अमृतसर में छह अत्याधुनिक पिस्तौलों सहित पाँच व्यक्ति गिरफ़्तार
पाकिस्तान-आधारित तस्कर राणा के निर्देशों के तहत काम कर रहे थे गिरफ़्तार किये मुलजिम: डीजीपी गौरव यादव
राज्य में अपराधियों और गैंगस्टरों को स्पलाई किये जाने थे बरामद किये हथियार
चंडीगढ़/ अमृतसर, 1 अगस्त: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम के दौरान बड़ी ख़ुफिय़ा जानकारी पर कार्यवाही करते हुये काउन्टर इंटेलिजेंस (सीआइ) अमृतसर ने पाकिस्तान के साथ संबंधों वाले एक ग़ैर- कानूनी हथियार तस्करी माड्यूल का पर्दाफाश किया और इसके पाँच गुर्गों को छह आधुनिक पिस्तौलों सहित गिरफ़्तार किया है। यह जानकारी डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने शुक्रवार को यहाँ दी।
गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान जगरूप सिंह निवासी धुन (तरनतारन), नवदीप सिंह निवासी पत्ती लोहियां (तरनतारन), अरशदीप सिंह निवासी शालीवाल (अमृतसर), गुरलाल सिंह निवासी राजोके (तरनतारन) और जोबन सिंह निवासी पत्ती माना की (तरनतारन) के तौर पर हुई है। जानकारी अनुसार गिरफ़्तार किये गए मुलजिम जगरूप सिंह और नवदीप सिंह आदतन अपराधी है और उनके विरुद्ध हथियार एक्ट और एनडीपीएस एक्ट से सम्बन्धित मामले दर्ज हैं।
बरामद किये गए हथियारों में चार 9 एमएम गलौक पिस्तौलों और दो .30 बोर पिस्तौलों सहित मैगज़ीन और जि़ंदा कारतूस शामिल हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिम पाकिस्तान स्थित तस्कर राणा के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जो सरहद पार से ग़ैर-कानूनी हथियारों की खेप भेजता था। उन्होंने कहा कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिम पंजाब में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपराधियों और गैंगस्टरों को हथियार स्पलाई करते थे जिससे सरहदी राज्य की शान्ति भंग किया जा सके।
डीजीपी ने कहा कि सी. आई. अमृतसर की टीमों को तरनतारन और अमृतसर जिलों के अधिकार क्षेत्र में पड़ते भारत- पाकिस्तान सरहदी क्षेत्रों से हथियारों की खेप प्राप्त होने बारे पुख़ता ख़ुफिय़ा सूचना मिली थी। इस पर मुस्तैदी के साथ कार्यवाही करते हुए, पुलिस टीमों ने अमृतसर- भिक्खीविंड रोड पर स्थित बस स्टाप पंजवड़ के नज़दीक पाँच से अधिक व्यक्तियों को तब रोका, जब वह (मुलजिम) उन गैंगस्टरों का इन्तज़ार कर रहे थे, जिनको खेप आगे पहुंचाई जानी थी। डीजीपी ने बताया कि कार्यवाही के दौरान उक्त मुलजिमों के कब्ज़े में से ग़ैर-कानूनी हथियार बरामद किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि नैटवर्क के अगले-पिछले संबंधों का पता लगाने के लिए आगे जांच की जा रही है।
इस सम्बन्धी आर्मज़ एक्ट की धारा 25, 25(1) (ए) और 25(1) (बी) और बीएनएस की धारा 61(2) के अंतर्गत एफआईआर नंबर 42 तारीख़ 01- 08- 2025 को पुलिस स्टेशन स्टेट स्पैशल आपरेशन सैल, अमृतसर में केस दर्ज किया गया है।
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राज्य-स्तरीय समीक्षा मीटिंग में सहकारी सभाओं के पुर्नोद्धार के लिए रोडमैप किया तैयार
सोसायटियों को गोद लेने की शुरुआत की; कम्प्यूटरीकरण में लाई जायेगी तेज़ी; ऑडिट और अर्ध-न्यायिक जवाबदेही पर दिया ज़ोर
चंडीगढ़, 1 अगस्त: मुख्यमंत्री, पंजाब के आदेशों पर सहकारी सभाएं, पंजाब के रजिस्ट्रार श्री गिरिश दयालन, आईएएस की अध्यक्षता में आज सहकारिता विभाग की राज्य-स्तरीय समीक्षा मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग में मुख्य ऑडिटर सहकारी सभाएं, ज्वाइंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और राज्य भर के सीनियर अधिकारियों ने शिरकत की। इस मौके पर रजिस्ट्रार ने क्षेत्रीय स्तर के नतीजे हासिल करने के लिए समय- बद्ध, लक्षित कारगुज़ारी और व्यक्तिगत जवाबदेही की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मीटिंग के दौरान यह भी ऐलान किया गया कि अब से हर महीने की पहली तारीख को अनिवार्य रूप से ऐसी समीक्षा मीटिंगें करवाई जाएंगी।
मीटिंग के दौरान की गई बड़ी पहलकदमी फील्ड अफसरों की तरफ से घाटे में जाने वाली या बुरी कारगुज़ारी वाली सहकारी सभाओं को गोद लेना था। इस नये ढांचे के अंतर्गत, सभी इंस्पेक्टरों को उनके तैनाती स्थान के नज़दीक एक सोसायटी सौंपी जायेगी जिससे वह बिना सचिव वाली 800 सोसायटियों को गोद ले सकें और उनका समर्थन कर सकें। इसके इलावा, हरेक ज्वाइंट रजिस्ट्रार की तरफ से कम से कम एक सोसायटी गोद ली जायेगी जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार की तरफ से दो और सहायक रजिस्ट्रार की तरफ से तीन सोसायटियों को गोद लिया जायेगा। अधिकारियों से उम्मीद की जायेगी कि वह अपनी गोद ली गई सोसायटियों की देख-रेख करेंगे, सहयोग देंगे और कारगुज़ारी की निगरानी को यकीनी बनाऐंगे। इस कदम का मकसद सीधी जि़म्मेदारी स्थापित करना और ज़मीनी स्तर पर सुचारू सुधार यकीनी बनाना है।
पीएसीएस कम्प्यूटरीकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुये रजिस्ट्रार ने रोज़मर्रा की निगरानी के ज़रिये प्रोजैक्ट में तेज़ी लाने के निर्देश जारी किये। उन्होंने बताया कि पाँच अतिरिक्त रजिस्ट्रारों को जि़लेवार निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि अतिरिक्त रजिस्ट्रार (हैडक्वाटर) तालमेल की निगरानी करेंगे और साप्ताहिक प्रगति रिपोर्टें पेश करेंगे। जि़ला-स्तरीय नोडल अफसरों की नियुक्ति लाजि़मी की गई है, और कम्प्यूटरीकरण प्रक्रिया में किसी भी विरोध या रुकावट के विरुद्ध सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। रजिस्ट्रार ने कहा कि पारदर्शिता, कुशलता और वित्तीय अनुशासन को यकीनी बनाने के लिए सहकारी सभाओं का मुकम्मल डिजिटल परिवर्तन बेहद ज़रूरी है।
मीटिंग में ऑडिट सम्बन्धी जवाबदेही को और मज़बूत करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सभी फील्ड अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमाओं के अंदर आडिट निरीक्षण की 100 प्रतिशत पालना को यकीनी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह स्पष्ट तौर पर कहा गया कि आडिट संबंधी त्रुटियों को जायज़ ठहराने के लिए पोस्ट-फैकटो ‘विशेष रिपोर्टें’ अब स्वीकार नहीं की जाएंगी। जिन अधिकारियों ने पहले जिन मामलों में त्रुटि रहित रिपोर्टें जारी की थीं और बाद में जहाँ धोखाधड़ी होने का पता लगा था, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
मीटिंग के दौरान बताया गया कि अर्ध-न्यायिक कार्यवाहियों और अदालती मामलों के लिए एक व्यापक समीक्षा तंत्र भी बनाया गया था। यह निर्देश दिया गया था कि आर्डर की सभी प्रमाणित कापियां घोषणा के सात दिनों के अंदर जारी की जानी चाहिएं और लम्बित मामलों की साप्ताहिक समीक्षा डिप्टी रजिस्ट्रारों द्वारा की जानी चाहिए। धोखाधड़ी के इरादे या अधिकार क्षेत्र में दखलअन्दाज़ी से पास किये गए हरेक आर्डर की प्रशासनिक स्तर पर जांच की जायेगी, और उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
रजिस्ट्रार ने पीएसीएस में स्टाफ की कमी के मुद्दे को भी उजागर किया और सचिव के पदों को तर्कसंगत बनाने के निर्देश दिए, जिसमें स्पष्ट साप्ताहिक समय-सारणी और आने-जाने के खर्चों की अदायगी के लिए प्रस्तावित सहायता शामिल हो। खाद इंडेंट भी पीएसीएस मैंबरशिप और ज़मीनी होलडिंग पर असली-समय के डेटा के आधार पर किये जाने हैं, जिसमें निष्पक्ष वितरण को यकीनी बनाने के लिए बंद पड़ीं सोसायटियों को औपचारिक तौर पर कार्यशील सोसायटियों के साथ जोड़ा जाना है। सभी डीआरज़ को एक हफ़्ते के अंदर पूरा जि़ला- स्तरीय डेटा जमा कराने का काम सौंपा गया है।
व्यापक प्रशासनिक सुधारों के हिस्से के तौर पर रजिस्ट्रार ने समूचे पत्र व्यवहार के लिए ईआफिस और अधिकारित श्चह्वठ्ठद्भड्डड्ढ.द्दश1.द्बठ्ठ ईमेल खातों के अनिवार्य प्रयोग पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि कागज़ी दस्तावेज़ भेजने की रिवायत को घटाया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अधीन आती सहकारी सभाओं के साथ मासिक मीटिंगें करें और उचित ढंग से दर्ज की कार्यवाहियों को हैडक्वाटर जमा करवाएं।
अंतरराष्ट्रीय सहकारी साल के मद्देनजऱ रजिस्ट्रार ने सभी अधिकारियों की तरफ से सक्रिय और क्षेत्र-आधारित सम्मिलन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि न केवल सहकारी सभाओं का अस्तित्व बरकरार रहे बल्कि इनका विस्तार हो सके और यह ग्रामीण विकास एवं अर्थव्यवस्था में अहम योगदान डालें।
आगामी राज्य-स्तरीय समीक्षा मीटिंग 2 सितम्बर, 2025 को होगी।
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भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने स्वर्गीय संजय वर्मा के परिवार के साथ दुख साझा किया
संजय वर्मा ने कठोर परिश्रम से समाज में बड़ा मुकाम हासिल किया
शोकग्रस्त परिवार को पूर्ण सुरक्षा और न्याय का भरोसा
जगत वर्मा ने अपराधियों के विरुद्ध तेज़ और निर्णायक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया
अबोहर, 1 अगस्त: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी स्वर्गीय संजय वर्मा के निवास पर जाकर शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात की और संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल ने संजय वर्मा के भाई जगत वर्मा से मिलकर दु:ख साझा किया। उन्होंने कहा कि यह न केवल परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी हानि है, जिसने एक संकल्पशील, कर्मठ और प्रेरणादायी व्यक्तित्व को खो दिया है। दोनों नेताओं ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान हो।
दोनों नेताओं ने कहा कि वर्मा परिवार ने कठिन परिश्रम, समर्पण और दृढ़ प्रतिबद्धता के बल पर एक ऊँचा मुकाम हासिल किया है, जिसके कारण अबोहर शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि इस दु:खद घड़ी में पंजाब सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है।
भगवंत मान और केजरीवाल ने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार जघन्य अपराधों के प्रति किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगी और दोषियों को ऐसी सज़ा दिलवाई जाएगी जो समाज के लिए उदाहरण बनेगी।
दोनों नेताओं ने आगे बताया कि इस हत्या में शामिल दो गैंगस्टर पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में पहले ही मारे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने परिवार को आश्वासन दिया कि इस घटना में पूर्ण न्याय दिया जाएगा और इस घिनौने अपराध में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वर्मा परिवार सहित पंजाब के हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसके लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
इस अवसर पर संजय वर्मा के भाई जगत वर्मा ने इस मामले में पंजाब पुलिस द्वारा की गई तेज़ और निर्णायक कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने इस दु:ख की घड़ी में साथ खड़े होने और अपराधियों के विरुद्ध मिसाली कार्रवाई कर न्याय दिलाने के लिए दोनों नेताओं का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर आप पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी उपस्थित थे।
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भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल की ओर से नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू; 'नशे के खिलाफ जंग' के तहत स्कूलों में पढ़ाया जाएगा पाठ्यक्रम
- नशे के खिलाफ जंग में नया अध्याय
- नौंवी से बारहवीं तक के आठ लाख छात्रों को जागरूक करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
- नशे के खतरों के खिलाफ अन्य राज्य पंजाब का मॉडल अपनाएंगे: केजरीवाल
- राज्य को नशा मुक्त बनाएं पंजाबी
- मुख्यमंत्री की ओर से राज्य में नशे के प्रसार के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
- नशे के कारोबार में शामिल बड़ी मछलियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया
अरनिवाला (फाजिल्का), 1 अगस्त: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज एक अनुकरणीय पहल के तहत आठ लाख छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से 'नशे के खिलाफ जंग' के तहत स्कूली पाठ्यक्रम शुरू किया।
सभा को संबोधित करते हुए 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि पंजाब के इस सीमावर्ती जिले से नशे के खिलाफ जंग में एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पंजाब की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है और राज्य सरकार की 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के तीसरे चरण के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए सभी सरकारी स्कूलों में विशेष पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से इन कक्षाओं के आठ लाख छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा और नशीले पदार्थों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि इस कार्यक्रम में 3658 स्कूलों को शामिल किया जाएगा और छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध वैज्ञानिक इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में 35 मिनट के सत्र शामिल हैं, जो 27 सप्ताह तक पखवाड़े के आधार पर आयोजित किए जाएंगे और इनमें वृत्तचित्र, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और विचार-विमर्श गतिविधियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इन सत्रों में नशे से संबंधित मिथकों, नशे को ना कहने की रणनीतियों और सहपाठियों के दबाव को नकारने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नशे के खिलाफ जंग शुरू कर रखी है और इस पहल के तहत 15 हजार तस्करों को जेल में डाला गया है, उनकी संपत्तियां जब्त की गई हैं और एक हजार किलो से अधिक हेरोइन बरामद की गई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अवैध कारोबार से बनाई गई तस्करों की संपत्ति को ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कारोबार के सबसे कुख्यात सरगना को राज्य की ईमानदार सरकार ने सलाखों के पीछे डाला है।
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यह कितनी बड़ी त्रासदी है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इस नशा कारोबारी के पक्ष में आ गई हैं, जिससे उनका घृणित चेहरा उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक पार्टियां नशे के कारण राज्य की दुर्दशा पर तो चुप हैं, लेकिन नशे के सरगना का समर्थन कर रही हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'नशा विरोधी यात्रा' 10 हजार से अधिक गांवों और वार्डों में पहुंच चुकी है और इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि प्रत्येक युवा की यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य सरकार की इस अनूठी और महान पहल का समर्थन करे। उन्होंने कहा कि युवाओं को सहपाठियों के दबाव में नशे का पहली बार स्वाद लेने के लिए नहीं झुकना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए घातक हो सकता है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह हम सभी के लिए नशे के खिलाफ जंग में शामिल होने का सही समय है। उन्होंने कहा कि नशा छोडऩे वाले पीडि़तों के पुनर्वास की कोशिशें भी चल रही हैं ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी राज्य या देश नशे के खतरे से अछूता नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी राज्य नशे की जड़ें काटने के लिए ऐसी जागरूकता मुहिमें चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने के नाते तस्करों के लिए रास्ता बन गया है।
'आप' के राष्ट्रीय संयोजक ने दृढ़ता से कहा कि पंजाब के लोगों ने एकजुट होकर अपने समाज को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तस्करों के खिलाफ सख्ती से शून्य सहनशीलता नीति अपनाई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि समाज को जहर देकर आलीशान घरों में विलासिता का आनंद लेने वाले तस्कर हमारे लोगों के असली दुश्मन हैं और राज्य सरकार इन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की अभूतपूर्व कोशिशों से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने कहा कि अब छात्र निजी स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जिससे लोगों का भरोसा झलकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पंजाब को ऐसी परिस्थितियों में फंसा दिया गया है, जिसके कारण यह कार्यक्रम जरूरी हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों ने पंजाब के माथे पर नशे का दाग लगा दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का कार्यकाल संभालने के बाद हमें रणनीति बनाने में समय लगा और अब राज्य सरकार ने नशा छोडऩे वालों के इलाज के लिए नशा-मुक्ति केंद्र शुरू किए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए भी काम कर रही है ताकि वे सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग पिछले 150 दिनों से जारी है और सैकड़ों पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर यह प्रण लिया है कि वे कभी भी नशा तस्करों का साथ नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह जंग अब जन आंदोलन में बदल गई है और इसके हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में नशा विरोधी शिक्षा को शामिल किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि छात्रों को नशे के लक्षणों और खतरों से अवगत कराया जाएगा क्योंकि नशे का पहली बार उपयोग ही जिंदगी की बर्बादी की शुरुआत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति नहीं करती और स्कूली बच्चों की तो वोट भी नहीं होती, फिर भी हम उन्हें इस अभिशाप के खिलाफ जागरूक करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने नशे के कारोबार को संरक्षण देकर युवाओं को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि ये नेता पार्टियां भी पहाड़ों में कारोबार करते थे और वहीं जमीने खरीदते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं के बच्चे हथियारबंद गार्डों की सुरक्षा में स्कूल जाते थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन नेताओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मजीठिया को पकड़ा गया था, तब कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा सभी उनके समर्थन में आ गए। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ नेता कहते थे कि वे मजीठिया को उसका कॉलर पकडक़र घसीटेंगे, लेकिन अब वे उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से पैसा कमाने की लालच में इन नेताओं ने पंजाब को लूटा और बर्बाद कर दिया। मंत्रियों की सरकारी गाडिय़ों में नशे के पैकेट सप्लाई किए जाते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशा तस्करों को सत्ताधारियों का करीबी दोस्त माना जाता था, जिसके कारण राज्य में नशे ने अपने पांव पसारे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मजीठिया के खिलाफ कानूनी लड़ाई तब तक जारी रखेगी जब तक उसे उसके पापों के लिए कड़ी सजा नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल को सिर्फ अपने रिश्तेदारों के नाम ही पता हैं और वे पंजाब की बुनियादी भौगोलिक स्थिति से भी अनजान हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने बादलों को कई बार चुना, लेकिन इन लोगों ने कभी भी जनता या राज्य की परवाह नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खतरे से राज्य के युवाओं को दूर रखने के लिए पंजाब सरकार हर गांव में खेल मैदान और जिम का निर्माण करवा रही है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी की जानकारी देने के लिए लोगों के लिए व्हाट्सएप नंबर 97791-00200 जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशा छोड़ रहे पीडि़तों के पुनर्वास की कोशिशें भी चल रही हैं ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
अपने संबोधन में 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि पंजाब हमेशा हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है और अब राज्य के स्कूली बच्चे नशे को ना कहने में देश का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के बाद निजी स्कूलों में भी यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों का बुनियादी ढांचा मजबूत हो गया है और राज्य अब शिक्षा के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर है। मनीष सिसोदिया ने नशा तस्करों को चेतावनी दी कि वे इस घृणित अपराध को तुरंत बंद करें या सख्त परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के दौरान राज्य में नशे की महामारी ने अपने पांव पसार लिए थे। हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली 'आप' सरकार ने नशे के खतरे के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है और नशे के खिलाफ पाठ्यक्रम शुरू करने से राज्य से इस अभिशाप को पूरी तरह खत्म करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस, 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा और अन्य उपस्थित थे।
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‘युद्ध नशों विरूद्ध’ के पांच महीने: 1000 किलो हेरोइन समेत 24,089 नशा तस्कर गिरफ्तार
पुलिस टीमों ने 12 करोड़ रुपये की ड्रग्स मनी, 344 किलो अफीम, 204 किलो चूरा-पोस्त, 31 लाख नशीली गोलियां भी जब्त कीं।
153वें दिन 1.7 किलोग्राम हेरोइन, 4 किलोग्राम चूरा-पोस्त समेत 92 नशा तस्कर पकड़े गए।
‘नशा छुड़ाने’ के तहत, पंजाब पुलिस ने 59 व्यक्तियों को नशा मुक्ति इलाज के लिए राज़ी किया।
चंडीगढ़, 1 अगस्तर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर चल रहे निर्णायक अभियान ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ को पूरे पाँच महीने हो चुके हैं। इस दौरान पंजाब पुलिस ने 1 मार्च, 2025 से अब तक 15,242 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं और 24,089 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है, साथ ही 1000 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की है।
इस नशा विरोधी अभियान की शुरुआत के बाद, पंजाब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी 28 जिलों में प्रतिदिन कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए पूरी गंभीरता से कार्य करने को कहा था। पंजाब सरकार ने इस अभियान की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अगुआई में एक 5-सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति का गठन भी किया है।
पुलिस के विशेष महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला, जो इन अभियानों की व्यक्तिगत निगरानी कर रहे हैं, ने बताया कि 1000 किलो हेरोइन के अलावा, पुलिस ने 344 किलो अफीम, 204 क्विंटल चूरा-पोस्त, 14 किलो चरस, 367 किलो गांजा, 6 किलो आइसीइ, 31.27 लाख नशीली गोलियां और 12.12 करोड़ रुपये की ड्रग्स मनी भी जब्त की है।
153वें दिन की कार्रवाई का विवरण देते हुए, विशेष डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस ने 92 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 1.7 किलो हेरोइन, 2 किलो गांजा, 404 किलो चूरा-पोस्त, 4865 नशीली गोलियां और 2490 रुपये की ड्रग्स मनी बरामद की है।
उन्होंने बताया कि 76 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में 1100 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 180 से ज्यादा पुलिस टीमों ने राज्यभर में 378 जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान 65 एफ.आई.आर. दर्ज की गईं और 407 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की गई।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नशे के पूर्ण उन्मूलन के लिए तीन-स्तरीय रणनीति - प्रवर्तन, नशा मुक्ति और रोकथाम (इडीपी) लागू की है। इस रणनीति के तहत, पंजाब पुलिस ने 59 व्यक्तियों को नशा मुक्ति और पुनर्वास उपचार के लिए राज़ी भी किया है।
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एस. सी. आयोग द्वारा डिप्टी कमिश्नर पटियाला तलब
चंडीगढ़, 1 अगस्त:
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन जसवीर सिंह गढ़ी ने पटियाला जिले के गाँव बठोई कलां की शामलात ज़मीन का कब्ज़ा अनुसूचित वर्ग के लोगों को बनती सरकारी फीस जमा करवाने के बावजूद कब्ज़ा न दिलाने और गाँव नियाल के ट्रक ड्राइवर खुदकुशी के मामले के बाद लगे धरने का सू मोटो नोटिस लिया है।
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि इन दोनों मामलों में जि़ला प्रशासन की तरफ से अब तक की गई कार्यवाही सम्बन्धी जानकारी हासिल करने के लिए डिप्टी कमिश्नर पटियाला डा. प्रीति यादव को 5 अगस्त 2025 को निजी तौर पर तलब किया है।
ट्रक ड्राइवर खुदकुशी मामले में मृतक हरप्रीत सिंह अनुसूचित वर्ग से सम्बन्ध रखता है और इस मामले में मृतक के परिवार द्वारा बीते 6 दिनों से शव सडक़ के बीच रख कर धरना लगाया गया है।
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सरहद पार से हथियारों की तस्करी के नैटवर्क का पर्दाफाश; अमृतसर से 7 पिस्तौलों समेत तीन व्यक्ति और एक नाबालिग गिरफ़्तार
इन हथियारों का प्रयोग अंतर-गिरोह दुश्मनी को भडक़ाने और क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए किया जाना था: डीजीपी गौरव यादव
बड़ी आपराधिक कार्यवाही को टालने में मिली सफलता: सीपी अमृतसर गुरप्रीत भुल्लर
चंडीगढ़/ अमृतसर, 1 अगस्त: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए जारी मुहिम के दौरान बड़ी सफलता हासिल करते हुये अमृतसर कमिशनरेट पुलिस ने एक नाबालिग समेत चार गुर्गों को गिरफ़्तार करके सरहद पार से ग़ैर-कानूनी हथियारों की तस्करी में शामिल दो अलग-अलग माड्यूलों का पर्दाफाश किया है और उनके कब्ज़े में से सात आधुनिक पिस्तौल बरामद किये हैं। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान गाँव भगवानपुरा, तरनतारन के सिकन्दरजीत सिंह (19) ; अंतरजामी कालोनी, अमृतसर के प्रदीप सिंह उर्फ बब्बल ( 43) ; न्यू शहीद उधम सिंह नगर, अमृतसर के जरनैल सिंह (34) के तौर पर हुई है। इसके साथ ही तरनतारन के रहने वाले एक 17 साला नाबालिग को भी गिरफ़्तार किया गया है।
बरामद किये गए हथियारों में दो गलौक पिस्तौल., .30 बोर के चार स्टार पिस्तौल, एक .32 बोर पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस शामिल हैं। हथियार बरामद करने के इलावा पुलिस टीमों ने उनका मोटरसाईकल भी बरामद किया है, जिसका प्रयोग वह खेप पहुँचाने के लिए कर रहे थे।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि उक्त मुलजिम पाकिस्तान स्थित तस्करों के संपर्क में थे और अंतरराष्ट्रीय सरहद के पास से हथियारों की खेप हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि इन हथियारों का प्रयोग अंतर-गिरोह दुश्मनियों को भडक़ाने और क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए किया जाना था।
डीजीपी ने कहा कि इस सम्बन्धी अगले-पिछले संबंधों का पता लगाने और हथियारों की तस्करी के इस समूचे नैटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आगे जांच जारी है।
आपरेशन के विवरण सांझे करते हुये पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि मुलजिम सिकंदर और 17 साला नाबालिग, पाकिस्तान आधारित तस्करों के संपर्क में थे। उनका घर अंतरराष्ट्रीय सरहद के नज़दीक है और निर्धारित स्थानों से ड्रोन के द्वारा फेंकी खेपें प्राप्त करते थे।
दूसरे माड्यूल के बारे जानकारी देते हुये पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मुलजिम प्रदीप और जरनैल मृतक रवनीत सिंह उर्फ सोनू मोटा, जिसकी जग्गू भगवानपुरिया गैंग के साथ दुश्मनी थी, के साथी हैं। उन्होंने कहा कि यह हथियार पाकिस्तानी तस्करों से प्राप्त किये गए आधुनिक पिस्तौल हैं और मृतक सोनू मोटा ने अपनी मौत से पहले उनको यह सौंपे थे। उन्होंने कहा कि इन हथियारों की बरामदगी से इलाके में बड़ी आपराधिक कार्यवाही को टालने में सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी आगामी जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ़्तारियाँ होने की संभावना है।
इस सम्बन्धी दो अलग-अलग मामले- पुलिस थाना गेट हकीमा, अमृतसर में हथियार एक्ट की धारा 25(7) और 27 के अधीन एफआईआर नं. 187 तारीख़ 26. 07. 2025 और पुलिस थाना बी-डिविजऩ, अमृतसर में हथियार एक्ट की धारा 25 अधीन एफआईआर नं. 160 तारीख़ 29.07.2025 दर्ज किये गए हैं।
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पंजाब सरकार ने जीएसटी रिफंडों में तेजी लाई, जुलाई में 241.17 करोड़ रुपए किए मंज़ूर: हरपाल सिंह चीमा
कहा, अर्जय़िों की संख्या के लिहाज़ से कुल निपटारे का अनुपात 60त्न तक पहुंचने की उम्मीद
चंडीगढ़, 1 अगस्त: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां ऐलान किया कि पंजाब सरकार द्वारा बकाया पड़े वस्तुओं और सेवाओं कर (जीएसटी) रिफंड की अर्जय़िों पर कार्रवाई करते हुए जुलाई महीने में 1,408 अर्जय़िों को मंज़ूरी दी गई है, जिनका कुल रिफंड 241.17 करोड़ रुपए बनता है।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कारोबारियों के लिए रिफंड प्रक्रिया को सुचारु बनाने के प्रयासों के चलते 31 जुलाई, 2025 तक राज्य द्वारा पिछले बकाए के एक बड़े हिस्से का निपटारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2025 तक 3,452 लंबित रिफंड अर्जय़िाँ थीं, जिनकी कुल राशि 832.93 करोड़ रुपए थी। उन्होंने खुलासा किया कि जुलाई में 241.17 करोड़ रुपए के रिफंड को मंज़ूरी दी गई, जिनमें से 57 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) के हिस्से के हैं, जो सीधे राज्य के खजाने से वापस किए गए हैं, और 184.17 करोड़ रुपए इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) के हिस्से के हैं, जो केंद्र सरकार द्वारा भुगतान किए जाएंगे।
इन रिफंडों के राज्य की वित्त पर सीधे प्रभाव के बारे में ज़िक्र करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एसजीएसटी रिफंड को कुल कर वसूली में से घटाकर राज्य की शुद्ध आमदनी का पता लगाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि 663 और अर्जय़िाँ, जिनकी कुल राशि 52 करोड़ रुपए है, पर वर्तमान में कार्रवाई चल रही है। एक बार जब इन अर्जय़िों को मंज़ूरी मिल जाती है, तो अर्जय़िों की संख्या के लिहाज़ से कुल निपटारे का अनुपात 60 प्रतिशत और कुल रिफंड राशि के लिहाज़ से 35 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ‘आम आदमी पार्टी’ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की पारदर्शी और कुशल कर प्रशासन प्रणाली को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार स्थानीय कारोबारों को सहायता देने और पंजाब में व्यापार करने की सुगमता को बेहतर बनाने के लिए बकाया रिफंडों के त्वरित निपटारे को प्राथमिकता देना जारी रखेगी।
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गुरमीत सिंह खुड्डियां ने 11 नव-नियुक्त कृषि विकास अफसरों को नियुक्ति पत्र सौंपे
कृषि मंत्री ने नव-नियुक्त अफ़सरों को दी बधाई और पंजाब के किसानों की भलाई के लिए ईमानदारी से सेवाएं निभाने के लिए किया प्रेरित
चंडीगढ़, 1 अगस्त: पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज अपने दफ़्तर में कृषि विभाग में 11 नौजवानों को कृषि विकास अफ़सर (ए. डी. ओ.) के तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपे।
नव-नियुक्त ए. डी. ओज़ को बधाई देते हुए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने उनको अपनी ड्यूटी लगन और ईमानदारी के साथ निभाते हुये राज्य के किसानों की बेहतरी और कृषि सैक्टर के विकास को नये राह पर लेजाने के लिए अथक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
कैबिनेट मंत्री ने नव-नियुक्त अफसरों की जिम्मेदारियों की महत्ता पर ज़ोर देते हुये पंजाब को एक खुशहाल कृषि राज्य बनाने के लिए किसानों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह यत्नशील रहने के लिए उत्साहित किया।
कृषि विभाग की भर्ती मुहिम पर रौशनी डालते हुये स. खुड्डियां ने बताया कि इससे पहले 20 मई, 2025 को 184 कृषि विकास अफसरों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे। इन 11 नव- नियुक्त ए. डी. ओज़ की भर्ती से विभाग में भर्ती किये गए ए. डी. ओज़ की कुल संख्या अब 195 हो गई है। जि़क्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा सत्ता संभालने से लेकर अब तक राज्य के नौजवानों को 55000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ दीं गई हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह भर्ती विभाग के सामथ्र्य में विस्तार करेगी जिससे राज्य के किसानों को और ज्यादा प्रभावशाली और कुशल सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।
कृषि और किसान कल्याण विभाग के प्रशासनिक सचिव डा. बसंत गर्ग ने नव- नियुक्त कृषि विकास अफसरों को बधाई दी और उनको अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और लगन के साथ निभाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर कृषि विभाग के डायरैक्टर जसवंत सिंह और विभाग के अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।
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एस. सी. आयोग द्वारा ट्रक ड्राइवर खुदकुशी मामले में एस. एस. पी. पटियाला तलब
चंडीगढ़, 1 अगस्त:
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन जसवीर सिंह गढ़ी ने पटियाला जि़ले का कस्बा पातड़ां के नज़दीक पड़ते गाँव नियाल के दो ड्राइवरों की तरफ से खुदकुशी करने के मामले में सू मोटो नोटिस लेते हुये सीनियर कप्तान पटियाला को तलब किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि पटियाला जि़ले के कस्बा पातड़ां के नज़दीक पड़ते गाँव नियाल के दो ड्राइवरों की तरफ से बीते दिनों खुदकुशी कर ली गई थी, इनमें से एक मृतक हरप्रीत सिंह अनुसूचित जाति से सम्बन्धित था और उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा बीते छह दिनों से पातड़ां पटियाला मार्ग पर धरना लगाया गया है।
इस मामले में आयोग के चेयरमैन ने एस. एस. पी. पटियाला को निजी तौर पर पेश होकर 5 अगस्त, 2025 को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
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पंजाब के जीएसटी राजस्व में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी की कड़ी जारी, जुलाई में 32 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी दर्ज: हरपाल सिंह चीमा
मौजूदा वित्तीय वर्ष में जुलाई तक नैट जीएसटी राजस्व 9188.18 करोड़ रुपए तक पहुँचा
वित्तीय साल 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान 'सीपू' ने जुर्मानों के तौर पर 156.40 करोड़ रुपए वसूले
कहा, ‘आप’ सरकार के सक्रिय कदमों स्वरूप पंजाब टैक्स वसूली में अग्रणी राज्यों में शामिल
चंडीगढ़, 1 अगस्त: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ ऐलान किया कि राज्य ने एक बार फिर टैक्स राजस्व बढ़ोतरी के मामले में रिकॉर्ड तोड़ते हुये जुलाई 2025 में वसूले गए वस्तु और सेवा कर ( जीएसटी) में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 32.08 प्रतिशत की शुद्ध बढ़ोतरी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि यह शानदार कारगुज़ारी पिछले साढ़े तीन सालों से टैक्स राजस्व में साल-दर-साल और महीना-दर-महीना रिकॉर्ड-तोड़ बढ़ोतरी दर्ज करने के राज्य के निरंतर रुझान का हिस्सा है।
यहाँ जारी एक प्रैस बयान में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जुलाई 2025 में वसूला गया शुद्ध जीएसटी राजस्व 2357.78 करोड़ रुपए रहा, जो जुलाई 2024 में वसूले गए 1785.07 करोड़ रुपए के मुकाबले 572.71 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रभावशाली विकास यात्रा का इस वित्तीय साल के आंकड़ों से भी पता लगता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय साल के जुलाई महीने तक शुद्ध जीएसटी राजस्व 9188.18 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जो वित्तीय साल 2024-25 की इसी अवधि के दौरान वसूले गए 7162.82 करोड़ रुपए के मुकाबले 2025.36 करोड़ रुपए अधिक है।
वित्त मंत्री चीमा ने इस शानदार बढ़ोतरी का श्रेय ‘आम आदमी पार्टी’ के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा लागू की प्रभावशाली नीतियों को दिया, जिन्होंने कारोबार के लिए अनुकूल माहौल पैदा करने के साथ-साथ करपालना को उत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि विभाग की लागूकरन कार्यवाहियों ने भी कर चोरी को रोकने में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें ईमानदार करदाताओं की मदद करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
कर चोरी के विरुद्ध विभाग के सख़्त रूख को उजागर करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि वित्तीय साल 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान कर विभाग, पंजाब की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एंड प्रीवैंटिव यूनिट (सीपू) ने जुर्मानों के तौर पर 156.40 करोड़ रुपए वसूल किये हैं। इसमें से 57.43 करोड़ रुपए सडक़ों पर की गई चैकिंगों से और 98.97 करोड़ रुपए जाँचों और पड़तालों से वसूले गए हैं। इसके इलावा, सीपू ने दो बड़े जीएसटी धोखाधड़ी के मामलों का पर्दाफाश किया, जिसमें 2620.80 करोड़ रुपए के जाली लेन-देन और 296.32 करोड़ रुपए की अंदाजऩ कर चोरी शामिल है। विभाग के सख़्त लागूकरन यत्नों को जून 2025 में इस रकम से भी अधिक के घोटालों के लिए दो एफआईआर दर्ज करने से और मज़बूती मिली है।
वित्त मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब सरकार के सक्रिय कदमों ने कई चुनौतियों के बावजूद राज्य को कर वसूली में अग्रणी प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शुमार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य की जीएसटी वसूली की विकास दर लगातार राष्ट्रीय औसत से बढ़ रही है, जो सरकार की नीतियों और पहलकदमियों की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने एक पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष कर प्रणाली बनाई रखने के लिए पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुये कहा कि इस नीति के अंतर्गत सभी भाईवालों के बनते योगदान को यकीनी बनाते हुए आर्थिक विकास को उत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने मज़बूत वित्तीय प्रबंधन स्वरूप पंजाब सरकार अन्य वित्तीय प्राप्तियों के लिए तैयार है, जो राज्य के एक ख़ुशहाल और प्रगतिशील भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
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डेराबस्सी में भीख मांग रहे बच्चों के बचाव और पुनर्वास के लिए डॉ. बलजीत कौर द्वारा तुरंत कार्रवाई के आदेश
चंडीगढ़, 1 अगस्त: डेराबस्सी फ्लाईओवर के पास भीख मांग रहे बच्चों और उनके परिवारों की अत्यंत दयनीय और चिंताजनक स्थिति से जुड़ी रिपोर्टों के सामने आने के बाद, पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इन बच्चों के बचाव और पुनर्वास हेतु सख्त आदेश जारी किए हैं।
संबंधित क्षेत्र से मिली रिपोर्ट के अनुसार, ये बच्चे और उनके परिवार असुरक्षित और गंदगी भरे खुले स्थानों पर रह रहे हैं। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि ये बच्चे शोषण का शिकार हो रहे हैं और उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिटों और ज़िला प्रशासन को तुरंत उक्त क्षेत्र में विशेष बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। बचाए गए बच्चों के लिए तुरंत आवास, भोजन, चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही डॉ. बलजीत कौर ने प्रदेश के अन्य सभी ज़िलों के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि डेराबस्सी जैसी स्थितियों को गंभीरता से लेते हुए अपने-अपने जिलों में भी भीख मांग रहे बच्चों की पहचान, रेस्क्यू और पुनर्वास हेतु विशेष अभियान तुरंत शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान "प्रोजेक्ट जीवनजोत-2: बचपन बचाओ" के तहत निरंतर और प्रतिबद्धता के साथ चलाया जाना चाहिए ताकि पंजाब के हर कोने से बच्चों को भीख मांगने से रोका जा सके।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बच्चों से जबरन भीख मंगवाई जा रही हो तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने "प्रोजेक्ट जीवनजोत - बचपन बचाओ" के तहत पुनर्वास और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगर निगम अधिकारियों के साथ समन्वय में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि यदि कहीं भी बच्चों से भीख मंगवाई जा रही हो या किसी भी प्रकार की तस्करी हो रही हो तो इसकी सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार हर बच्चे को सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य देने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।