरुद्ध’: 151वें दिन पंजाब पुलिस ने 312 स्थानों पर की छापेमारी; 81 नशा तस्कर गिरफ्तार
* अभियान के दौरान 61 एफआईआर दर्ज, 337 ग्राम हेरोइन, 154 किलो भुक्की बरामद
* 'डी-एडिक्शन' पहल के तहत 88 व्यक्तियों को नशा मुक्ति उपचार हेतु किया गया प्रेरित
चंडीगढ़, 30 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य से नशों के पूर्ण खात्मे के लिए छेड़ी गई निर्णायक मुहिम " युद्ध नशों विरुद्ध" को आज लगातार 151वां दिन पूरा हुआ। इस अवसर पर पंजाब पुलिस ने राज्यभर में 312 स्थानों पर छापेमारी करते हुए 61 एफआईआर दर्ज कीं और 81 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इस प्रकार अब तक 151 दिनों में कुल गिरफ्तार किए गए नशा तस्करों की संख्या 23,942 हो चुकी है।
छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए तस्करों के कब्जे से 337 ग्राम हेरोइन, 154 किलो भुक्की और 7490 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।
यह व्यापक ऑपरेशन पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डी जी पी) गौरव यादव के निर्देशों पर राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहले ही पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के निर्देश दे चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी गठित की है, जो इस अभियान की निगरानी कर रही है।
स्पेशल डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि 68 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में 900 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 150 से ज्यादा पुलिस टीमों ने पूरे प्रदेश में छापेमारी की। उन्होंने आगे बताया कि इस दिनभर चले अभियान में पुलिस टीमों ने 343 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की।
स्पेशल डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ने नशों के खात्मे के लिए तीन स्तरीय रणनीति - प्रवर्तन (इन्फोर्समेंट), नशा मुक्ति (डी-एडिक्शन) और रोकथाम (प्रिवेंशन) - लागू की है। इसके अंतर्गत पंजाब पुलिस ने आज 88 व्यक्तियों को नशा मुक्ति व पुनर्वास उपचार हेतु प्रेरित किया।
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नागरिक-केंद्रित शासन को मजबूत करने के लिए एन.सी.जी.जी. टीम ने पंजाब पारदर्शिता आयोग का दौरा किया
एन.सी.जी.जी. के महानिदेशक ने डेटा-आधारित कार्यप्रणाली और जनसेवा सुधार पहलों के प्रति पंजाब के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की
चंडीगढ़, 30 जुलाई: गुड गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एन.सी.जी.जी.) के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग का दौरा किया। भारत के राइट टू सर्विस (आर.टी.एस.) कार्यान्वयन ढांचे को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के तहत एन.सी.जी.जी. के महानिदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार बागड़े, आई.ए.एस. के नेतृत्व में किए गए इस रणनीतिक जुड़ाव ने नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को उजागर किया है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य आयुक्त श्री वी.के. जंजुआ (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.), आयोग के सचिव डॉ. नयन जस्सल (पी.सी.एस.) और आयोग की गवर्नेंस फेलो सुश्री शिवानी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक नेताओं को एक मंच पर लाया गया। इस उच्च-स्तरीय बातचीत के दौरान बेहतर शासन प्रथाओं और संस्थागत मजबूती से संबंधित तंत्रों पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया गया।
यह बातचीत शासन के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर केंद्रित थी, जिनमें लंबित मामलों में व्यवस्थित कमी, शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना और मजबूत निगरानी और मूल्यांकन के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना शामिल है। ये पहलें प्रशासनिक आधुनिकीकरण और नागरिक सेवा सुविधाओं के लिए पंजाब के प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
डॉ. बागड़े ने बेहतर शासन परिणामों की प्राप्ति के लिए व्यवस्थित निगरानी ढांचे की ठोस क्षमता पर जोर दिया, विशेष रूप से सेवा वितरण में आने वाली बाधाओं को दूर करने संबंधी इसके सकारात्मक प्रभाव को उजागर किया।
एन.सी.जी.जी. के महानिदेशक ने विशेष रूप से डेटा-आधारित कार्यप्रणाली और व्यापक जनसेवा सुधार पहलों के प्रति पंजाब के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की।
श्री वी.के. जंजुआ ने पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों के प्रति राज्य सरकार के समर्पण को उजागर करते हुए पंजाब सरकार की उन आई.टी.-आधारित नवीन पहलों का विवरण दिया जो नागरिक सेवा पहुंच और संस्थागत जवाबदेही में क्रांति ला रही हैं। ये तकनीकी सुविधाएं कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह शासन ढांचे की ओर क्रांतिकारी बदलाव को दर्शाती हैं।
यह दौरा देश भर के राज्य आर.टी.एस. आयोगों तक एन.सी.जी.जी. के व्यापक पहुंच कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे नागरिक-केंद्रित शासन संबंधी बेहतर प्रथाओं को अपनाने और प्रशासनिक सुधारों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए तैयार किया गया है।
यह जुड़ाव केंद्रीय और राज्य संस्थाओं के बीच सहयोगात्मक ढांचे को मजबूत करता है, देश भर के शासन पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती के लिए जानकारी के आदान-प्रदान और शासन की बेहतर प्रथाओं को अपनाने की वकालत करता है।
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मीत हेयर ने संसद में उठाया दवाइयों की अधिक कीमतों का मुद्दा
एक जैसे रासायनिक संयोजन वाली दवाइयों की कीमतों की सीमा तय की जाए: मीत हेयर
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 30 जुलाई:संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में शून्य काल के दौरान दवाइयों की अधिक कीमतों का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि एक समान रासायनिक संरचना वाली दवाइयों की कीमतों की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाए।
मीत हेयर ने शून्य काल में स्वास्थ्य से जुड़ा एक अहम विषय उठाते हुए कहा कि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डी पी सी ओ ), 2013 के तहत कुछ आवश्यक दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण किया गया है, लेकिन जिन दवाइयों का उपयोग सबसे अधिक होता है, जैसे उच्च रक्तचाप और शुगर जैसी बीमारियों में दी जाने वाली दवाएं - उन पर कीमत नियंत्रण लागू नहीं है।
उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के इलाज के लिए एक जैसे रसायनिक घटकों वाली दवाएं कई कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन उनकी कीमतें अलग-अलग होती हैं। यही कारण है कि एक ही दवा 3 रुपये में बनती है, लेकिन कोई कंपनी उसे 10 रुपये में, तो कोई 50 रुपये में बेच रही है।
मीत हेयर ने कहा कि यह पूरे देश की एक साझी समस्या है, जहां दवाइयों की अत्यधिक कीमतों के चलते 300 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का मुनाफा कमाया जा रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि कम से कम एक समान रासायनिक संरचना वाली दवाइयों की अधिकतम कीमत तय की जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
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पंजाब सरकार द्वारा नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस संबंधी उच्च स्तरीय बैठक
1 करोड़ से ज्यदा संगत पहुंचेगी समागम में - हरजोत बैंस
लगातार 3 दिन होंगे उच्च स्तरीय धार्मिक समागम
सभी विभागों को मुश्तैदी व जिम्मेवारी से हर काम करने के दिए निर्देश- तरुनप्रीत सिंह सौंद
कश्मीर और प्रदेश के विभिन्न कोनों से चार धार्मिक यात्राएं श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेंगी- हरभजन सिंह ईटीओ
समागम को श्री आनंदपुर साहिब के सभी समूह नगर वासियों, व्यापार मंडल, अधिकारियों तथा सभी कौंसलिर अपना फर्ज समझते हुए व श्रद्धा के साथ बेहतर बनाए - दीपक बाली
चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब, 30 जुलाई: नौवें पातशाही, हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर पंजाब सरकार द्वारा चार धार्मिक यात्राएं और बड़े कार्यक्रम करवाने का फैसला लिया गया है। इन कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर आज विरासत-ए-खालसा में हुई पहली बैठक में पहुंचे पंजाब के कैबिनेट मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस (विधायक, श्री आनंदपुर साहिब), कैबिनेट मंत्री स. हरभजन सिंह ई.टी.ओ. और कैबिनेट मंत्री स. तरुनप्रीत सिंह सौंद व पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार दीपक बाली ने आयोजित किए जाने वाले धार्मिक कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उनके साथ पर्यटन विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली और पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. अभिनव त्रिखा भी मौजूद थे। उन्होंने जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्पूर्ण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी और संगतों की सुविधा हेतु किए जाने वाले प्रबंधों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि 19 नवम्बर को मुख्यमंत्री पंजाब स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई में श्रीनगर से श्री आनंदपुर साहिब के लिए चार दिवसीय धार्मिक यात्रा रवाना होगी और श्री आनंदपुर साहिब पहुंचने के उपरांत धार्मिक कार्यक्रमों के बाद यह यात्रा दिल्ली के लिए रवाना होगी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह गुरदासपुर से माझा-दोआबा यात्रा, मालवा से दो यात्राएं बठिंडा और फरीदकोट से श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होंगी जो प्रदेश के लगभग सभी जिलों और प्रमुख शहरों से होती हुई श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेंगी। इन यात्राओं में "मशाल-ए-शहादत", गुरु साहिब की जीवनी व शहादत से संबंधित पुस्तकालय, गतका, पंज निशानची, पंज प्यारे, कीर्तनी जत्थे, कश्मीरी पंडित और बड़ी संख्या में संगत सहित कश्मीरी प्रतिनिधि भी धार्मिक यात्रा में शामिल होंगे।
श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के बारे में हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि विरासत-ए-खालसा में 23 नवम्बर को श्री अखंड पाठ साहिब की आरंभता होगी, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान समेत देश-विदेश की प्रमुख हस्तियाँ और धार्मिक व्यक्तित्व हाजिरी लगाएंगे। इसी दिन विरासत-ए-खालसा में मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी की अद्वितीय शहादत को दर्शाती डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। इंसानियत और मानव अधिकारों के रक्षक नौवें पातशाह के शहीदी कार्यक्रमों के अवसर पर सर्वधर्म सम्मेलन करवाए जाएंगे, जिनमें सिख इतिहास की जानकारी रखने वाले बुद्धिजीवी विचार-चर्चा करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके उपरांत विरासत-ए-खालसा से एक गाइड टूर आयोजित किया जाएगा जो भाई जैता जी मेमोरियल और पंज प्यारा पार्क तक जाएगा, इस पार्क में कथा और कीर्तन दरबार सजाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 24 नवम्बर को एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा, इस पर भी विचार हो रहा है कि यह सत्र श्री आनंदपुर साहिब में बुलाया जाए। इस अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में "हेरिटेज वॉक" करवाई जाएगी, जिसमें श्री आनंदपुर साहिब के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि इस मौके पर निहंग सिंहों द्वारा "मोहल्ला खालसा" प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। गुरु साहिब के जीवन और शिक्षाओं से संबंधित कवि दरबार, ढ़ाढ़ी, कविशरी कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसी दिन पंज प्यारा पार्क में "लाइट एंड साउंड तथा ड्रोन शो" रोशनी और आवाज़ का कार्यक्रम करवाया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री स. हरभजन सिंह ई.टी.ओ. और स. तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि 25 नवम्बर को श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले जाएंगे, इस मौके विशेष तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान हाजिरी भरेंगे और वन विभाग द्वारा राज्य स्तरीय पौधारोपण मुहिम की शुरुआत मुख्यमंत्री करेंगे। इस मुहिम के दौरान 3.50 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
मंत्रीगण ने जानकारी साझा की कि इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तरीय रक्तदान शिविर और अंगदान के लिए शपथ दिलवाई जाएगी। इसी दिन मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा श्री आनंदपुर साहिब में "सरबत दा भला" एकजुटता समारोह रखा जाएगा, जिसमें देश-विदेश की प्रमुख हस्तियाँ, प्रमुख धार्मिक हस्तियाँ और संगतें शामिल होंगी।
मंत्रीगण ने बताया कि 25 नवम्बर की शाम 7 बजे मशाल-ए-शहादत की रोशनी में प्रदेश भर की सरकारी इमारतों को गुरु साहिब की शहादत को समर्पित करते हुए रोशन किया जाएगा, इसके लिए सम्पूर्ण संगत से भी अपील की जाएगी। यह कार्यक्रम सुचारू रूप से सम्पन्न हों, इसके लिए पंजाब सरकार द्वारा पहले ही उच्च स्तरीय बैठकें करके सम्पूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि आज श्री आनंदपुर साहिब में विस्तृत बैठक के उपरांत इन कार्यक्रमों को सुचारू रूप से सम्पन्न करने के लिए उन स्थानों पर भी बैठकें की जाएंगी, जहां गुरु साहिब ने अपना जीवन व्यतीत किया।
कैबिनेट मंत्रीगण ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब में आने वाली संगत की ठहरने के लिए टेंट सिटी और विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन हेतु आने-जाने के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब को आने वाली सभी सडक़ों की तुरंत मरम्मत शुरू की जाएगी, शहर को व्हाइट सिटी बनाने हेतु योजनाएं तैयार की जा चुकी हैं, विशेष सफाई मुहिम शुरू हो चुकी है और पंजाब सरकार की ओर से गुरु नगरी को बड़ी सौगातें दी जाएंगी।
इस अवसर पर एस.एस.पी. गुलनीत सिंह खुराना, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (वित्तीय) चंद्रज्योति सिंह, एस.पी. अरविंद मीणा, एडीसी (जनरल) पूजा सियाल गरेवा, जसप्रीत सिंह उपमंडल मजिस्ट्रेट श्री आनंदपुर साहिब, सचिन पाठक उपमंडल मजिस्ट्रेट नंगल, अजय सिंह डी.एस.पी. और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री की अगुवाई में मंत्रालय द्वारा ग्रामीण विकास ब्लॉकों के पुनर्गठन को हरी झंडी
प्रशासनिक दक्षता, ठोस योजना और विकास योजनाओं को सौ प्रतिशत लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
चंडीगढ़, 30 जुलाई: ग्रामीण क्षेत्रों में प्रबंधकीय व्यवस्था और सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए बड़े प्रशासनिक सुधार लाने के उद्देश्य से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने आज ग्रामीण विकास ब्लॉकों के पुनर्गठन को हरी झंडी दे दी है, ताकि इन ब्लॉकों को जिलों की सीमाओं के साथ जोड़ा जा सके। इस फैसले से प्रशासनिक दक्षता में व्यापक सुधार होगा।
इस बारे में फैसला आज यहां मुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई मंत्रिमंडल की बैठक दौरान लिया गया।
यह खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि विकास ब्लॉकों के अधिकार क्षेत्र को संबंधित जिला सीमाओं के अनुसार लाने के लिए पुनर्गठन किया गया है, जिससे संगरूर, मलेरकोटला, फाज़िल्का, फिरोज़पुर, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) और पटियाला जिलों को विशेष तौर पर लाभ होगा। इस पुनर्गठन का उद्देश्य ब्लॉक-स्तरीय और जिला-स्तरीय प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल को सुनिश्चित करना, ग्रामीण विकास योजनाओं की बेहतर योजना और विकास स्कीमों के लागूकरण को सुचारू बनाना, इसके अलावा प्रशासनिक कामों की अनावश्यक व्यवस्था (ओवरलैप) को खत्म करना है जो अकसर देरी और सुस्त कार्यप्रणाली के कारण बनते थे। पुनर्गठन की प्रक्रिया के समय मौजूदा प्रशासनिक सीमाओं और क्रियाशील ज़रूरतों की गहराई से जांच की गई है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि पुनर्गठन के समय सभी ज़रूरी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया गया है। इस कदम से राज्य सरकार का उद्देश्य जिला स्तर पर योजना और निगरानी विधियों को मजबूत करना, ब्लॉक और जिला-स्तरीय डेटा और निर्णय लेने की निर्बाध एकीकरण को समर्थ बनाना, नागरिकों और पंचायती राज संस्थाओं के लिए सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाना और केंद्र व राज्य आधारित ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की दक्षता में और सुधार करना है। पुनर्गठित किए गए विकास ब्लॉक सरकारी गजट में अधिसूचना प्रकाशित होने पर अमल में आ जाएंगे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि सभी भागीदारों, जिनमें फील्ड अफसर, चुने हुए प्रतिनिधि और आम जनता शामिल हैं, को समय-समय पर सूचित किया गया। इसी तरह अपडेट किए गए नक्शे और प्रशासनिक आदेश समय पर ग्रामीण विकास विभाग की अधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये सुधार पारदर्शी, जवाबदेह और शक्तियों के विकेंद्रीकरण वाले ग्रामीण शासन के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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मुख्यमंत्री का वन विभाग के 942 ठेका कर्मचारियों को बड़ा तोहफा; सेवाओं को स्थायी करने के नियुक्ति पत्र सौंपे
- पिछले एक दशक से अधिक समय से ठेके पर कर रहे थे काम
- विपक्ष की पंजाब विरोधी और जनविरोधी नीतियों की आलोचना
- लोगों की भलाई के लिए राज्य सरकार की ओर से की गई महत्वपूर्ण पहलें गिनाईं
चंडीगढ़, 30 जुलाई: वन विभाग में ठेके पर कार्यरत 942 कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी करने के लिए नियुक्ति पत्र सौंपकर आज एक बड़ा तोहफा दिया।
इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी करने और आवास निर्माण तथा शहरी विकास विभाग के उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि राज्य सरकार ने सभी कानूनी और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करते हुए इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी कर दिया है और इनके साथ जुड़ा 'ठेका' शब्द हमेशा के लिए हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी के कीमती साल सरकारी सेवा में देने वाले इन कर्मचारियों के नाम के साथ 'ठेका' शब्द को हमेशा के लिए हटाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करना है और राज्य सरकार की अथक कोशिशों के कारण ही आज यह शुभ दिन आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी का पक्ष लेना नहीं है, बल्कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह लोगों और राज्य की सेवा करे और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लोगों ने उन्हें सेवा का अवसर देकर सम्मान दिया है और वे इस भरोसे को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के सर्वांगीण विकास और लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने अपने शासनकाल के अंत में कुछ रियायतें देकर लोगों को मूर्ख बनाया, लेकिन उनकी सरकार ने पहले दिन से ही लोगों की समस्याओं को कम करने पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेता अपने शासनकाल में लोगों को लूटते रहे और उन्होंने कभी भी लोगों की भलाई की परवाह नहीं की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार पहले दिन से ही लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग पंजाब के वारिस होने का दावा करते थे, वे पंजाबी भाषा में एक भी शब्द नहीं लिख सकते क्योंकि कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़े ये नेता राज्य और इसके लोगों से पूरी तरह कटे हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सनावर और दून स्कूलों से पढ़े इन नेताओं का पंजाबी में हाथ तंग है, जिस कारण वे लोगों से जुडऩे में असहज हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने शिक्षा क्षेत्र को नजरअंदाज किया, जिसके कारण लोगों ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और नए लोगों के राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचा उनकी सरकार के पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और इनके विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार उनकी सरकार सभी वर्गों की भलाई की बात करती है, जबकि पिछली सरकारों की प्राथमिकताएं कुछ और थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों की भलाई के बजाय पिछली सरकारों के नेता अपने परिवारों की भलाई और राज्य के खजाने को लूटने के लिए अधिक चिंतित थे।
विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने आम आदमी को नजरअंदाज करके केवल अपने परिवारों के लिए पंजाबियों का पैसा बेरहमी से लूटा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार राज्य और लोगों की भलाई के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं और यह अपने आप में एक इतिहास है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक पार्टियां उनसे इस बात पर जलन करती हैं क्योंकि वे यह बात हजम नहीं कर पा रही हैं कि एक आम आदमी का बेटा राज्य को प्रभावी ढंग से कैसे चला रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक दलों की जनविरोधी और पंजाब विरोधी नीतियों के कारण लोगों का इन दलों से विश्वास उठ गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के समझदार और बहादुर लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनावों में इन पार्टियों को बाहर का रास्ता दिखाया और 'आप' को भारी बहुमत दिया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लोगों की भलाई की कभी चिंता नहीं की और ज्यादातर केवल अपनी भलाई के लिए चिंतित रहे।
'युद्ध नशे के विरुद्ध' के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई यह मुहिम शानदार परिणाम दे रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस घिनौने काम में शामिल बड़ी मछलियों को देखना चाहते हैं, वे नाभा जेल का दौरा कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, बल्कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने ड्रग माफिया को संरक्षण दिया, लेकिन उनकी सरकार ने नशों के खिलाफ युद्ध छेड़ा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य से नशों के खात्मे के लिए बहुत बारीकी से योजना बनाई गई है और अब नशों के खिलाफ बड़े पैमाने पर जंग शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि नशों की सप्लाई लाइनों को तोडऩे के अलावा, राज्य सरकार ने इस घिनौने अपराध में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला है। उन्होंने कहा कि अब तस्करों की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह काम लोगों के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने नाभा जेल में बंद नशों के कारोबार के सरगना के मानवाधिकारों की चिंता जताने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए ऐसी चिंता क्यों नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि इससे इन नेताओं का असली चेहरा उजागर हुआ है, जिन्होंने पूरे राज्य में नशों के कारोबार को फैलाया और इसका संरक्षण किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कैप्टन के भतीजे ने अकाली सरकार के दौरान मंत्री रहते हुए नशों का कारोबार शुरू किया और यह कारोबार कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अब भाजपा में हैं, के कार्यकाल में फला-फूला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तब नहरी पानी का 21 प्रतिशत सिंचाई के लिए उपयोग होता था, लेकिन आज यह आंकड़ा 63 प्रतिशत पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की बेमिसाल कोशिशों से पहली बार नहरों और नदियों का पानी राज्य के अंतिम छोर पर बसे गांवों तक पहुंचा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब का पानी अन्य राज्यों को जाने से रोका है।
एक अन्य कल्याणकारी योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में पहली बार किसी राज्य द्वारा शुरू की गई 'मुख्यमंत्री सेहत योजना' के तहत पंजाब के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। उन्होंने गर्व से कहा कि पहली बार कोई राज्य ऐसी अनूठी योजना लेकर आया है, जिससे लोगों पर वित्तीय बोझ कम होगा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की धरती को उपजाऊ जमीन और मनमोहक वनस्पति का वरदान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि पठानकोट जिले में चमरौड़ पत्तन जैसी खूबसूरत जगहें हैं, जिन्हें 'मिनी गोवा' के रूप में जाना जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में अनमोल प्राकृतिक संसाधनों का सौभाग्य है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना समय की जरूरत है, जिससे लोगों का जीवन संवारा जा सकता है। उन्होंने दुख के साथ कहा कि पिछली सरकारों की अक्षमता के कारण पंजाब को विकास, विशेषकर पर्यटन क्षेत्र में, अनदेखा किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए बड़े पैमाने पर आकर्षित कर सकती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पर्यटकों के लिए कई स्थानों को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के युवाओं में वतन वापसी का रुझान देखा जा रहा है और हमारे युवा नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार का एकमात्र एजेंडा युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर उन्हें अधिक अधिकार देना है। उन्होंने कहा कि इससे युवा देश और राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में बराबर के भागीदार बनेंगे।
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पंजाब में भीख मांग रहे बच्चों की ज़िंदगी बदल रही है - प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0 के परिणाम सामने आ रहे हैं: डॉ. बलजीत कौर
16 ज़िलों में छापेमारी, सिर्फ़ 2 बच्चे मिले भीख मांगते - राज्यव्यापी मुहिम हो रही प्रभावशाली
डी.एन.ए. टेस्टिंग, एफ.आई.आर. और अभिभावकों को चेतावनी - डॉ. बलजीत कौर ने दिया सख़्त संदेश
चंडीगढ़, 30 जुलाई: भीख मांग रहे बच्चों की ज़िंदगी को सडक़ों से सुरक्षित, शिक्षा और आत्मनिर्भर जीवन की ओर ले जाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0 मुहिम ऐसे परिणाम दे रही है जो राज्य में हो रहे सामाजिक बदलाव को दर्शाते हैं। यह खुलासा सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने किया।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 245 विशेष छापेमारी अभियानों के दौरान 214 भीख मांग रहे बच्चों को बचाया गया, जिनमें से 106 बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है। ये परिणाम राज्य सरकार की इस मुहिम के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मंत्री ने बताया कि ताज़ा कार्रवाई के अंतर्गत राज्य के 16 ज़िलों में 16 विशेष छापे मारे गए, जिनमें से केवल 2 बच्चे ही भीख मांगते हुए पाए गए - एक बरनाला और एक संगरूर ज़िले से। दस्तावेज़ी जांच के बाद इन बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया। यह दर्शाता है कि मुहिम उद्देश्य की ओर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अब तक कुल 16 बच्चों की डी.एन.ए. टेस्टिंग हेतु पहचान हो चुकी है, जिनमें से 15 बच्चों के लिए दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 13 बच्चों के डी.एन.ए. परीक्षण हेतु नमूने लिए जा चुके हैं। इसके अलावा, अमृतसर और गुरदासपुर ज़िलों में 1-1 और बठिंडा में 2 अभिभावकों के विरुद्ध (कुल 4) एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यह केवल एक कार्रवाई नहीं, बल्कि राज्य के हर बच्चे को सुरक्षा और भविष्य देने की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी बच्चे को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया, तो उसके विरुद्ध सख़्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं और जनता से अपील की कि वे भीख जैसी बुरी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी बच्चा भीख मांगने के लिए मजबूर न हो - हर बच्चा सुरक्षित, शिक्षित और आत्मनिर्भर बने, यही हमारा संकल्प है।"
मंत्री ने आम लोगों से अपील की कि यदि वे किसी बच्चे को भीख मांगते देखें, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें, ताकि उस बच्चे को एक सुरक्षित जीवन की ओर वापस लाया जा सके।
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नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा कार्यालयों में डिजिटल उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत
* रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं के कार्यालयों और प्रमुख सहकारी संस्थाओं के सभी दफ्तरों में उपस्थिति दर्ज करने के लिए एमसेवा ऐप का उपयोग किया जाएगा
चंडीगढ़, 30 जुलाई: राज्य के नागरिकों को और अधिक प्रभावी ढंग से सेवाएं प्रदान करने और कर्मचारियों की कार्य-कुशलता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं के कार्यालयों और प्रमुख सहकारी संस्थाओं के सभी कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए उपस्थिति दर्ज करने हेतु "एमसेवा ऐप" के उपयोग की शुरुआत की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए आज यहां रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं, पंजाब श्री गिरीश दयालन ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य स्टाफ की कार्यालय में उपस्थिति के समय की निगरानी करना, अनियमितताओं को दूर करना और अच्छे प्रशासन के लिए संसाधनों के उचित वितरण को सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि एमसेवा ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का यह पायलट ट्रायल 1 अगस्त 2025 से एक महीने की अवधि के लिए शुरू होगा, और इस परीक्षण चरण के दौरान सुगम ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों की भागीदारी आवश्यक होगी। उन्होंने आगे कहा कि सफल ऑनबोर्डिंग और ट्रायल रन के पश्चात यह उपस्थिति प्रणाली 1 सितंबर 2025 से पूरी तरह लागू कर दी जाएगी।
श्री दयालन ने कहा कि सुधारित प्रशासन और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस पहल के कार्यान्वयन में आवश्यक सहयोग और सहायता प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार तकनीक के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति की ट्रैकिंग द्वारा उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे नागरिकों को बेहतर ढंग से सेवा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
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ईसीआई द्वारा बीएलओ और सुपरवाइजऱों के लिए मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा
यह ऐतिहासिक फैसला बीएलओज़ के हितों की भलाई को सुनिश्चित करेगा: सिबिन सी
चंडीगढ़, 30 जुलाई: भारत के चुनाव आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओज़) और बीएलओ सुपरवाइजऱों के लिए न्यूनतम वार्षिक मानदेय में बढ़ोतरी संबंधी 24 जुलाई, 2025 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। इस कदम को ज़मीनी स्तर पर चुनावी अमले को मज़बूती देने और बीएलओज़ (फुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इलेक्शन कमीशन) के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने संबंधी लिए गए अहम फैसले के रूप में देखा जा रहा है।
अधिसूचना के अनुसार वर्ष 2025 से प्रभावी:
बी.एल.ओ. को अब न्यूनतम वार्षिक मानदेय 12,000 रुपये मिलेगा, जो पहले 6,000 रुपये था।
बी.एल.ओ. सुपरवाइजऱों को अब न्यूनतम वार्षिक मानदेय 18,000 रुपये मिलेगा, जो पहले 12,000 रुपये था।
मतदाता सूचियों की विशेष शुद्धि या अन्य विशेष चुनाव अभियानों में भाग लेने वाले बी.एल.ओ. को 2,000 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसके लिए पहले 1,000 रुपये दिए जाते थे।
इस फैसले का स्वागत करते हुए पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री सिबिन सी ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग की यह प्रगतिशील पहल बूथ लेवल अधिकारियों, जो हमारी चुनाव प्रणाली के अग्रणी कार्यकर्ता हैं, को प्रेरित करने और सशक्त बनाने में और अधिक सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि बीएलओज़ मतदाताओं और चुनाव आयोग के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं और वे मतदाता सूची की एकरूपता बनाए रखने, घर-घर जाकर सत्यापन करने और मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की अहम ज़िम्मेदारी निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मानदेय में यह बढ़ोतरी करके ईसीआई ने उनके योगदान और प्रतिबद्धता को मान्यता दी है। उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में एक ऐतिहासिक फैसला है, जो पंजाब में चुनाव प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता, जवाबदेही और कुशलता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
श्री सिबिन सी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि चुनाव कार्यालय, मुख्य चुनाव अधिकारी, पंजाब सभी फील्ड स्तर के अधिकारियों की भलाई और क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मानदेय संबंधी संशोधित ढांचे का पालन और इसके समय पर क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर के सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ यह जानकारी साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह सुधार मात्र एक बढ़ोतरी नहीं, बल्कि चुनाव अमले के मनोबल को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है, जो चुनावों को और अधिक समावेशी, भरोसेमंद और पेशेवर रूप से संचालित बनाने के लिए चुनाव आयोग के लगातार प्रयासों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बीएलओज़ की भलाई के लिए यह फैसला आगामी चुनावी प्रक्रियाओं के लिए एक मज़बूत आधार रखेगा, जिनमें विशेष इंटेंसिव रिवीजऩ और भविष्य की चुनाव तैयारियाँ शामिल हैं।
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कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा द्वारा सीआईआई कार्यक्रम में उद्योगपतियों से भेंट, नीति कार्यान्वयन को और अधिक मजबूत करने के लिए उद्योग जगत को उनके फीडबैक और सहयोग के लिए किया आमंत्रित
अरोड़ा ने उद्योगपतियों को उद्योग नीति में उनके बहुमूल्य सुझावों को शामिल करने का दिया भरोसा
चंडीगढ़, 30 जुलाई 2025: कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) पंजाब ने आज पंजाब सरकार के उद्योग, वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन और एनआरआई मामलों संबंधी मंत्री श्री संजीव अरोड़ा के साथ सीआईआई उत्तर क्षेत्रीय मुख्यालय, चंडीगढ़ में एक उच्च स्तरीय संवाद सत्र आयोजित किया। इस सत्र में प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
कैबिनेट मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने अपने मुख्य भाषण के दौरान पंजाब में एक प्रगतिशील औद्योगिक माहौल को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और नीति कार्यान्वयन को और अधिक मजबूत बनाने हेतु उद्योग जगत से उनके फीडबैक और सहयोग की अपील की। मंत्री ने कहा कि हम पंजाब को एक अग्रणी निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए उद्योग क्षेत्र के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
संजीव अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में कारोबार हेतु अनुकूल वातावरण सृजित करने पर ध्यान दिया जा रहा है और निवेशक इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर विश्वास जता रहे हैं। उद्योगपतियों ने पंजाब सरकार की औद्योगिक नीति में और सुधार करने तथा व्यापार को सरल बनाने के लिए सेक्टोरल विशेष समितियों के गठन के निर्णय की सराहना की। उद्योग जगत ने सरकार द्वारा पहले लिए गए निर्णयों जैसे "वन टाइम सेटलमेंट स्कीम" और "लीज़होल्ड से फ्रीहोल्ड इंडस्ट्रियल प्लॉट्स" आदि की भी प्रशंसा की तथा पंजाब में एयर कार्गो सुविधा स्थापित करने की मांग भी रखी।
संजीव अरोड़ा ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि वे राज्य में एयर कार्गो सुविधा खोलने के लिए आवश्यक प्रयास करेंगे।
एक सवाल के उत्तर में संजीव अरोड़ा ने कहा कि नगर निगम की सीमा के बाहर स्थित इमारतों के लिए पृथक सक्षम प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि फैक्टरी विभाग द्वारा पूर्ण संरचनात्मक जांच के बाद जारी किया गया "स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट" इस उद्देश्य की पूर्ति करता है और इसे वैध माना जाना चाहिए। राज्य सरकार इस विषय पर विचार करने के लिए सहमत है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार मोहाली, लुधियाना और अमृतसर में कन्वेंशन सेंटर विकसित करने की प्रक्रिया में है और एक ऑनलाइन सीआरओ प्रणाली शुरू की है, जो 15 कार्य दिवसों के भीतर सेवा प्रदान करेगी।
सीआईआई पंजाब के चेयरमैन एवं शिंगोरा टेक्सटाइल्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक श्री अमित जैन ने अतिथियों का स्वागत किया और उद्योग-सरकार संवाद को सुचारू बनाने में सीआईआई की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस सत्र में इनवेस्ट पंजाब के सीईओ श्री अमित ढाका ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और कारोबार को सुगम बनाने हेतु सरकार की मौजूदा पहलों को साझा किया।
इसके पश्चात आयोजित "ओपन हाउस" सत्र ने उपस्थित सदस्यों को मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीधे अपने सुझाव, चुनौतियाँ और विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया। सदस्यों ने सुझाव दिया कि औद्योगिक नीति के तहत "लेबर कॉलोनियों" को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया जाए।
इस कार्यक्रम का समापन हरप्रीत सिंह निब्बर, वाइस चेयरमैन सीआईआई पंजाब और सी एम डी प्रीतिका इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के सीएमडी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसके उपरांत दोपहर भोज का आयोजन किया गया।
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डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए पंजाब ने करवाई 22.26 लाख कृत्रिम गर्भधारण प्रक्रियाएं; 3.75 लाख सेक्स्ड सीमेन डोज़ की खरीदी: खु़ड्डियाँ
* पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को पशुओं में बीमारियों की रोकथाम हेतु समय पर टीकाकरण कार्यक्रम लागू करने के निर्देश दिए
* पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने और पशुपालकों की खुशहाली के लिए नवाचारी उपायों पर मंथन हेतु आयोजित हुआ सेमिनार
चंडीगढ़, 30 जुलाई:पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खु़ड्डियाँ ने बताया कि डेयरी फार्मिंग सेक्टर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पंजाब के पशुपालन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 22.26 लाख कृत्रिम गर्भधारण करवाकर महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, जिसमें 18.50 लाख सीमेन स्ट्रॉ (गायों के लिए 6.47 लाख और भैंसों के लिए 12.03 लाख) का उत्पादन भी शामिल है।
आज यहां किसान भवन में "पशुओं के पालन-पोषण, बार-बार प्रजनन और बीमारी नियंत्रण हेतु नवाचारी दृष्टिकोण" विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए स खु़ड्डियाँ ने कहा कि उच्च आनुवंशिक क्षमता वाली बछियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए 3.75 लाख फ्रोजऩ सेक्स्ड सीमेन की खरीद की गई है, ताकि आवारा पशुओं की संख्या में कमी लाई जा सके और किसानों पर कट्टों और बछड़ों के पालन-पोषण का बोझ घटाया जा सके। साथ ही, उच्च गुणवत्ता वाले गाय सीमेन की कमी को पूरा करने के लिए 3.38 लाख सीमेन डोज़ भी खरीदे गए हैं।
स खु़ड्डियाँ ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भधारण के माध्यम से पशुधन की उत्पादकता बढ़ाई जाए और पशुओं में बीमारियों की रोकथाम हेतु समय पर टीकाकरण कार्यक्रम भी लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बेहतर पशुपालन तकनीकों के जरिए पशुपालकों को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। विभाग लगातार पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने, बीमारियों के प्रकोप को कम करने और किसानों की आमदनी में इजाफा करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी ने इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसमें गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज़ यूनिवर्सिटी, लुधियाना के विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों द्वारा पशु उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की उन्नति हेतु नवाचारी समाधानों पर चर्चा की गई। उन्होंने विभागीय फील्ड स्टाफ को यह भी निर्देश दिए कि पशुओं को समय पर पशुचिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं ताकि किसानों को अपने पशुओं के इलाज के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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पिछली राज्य सरकारों की ओर से बीबीएमबी में पंजाब के हितों की अनदेखी के कारण हुईं अनियमितताएँ: हरपाल सिंह चीमा
पंजाब ने हरियाणा से 113.24 करोड़ रुपये की बकाया राशि की की मांग
बीबीएमबी को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पंजाब पुलिस की क्षमताओं पर फिर जताया भरोसा
चंडीगढ़, 30 जुलाई: पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां घोषणा की कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में अन्य भागीदार राज्यों द्वारा लंबे समय से बकाया राशि की वसूली के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि बीबीएमबी में पंजाब के हितों की लगातार अनदेखी के चलते अन्य राज्यों को उनके निर्धारित हिस्से से अधिक पानी प्राप्त करने और समय पर देनदारियों का भुगतान न करने की खुली छूट मिल गई।
पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने जिन राज्यों पर बकाया है, उनके समक्ष ये गंभीर मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने बताया कि बीबीएमबी से संबंधित पंजाब की जो देनदारी लंबे समय से लंबित थी, वह कुल 113.24 करोड़ रुपये है और अब इसे आधिकारिक रूप से निपटारे के लिए हरियाणा सरकार को भेज दिया गया है।
वित्त मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि संबंधित पंजाब अधिकारियों द्वारा की गई समीक्षा प्रक्रिया में इन बकाया राशियों की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि इस बकाया राशि में एक्सईएन बीएमएल नहर डिवीजन, पटियाला को 103.92 करोड़ रुपये और मानसा कनाल डिवीजन, जवाहरके को 9.32 करोड़ रुपये की राशि शामिल है, जो भाखड़ा प्रणाली की साझी कैरियर चैनलों के संचालन और रखरखाव पर हुए वास्तविक खर्चों की अदायगी से संबंधित हैं।
बीबीएमबी की संपत्तियों की सुरक्षा हेतु केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी आई एस एफ ) की तैनाती के लिए बीबीएमबी द्वारा की गई मांग संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने दोहराया कि पंजाब विधानसभा, जो राज्य के तीन करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती है, ने सर्वसम्मति से इस कदम का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव केंद्र और बीबीएमबी दोनों को भेजा गया है, जिसमें बीबीएमबी की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस की क्षमताओं पर पूर्ण भरोसा जताया गया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अब तक किसी भी असामाजिक तत्व द्वारा पंजाब पुलिस द्वारा बीबीएमबी को प्रदान किए गए सुरक्षा घेरों का उल्लंघन नहीं किया जा सका है।
बीबीएमबी से जुड़े लंबित मुद्दों के समाधान को लेकर पंजाब सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से दृढ़ है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने यह सक्रिय रुख पंजाब और उसके नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हेतु एक मज़बूत प्रहरी की भूमिका निभाने के उद्देश्य से अपनाया है।
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डॉ. रवजोत सिंह द्वारा ड्यूटी में लापरवाही करने पर जूनियर इंजीनियर और सैनेटरी इंस्पेक्टर को निलंबित करने के आदेश
कचरा उठाने की कार्यप्रणाली में ढिलाई और अव्यवस्था के कारण कार्यवाहक अधिकारी, मोरिंडा परविंदर सिंह भट्टी का तबादला किया गया
चंडीगढ़ / मोरिंडा, 30 जुलाई: मोरिंडा नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर नरेश कुमार और सैनेटरी इंस्पेक्टर वरिंदर सिंह द्वारा ड्यूटी में लापरवाही करने और नागरिकों से मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
आज सुबह मंत्री ने विधायक डॉ. चरणजीत सिंह की मौजूदगी में वार्ड नंबर 5 और 6, चुन्नी रोड के पास रेस्ट हाउस, वार्ड नंबर 13, 14, 15, पुराना बस्सी रोड और शिव नंदा स्कूल रोड का अचानक दौरा किया। दौरे के दौरान यह देखा गया कि घरों का कचरा बड़ी मात्रा में हर वार्ड में इधर-उधर बिखरा पड़ा है और कचरा एकत्र करने की प्रणाली पूरी तरह से असफल है।
स्थानीय निकाय मंत्री ने नगर परिषद की ढीली कार्यप्रणाली और सफाई व्यवस्था में लापरवाही को ध्यान में रखते हुए मोरिंडा नगर परिषद के कार्यवाहक अधिकारी परविंदर सिंह भट्टी को तुरंत तबादला करके किसी अन्य स्थान पर तैनात करने के आदेश दिए।
इस मौके पर वार्ड नंबर 5 और 6 के निवासियों द्वारा क्षेत्र में लंबे समय से बंद सीवरेज के पानी की निकासी प्रणाली की शिकायत की गई, जो सडक़ों और घरों को लगातार नुकसान पहुंचा रही थी।
कैबिनेट मंत्री ने सीवरेज बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर राजीव कपूर को एक महीने के भीतर सभी रुकी हुई पाइप लाइनों को साफ करने के आदेश दिए और कहा कि वह एक महीने बाद दोबारा इस क्षेत्र का दौरा कर कार्यप्रणाली की समीक्षा करेंगे।
इस मौके पर ए.डी.सी. (शहरी) पूजा स्याल ग्रेवाल, एस.डी.एम. मोरिंडा सुखपाल सिंह, मोरिंडा के आप पार्टी के शहरी प्रधान नवदीप सिंह टोनी, जगतार सिंह, निर्मलप्रीत महिरवान, विवेक शर्मा, मनजीत कौर और जगदेव सिंह बिट्टू भी मौजूद थे।